कृषि मंत्रालय तीन साल में बजट में आवंटित 44,000 करोड़ रुपये इस्तेमाल नहीं कर सका: रिपोर्ट

लोकसभा में पेश कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि मंत्रालय द्वारा वापस की गई धनराशि मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी राज्यों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के कल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं के लिए ‘कम आवश्यकता’ के कारण है.

छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनावों से पहले 2,500 रुपये मासिक बेरोज़गारी भत्ता देने का ऐलान किया

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने चार साल पहले 2018 के विधानसभा चुनावों में बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा किया था. राज्य में अगला विधानसभा चुनाव इसी साल नवंबर में होना है.

‘मोदी सरकार द्वारा धीरे-धीरे मनरेगा का गला घोंटने का काम किया जा रहा है’

‘नरेगा संघर्ष मोर्चा’ के बैनर तले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के श्रमिक विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर पिछले दो हफ़्तों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. विशेष रूप से अनिवार्य ऐप आधारित उपस्थिति प्रणाली को लेकर मज़दूरों में आक्रोश और असमंजस की स्थिति है. 

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा- राज्यों को भी मनरेगा मज़दूरी का हिस्सा वहन करना चाहिए

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के लाभार्थियों पर मज़दूरी का वित्तीय बोझ भी राज्य सरकारों द्वारा उठाया जाना चाहिए, ताकि उन्हें भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए और अधिक सक्रिय बनाया जा सके. 

झारखंड: पिछले बजट की घोषणाओं को साकार करने में कितने सफल हुए हैं हेमंत सोरेन

केंद्र सरकार के बजट में सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य व शिक्षा को न केवल दरकिनार किया गया है बल्कि मनरेगा सरीखी कई ज़रूरी योजनाओं के आवंटन में भारी कटौती की गई है. ऐसे में झारखंड जैसा राज्य जो कुपोषण, ग़रीबी व ग्रामीण बेरोज़गारी से जूझ रहा है, वहां आने वाले राज्य बजट के पहले पिछले बजटों में की गई घोषणाओं के आकलन की ज़रूरत है.

मनरेगा योजना: केंद्र पर 14 राज्यों की 6,157 करोड़ रुपये की देनदारी बकाया

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत केंद्र द्वारा 14 राज्यों को 6,157 करोड़ रुपये का बकाया देना बाकी है. इनमें 8 राज्य विपक्ष शासित हैं. लगभग 2,700 करोड़ रुपये अकेले पश्चिम बंगाल को देना बाकी है.

आरएसएस से जुड़े संगठन ने कहा- बजट में चीन से रिकॉर्ड तोड़ आयात का कोई समाधान नहीं

आरएसएस से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश बजट में की गईं कई घोषणाओं पर असंतोष व्यक्त किया है और कहा है कि आज देश चीन से रिकॉर्ड तोड़ आयात और बढ़ते व्यापार घाटे से गुज़र रहा है, लेकिन वित्त मंत्री का ध्यान इस ओर नहीं गया.

आरएसएस से संबद्ध संस्थाओं ने बजट पर चिंता जताई

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध संस्था स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि नई कर व्यवस्था का करदाताओं की बचत पर बुरा असर पड़ेगा. संस्था ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि नई कर व्यवस्था में कुछ इस तरह का बदलाव किया जाए, जिससे मध्य वर्ग बचत करने को प्रेरित हो. आरएसएस से ही जुड़े भारतीय मज़दूर संघ ने भी बजट पर निराशा जताई है.

बजट 2023: अल्पसंख्यकों से जुड़ी योजनाओं में भारी कटौती, मंत्रालय का आवंटन 38 फीसदी घटाया गया

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को 3,097 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जबकि पिछले साल यह 5,020.50 करोड़ रुपये था.

बजट निराशाजनक, भेदभावपूर्ण, पूरी तरह विफल और लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात है: विपक्ष

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश वित्त वर्ष 2023-24 के बजट की विपक्षी दलों ने आलोचना करते हुए कहा है कि यह विपक्ष शासित राज्यों के साथ भेदभाव करता है और इसमें गरीबों, किसानों, मज़दूरों आदि का ख्याल न रखते हुए पूंजीपतियों का हित देखा गया है.

अंबानी-अडानी की पूजा की जानी चाहिए क्योंकि वे रोज़गार पैदा कर रहे हैं: भाजपा सांसद

संसद ने विपक्ष द्वारा आय में असमानता का मुद्दा उठाने पर भाजपा सांसद केजे अल्फोंस ने कहा कि इस देश में पैसा निवेश करने वाले अंबानी, अडानी या हर उद्योगपति रोज़गारों का सृजन कर रहे हैं इसलिए इनका सम्मान किए जाने की ज़रूरत है.

बजट में आदिवासियों की अनदेखी, बजटीय आवंटन आबादी के अनुपात में नहीं: आदिवासी अधिकार मंच

आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच ने कहा कि आम बजट में जनजातीय समुदाय की अनदेखी करते हुए उसके लिए कुल बजट की 8.6 प्रतिशत राशि के बजाय केवल 2.26 प्रतिशत राशि आवंटित की गई है.

बजट में आरटीई क़ानून की अनदेखी, ग़ैर-बराबरी व निजीकरण को बढ़ावा देने वाला: संगठन

राइट टू एजुकेशन फोरम का कहना है कि बजट के आधे-अधूरे और अदूरदर्शी प्रावधान बताते हैं कि सरकार स्कूली शिक्षा को लेकर बिल्कुल संजीदा नहीं है. डिजिटल लर्निंग और ई-विद्या संबंधी प्रस्ताव निराशाजनक हैं, जिनसे वंचित वर्गों समेत अस्सी फीसदी बच्चों के स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर होने का ख़तरा मंडरा रहा है.

मनरेगा के तहत 3,360 करोड़ रुपये का भुगतान लंबितः केंद्र सरकार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में 2022-2023 के लिए मनरेगा के लिए 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. यह मौजूदा वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान से 25.51 फीसदी कम है.

शिक्षा बजट में लगातार होती कटौती निजीकरण की सरकारी मंशा दर्शाती है

शिक्षाविद और नीति-निर्माता उम्मीद कर रहे थे कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार कुछ अहम क़दम उठाएगी क्योंकि लाखों छात्रों ने कोरोना महामारी के चलते अपनी शिक्षा के अहम वर्षों का नुकसान उठाया है, हालांकि बजट से उन सभी को निराशा हुई है.

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