छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में सुरक्षा बलों ने 10 मई को एक मुठभेड़ में 12 कथित माओवादियों को मारने का दावा किया है. मृतकों के परिजनों का कहना है कि 12 में से 10 मृतक पीडिया और ईतावर गांव के निवासी थे और खेती-किसानी किया करते थे.
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बीजापुर में एक समूह पर ईसाई दंपति को कथित तौर उनके धर्म को लेकर प्रताड़ित किए जाने का आरोप है. पीड़ितों के उनकी शिकायत लेकर स्थानीय अदालत पहुंचने के बाद इसे लेकर एफआईआर दर्ज की गई है.
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले का मामला. एक रिपोर्ट के अनुसार, दरभा गांव में रहने वाले तीन परिवारों से कथित तौर पर 2 जुलाई को कथित माओवादियों ने मुलाकात की और उनसे सीआरपीएफ भर्ती हुए युवकों को बल छोड़ने के लिए मनाने या उनके परिवारों को परिणाम भुगतने के लिए कहा गया था. उसके बाद उन्होंने गांव छोड़ दिया.
घटना नारायणपुर ज़िले की है, जहां अज्ञात हमलावरों ने भाजपा की नारायणपुर ज़िला इकाई के उपाध्यक्ष सागर साहू पर तब गोलियां चलाईं, जब वे छोटेडोंगर गांव में उनके घर पर थे. इससे पहले पांच फरवरी को बीजापुर में नक्सलियों ने भाजपा की अवापल्ली मंडल इकाई के अध्यक्ष नीलकंठ काकेम की हत्या कर दी थी.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले का मामला. पुलिस के मुताबिक, नक्सलियों ने स्थानीय पत्रकार के भाई पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया था. इसी तरह राज्य के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी ज़िले में नक्सलियों ने एक 32 वर्षीय व्यक्ति की कथित तौर पर हत्या कर दी है.
बस्तर संभाग के बीजापुर ज़िले की स्पोर्ट्स अकादमी के पांच युवा आदिवासी जूडो-कराटे खिलाड़ियों ने सवर्ण जाति के दो कोच पर आरोप लगाया है कि ट्रेनिंग को लेकर ढुलमुल रवैये की बात कहने पर दोनों ने खिलाड़ियों को बुरी तरह पीटा और उसके बाद सभी बच्चों की ट्रेनिंग बंद करवा दी गई.
बीजापुर ज़िले के धुर नक्सल प्रभावित बेचापाल में 30 नवंबर से ग्रामीण पुलिस कैंप के विरोध में धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि उन्हें स्कूल, अस्पताल तो चाहिए लेकिन कैंप और पक्की सड़क नहीं. उनका दावा है कि यदि रोड बनती है तो फोर्स गांवों में घुसेगी, लोगों को परेशान किया जाएगा. झूठे नक्सल प्रकरण में जेल में डाला जाएगा.
छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले के सिलगर गांव स्थित सीआरपीएफ के सुरक्षा शिविर के विरोध में आदिवासियों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था. इन प्रदर्शनों के दौरान पुलिस फायरिंग में बीते 17 मई को तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए थे. सुरक्षाबलों ने मारे गए लोगों को माओवादी बताया था और मृतकों के परिजनों ने इस बात से इनकार किया है.
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के सिलगर गांव में बने सीआरपीएफ के शिविर का आदिवासी विरोध कर रहे हैं. 17 मई को पुलिस फायरिंग में मारे गए तीन लोगों को पुलिस ने माओवादी बताया है, जबकि उनके परिजन इस बात से इनकार कर रहे हैं.
दंतेवाड़ा और बीजापुर ज़िले के पहाड़ी सिरे पर बसे गमपुर के नौजवान बदरू माडवी को बीते साल जन मिलिशिया कमांडर बताते हुए एनकाउंटर करने का दावा किया गया था. बदरू के परिजनों और ग्रामीणों ने इन आरोपों से इनकार करते हुए न्याय की लड़ाई के प्रतीक के तौर पर उनका शव संरक्षित करके रखा हुआ है.
बीते शनिवार को बीजापुर-सुकमा ज़िले की सीमा पर जोनागुड़ा गांव के पास नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए थे. इस दौरान सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह लापता हो गए थे. उनकी रिहाई की मांग करते हुए परिवार ने कहा कि उन्हें इस बारे में मीडिया से जानकारी मिली, सरकार द्वारा कुछ नहीं बताया गया.
शनिवार दोपहर छत्तीसगढ़ में बीजापुर-सुकमा ज़िले की सीमा पर जगरगुंड़ा थाना क्षेत्र (सुकमा जिला) के अंतर्गत जोनागुड़ा गांव के पास नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच तीन घंटे चली मुठभेड़ में पांच जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के दौरान 18 अन्य जवानों के लापता होने की जानकारी मिली थी.
छत्तीसगढ़ के बस्तर की एकमात्र आदिवासी महिला पत्रकार पुष्पा रोकड़े को 13 दिसंबर 2020 और 28 जनवरी 2021 को जान से मारने की धमकी मिली है. ये धमकियां कथित तौर पर माओवादी दक्षिण बस्तर पामेड एरिया समिति द्वारा दी गई हैं.
मामला छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का है. 18 ग्राम पंचायतों और 50 गांवों के हजारों आदिवासी कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. आदिवासियों का कहना है कि तेंदू पत्ता प्रमुख आय स्रोतों में से एक है और बैंक से नकद लेने के लिए शहर में आना अक्सर उस राशि की तुलना में अधिक महंगा होता है.