कनाडा ने ‘स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम' (एसडीएस) को बंद कर दिया है, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को जल्दी वीज़ा मिलने में सहायक होता था. इस क़दम से कई अन्य देशों के साथ भारतीय छात्र भी प्रभावित होंगे. 2024 में अक्टूबर तक कनाडा एक लाख से ज़्यादा भारतीय छात्रों को स्टडी परमिट दे चुका है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023 की चौथी तिमाही में भारतीयों को जारी किए गए स्टडी परमिट में पिछली तिमाही की तुलना में 86% की गिरावट आई थी. कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री के मार्क मिलर ने कहा कि भारत के कनाडाई राजनयिकों को बाहर करने के चलते परमिट प्रक्रिया ख़ासी प्रभावित हुई है.
एक मीडिया रिपोर्ट में पता चला है कि दिल्ली के बाहर भारत में काम करने वाले अधिकांश कनाडाई राजनयिकों को कुआलालंपुर या सिंगापुर ले जाया गया है. यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा कनाडा की धरती पर उनके एक नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के शामिल होने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद सामने आया है.
केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हमने कनाडा से कहा है कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या जैसे कृत्यों में शामिल होना भारत सरकार की नीति नहीं है. भारत ने यह भी कहा था कि अगर कनाडा कोई विशेष जानकारी प्रदान करता है तो वह इस पर विचार करने के लिए तैयार है.
वीडियो: भारत और कनाडा के बीच जारी तनाव में अब अमेरिका की भी एंट्री हो गई है. बीते 23 सितंबर के न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक खबर में में दावा किया गया था कि कनाडा ने जिस खुफिया सूचना के आधार पर खालिस्तान नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है, वह उसे किसी और ने नहीं बल्कि अमेरिकी एजेंसियों ने उपलब्ध कराई थी.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार से एक बार फिर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की आधिकारिक जांच में सहयोग करने का आह्वान किया है. निज्जर को कनाडा अपने देश का नागरिक बता रहा है, जबकि भारत में वह खालिस्तान समर्थक के तौर पर वांछित थे. ट्रूडो ने कहा कि उनकी सुरक्षा एजेंसियों के पास यह मानने के ‘विश्वसनीय’ कारण हैं कि भारत सरकार के एजेंट इस हत्या में शामिल थे.
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के शामिल होने का आरोप लगाया है. ट्रूडो ने कहा कि हम मामले का भड़काने या बात बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. हम तथ्यों को वैसे ही सामने रख रहे हैं, जैसा हम उन्हें समझते हैं. भारत ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है.
केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हमने पहले ही अपने साथी देशों जैसे कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से अनुरोध किया है कि वे खालिस्तानियों को जगह न दें, क्योंकि उनकी कट्टरपंथी, चरमपंथी सोच न तो हमारे लिए अच्छी है, न उनके लिए और न ही हमारे संबंधों के लिए.
ऑडियो: कनाडा के स्वास्थ्य मंत्री रहे उज्जल दोसांझ ने द वायर से बातचीत में उनके राजनीति में उतरने की परिस्थितियों के बारे में बताया. उन्होंने यह भी जोड़ा कि सिख समुदाय में बढ़ते कट्टरपंथ की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ा.