भारतीय जनता पार्टी के सोशल मीडिया पर एक पोस्टर साझा किया गया, जिसमें अरबपति समाजसेवी जॉर्ज सोरोस द्वारा राहुल गांधी को कठपुतली बनाकर चलाते हुए दिखाया गया है. सोरोस की यह तस्वीर जो एक वायरल दक्षिणपंथी यहूदी विरोधी मीम है. इस पोस्टर की आलोचना करते हुए इसे घृणात्मक और विकृत बताया गया है.
वीडियो: यूएपीए के तहत दर्ज एक मामले में पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने बीते 3 अक्टूबर को समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और प्रशासक अमित चक्रवर्ती को गिरफ़्तार कर लिया था. इस मामले को लेकर स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव से बातचीत.
अक्टूबर के शुरुआती कुछ दिनों में ही देश के विभिन्न राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों के व्यवस्थित 'छापे', 'क़ानूनी कार्रवाइयां', नए दर्ज हुए केस और उन आवाज़ों पर दबाव बनाने के प्रयास देखे गए, जो इस सरकार से असहमत हैं या उसकी आलोचना करते हैं.
निर्माणाधीन राम मंदिर परिसर के पास स्थित ‘मस्जिद बद्र’ की ज़मीन के कथित मुतवल्ली द्वारा इसे तीस लाख रुपये में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बेचने के ‘गुपचुप’ एग्रीमेंट और आधी रकम एडवांस लेने पर मुस्लिम प्रतिनिधियों ने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि सौदा करने वाले न ही मुतवल्ली हैं, न ही वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति होने के चलते उनके पास इसे बेचने का हक़ है.
बीते दिनों संजय गांधी अस्पताल में एक महिला की सर्जरी के बाद मौत को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया था. अस्पताल का संचालन कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है.
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने पिछले पांच वर्षों में देश में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में असफल उम्मीदवारों के अलावा सभी मौजूदा सांसदों और विधायकों के हलफ़नामों का विश्लेषण किया है. इसके अनुसार हेट स्पीच से संबंधित घोषित मामलों वाले 480 उम्मीदवारों ने राज्य विधानसभाओं, लोकसभा और राज्यसभा का चुनाव लड़ा है.
यूएपीए के तहत दर्ज एक मामले में पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने बीते मंगलवार समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और प्रशासक अमित चक्रवर्ती को गिरफ़्तार कर लिया था. यह मामला न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट पर आधारित है, जिसमें दावा किया गया है कि इस वेबसाइट को ‘भारत विरोधी’ माहौल बनाने के लिए चीन से धन मिला है.
समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरस्कायस्थ के अलावा एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया है. इससे पहले मंगलवार सुबह पुलिस ने बीते अगस्त माह में यूएपीए के तहत दर्ज मामले के संबंध में कुल 37 पुरुषों और 9 महिलाओं के ख़िलाफ़ छापेमारी और पूछताछ की. उनके मोबाइल-लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी ज़ब्त कर लिए गए हैं.
तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, जिनमें से चार किसान थे. ये किसान उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे थे. मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा और उनके दर्जन भर साथियों के ख़िलाफ़ किसानों को थार जीप से कुचलकर मारने और उन पर फायरिंग करने जैसे गंभीर आरोप हैं.
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असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि ‘मिया’ लोग उनका, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का समर्थन करते हैं और वे उन्हें वोट दिए बिना भगवा ब्रिगेड के पक्ष में नारे लगाना जारी रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि जब वे परिवार नियोजन का पालन करेंगे, बाल विवाह रोकेंगे और कट्टरवाद छोड़ देंगे तब हमें वोट करें.
प्रदर्शन में शामिल नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम नामक संगठन की ओर से कहा गया है वह अगले कुछ दिनों तक सरकार की प्रतिक्रिया का इंतज़ार करेगा. अगर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो संगठन सभी राज्यों में भाजपा के ख़िलाफ़ अभियान चलाएगी और लोगों से 2024 के आम चुनाव में पार्टी को वोट न देने के लिए कहेगी.
वीडियो: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती का एक वीडियो क्लिप सामने आया है, जिसमें वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर जमकर निशाना साध रही है. यह उनके भाजपा और मोदी सरकार के प्रति काफ़ी समय से अख़्तियार किए गए रवैये से उलट है. इस पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
अयोध्या में ज़मीन खरीद-फ़रोख़्त में भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में रह चुकी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर अब हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं ने गढ़ी की अंगद टीले की भूमि हड़पने के प्रयास करने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
गुजरात विधानसभा ने बीते 16 सितंबर को विवादास्पद विधेयक पारित किया था, जिससे राज्य के 11 सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को इसके दायरे में लाया गया और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कामकाज को नियंत्रित करने वाले विभिन्न क़ानूनों को एकीकृत किया गया. कांग्रेस का आरोप है कि इस क़ानून के कड़े प्रावधान शैक्षणिक स्वतंत्रता एवं विश्वविद्यालय के आंतरिक कामकाज के लिए नुकसानदायक हैं.