महामारी के बीच जेल में बंद राजनीतिक क़ैदियों की स्थिति बदहाल

वीडियो:  कथित माओवादी लिंक मामले में सज़ा काट रहे प्रोफेसर जीएन साईबाबा हाल ही में कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिसके बाद उनकी पत्नी ने उनकी रिहाई की मांग की है. दिल्ली दंगों संबंधी मामलों में गिरफ़्तार एक अन्य राजनीतिक क़ैदी ख़ालिद सैफ़ी की पत्नी नरगिस ने भी जेल की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए हैं. उनसे बातचीत.

नागपुर जेल में जीएन साईबाबा कोरोना संक्रमित हुए, पत्नी ने अस्पताल भेजने की गुहार लगाई

माओवादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के चलते नागपुर जेल में उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा दूसरी बार कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं.

जेल में स्टेन स्वामी के साथ हुए दुर्व्यवहार से लोकतंत्र की नींव हिल जानी चाहिएः साथी क़ैदी

एल्गार परिषद मामले में यूएपीए के तहत अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किए गए 84 वर्षीय आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी का जुलाई 2021 में मेडिकल आधार पर ज़मानत का इंतज़ार करते हुए अस्पताल में निधन हो गया था. ज़मानत याचिका ख़ारिज किए जाने के विशेष अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ स्वामी ने हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसकी सुनवाई उनके गुज़रने के बाद हो रही है.

अदालत ने ज़मानत पर चल रहीं सुधा भारद्वाज को मुंबई के बजाय ठाणे में रहने की अनुमति दी

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में क़रीब तीन साल बाद ज़मानत पर रिहा हुईं, अधिवक्ता और कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज ने अर्ज़ी देकर ठाणे स्थित मित्र के घर में रहने की अनुमति मांगी थी और कहा था कि मुंबई में घर पाना महंगा है. अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए उन्हें हर हफ़्ते ठाणे के वर्तक नगर पुलिस थाने में हाज़िरी देने का निर्देश दिया है.

एल्गार परिषद मामला: आठ आरोपियों ने ज़मानत से इनकार के आदेश में सुधार का अदालत से किया अनुरोध

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीते एक दिसंबर को वकील एवं नागरिक अधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को तकनीकी ख़ामी के आधार पर ज़मानत दे दी थी और आठ अन्य आरोपियों की इसी आधार पर ज़मानत की अर्जी खारिज़ कर दी थी. आरोपियों ने दावा किया है कि उन्हें ज़मानत से इनकार करने का आदेश ‘तथ्यात्मक त्रुटि’ पर आधारित है.

एल्गार परिषदः स्टेन स्वामी पर लगाए गए आरोप हटवाने के लिए सहयोगी हाईकोर्ट पहुंचे

एल्गार परिषद मामले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किए गए दिवंगत आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के सहयोगी फादर फ्रेजर मास्करेन्हास ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एनआईए द्वारा स्वामी पर लगाए गए आरोपों को हटाने के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट को जांच का निर्देश देने की मांग की है.

एल्गार परिषद मामले में आरोपी सुधा भारद्वाज तीन साल बाद जेल से रिहा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 60 वर्षीय अधिवक्ता और कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को बीते एक दिसंबर को ज़मानत दे दी थी. भारद्वाज को अगस्त 2018 में पुणे पुलिस द्वारा जनवरी 2018 में भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा और माओवादियों से कथित संबंधों के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया था.

सुधा भारद्वाज को ज़मानत: सबसे बड़े लोकतंत्र में क्या राजनीतिक क़ैदियों के अधिकार सुरक्षित हैं?

वीडियो: भीमा-कोरेगांव एल्गार परिषद मामले में साढ़े तीन साल से जेल में बंद वकील सुधा भारद्वाज को बीते दिनों बॉम्बे हाईकोर्ट ने डिफॉल्ट ज़मानत दे दी है. हालांकि, अदालत ने अन्य आठ आरोपियों की ज़मानत अर्ज़ी एक बार फ़िर ख़ारिज कर दी है.

एल्गार परिषदः सुरेंद्र गाडलिंग का आरोप- दवाइयां मुहैया नहीं करा रहा तलोजा जेल प्रशासन

एल्गार परिषद मामले में आरोपी वकील सुरेंद्र गाडलिंग ने तलोजा सेंट्रल जेल के अधीक्षक पर उनकी दवाइयों की सप्लाई रोकने का आरोप लगाया है. बताया गया कि इन दवाइयों के लिए उनके परिजनों ने निचली अदालत से अनुमति प्राप्त की थी, लेकिन अब अदालती आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है.

एनआईए कोर्ट ने सुधा भारद्वाज को जेल से रिहा करने की अनुमति दी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत द्वारा वकील और कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को 50 हज़ार रुपये के मुचलके पर रिहाई देते हुए कहा गया कि उन्हें अदालत के न्यायाधिकार क्षेत्र में ही रहना होगा और बिना कोर्ट की अनुमति के मुंबई छोड़कर नहीं जाना होगा. साथ ही उनके मीडिया से बातचीत पर भी रोक लगाई गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने सुधा भारद्वाज की ज़मानत के ख़िलाफ़ एनआईए की याचिका ख़ारिज की

शीर्ष अदालत ने कार्यकर्ता और वकील सुधा भारद्वाज की डिफ़ॉल्ट ज़मानत के ख़िलाफ़ एनआईए द्वारा दी गई दलीलों पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता.

एल्गार परिषदः एनआईए ने सुधा भारद्वाज को डिफॉल्ट ज़मानत दिए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एल्गार परिषद मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील सुधा भारद्वाज को इस आधार पर ज़मानत दी है कि उनके ख़िलाफ़ निश्चित अवधि में आरोपपत्र दायर नहीं किया गया.

एल्गार परिषद: सुधा भारद्वाज को हाईकोर्ट से ज़मानत मिली, अन्य आठ की याचिका ख़ारिज

सुधा भारद्वाज को निश्चित अवधि में उनके ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर न करने के आधार पर ज़मानत दी गई है. जिन आठ सह-आरोपियों की अपील ख़ारिज हुई है, उनमें सुधीर धवले, वरवरा राव, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, वर्नोन गोन्साल्विस और अरुण फरेरा शामिल हैं.

एल्गार परिषद: कोर्ट ने कहा- वरवरा राव को दो दिसंबर तक समर्पण करने की ज़रूरत नहीं

एल्गार परिषद मामले में आरोपी 83 वर्षीय कवि वरवरा राव को फरवरी में मेडिकल आधार पर मिली अंतरिम ज़मानत के बाद पांच सितंबर को आत्मसमर्पण कर न्यायिक हिरासत में लौटना था, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा इस अवधि को बढ़ाया गया. राव के वकील ने कोर्ट को बताया कि इस दौरान राव बीमार थे और उन्हें मुंबई के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पहचान के लिए आधार कार्ड एकमात्र आधार नहींः बॉम्बे हाईकोर्ट

ठाणे के आदिवासी इलाकों के लोगों ने अदालत के समक्ष शिकायत की थी कि प्रशासन ने उन्हें खाद्यान्न देने से इनकार कर दिया है क्योंकि उनके आधार कार्ड आरसीएमएस पोर्टल से जुड़े हुए नहीं हैं. कोर्ट ने एनएफएसए के तहत राशन कार्ड की वैधता बताते हुए कहा कि आधार को अनिवार्य रूप से लागू करना आठ फरवरी 2017 को जारी केंद्र की अधिसूचना का स्पष्ट उल्लंघन है.