साल 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2007 में गोरखपुर और आसपास के ज़िलों में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने के आरोप में अपने ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
वर्ष 2007 में दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोपों को लेकर तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और अन्य लोगों के ख़िलाफ़ गोरखपुर के एक थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई थी. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुक़दमा चलाने से इनकार के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी के ख़िलाफ़ याचिका को ख़ारिज कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
घटना तमिलनाडु के तिरुवल्लूर ज़िले की है, जहां 17 वर्षीय 12वीं की छात्रा अपने हॉस्टल में मृत पाई गई. इससे पहले बीते 13 जुलाई को राज्य के कल्लाकुरिची ज़िले में भी 12वीं की एक अन्य छात्रा कथित तौर पर हॉस्टल की छत से कूदकर अपनी जान दे दी थी.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी 13 फरवरी 2020 से लापता थे. उसी रात उन्हें आखिरी बार एक पुलिस थाने में देखा गया था. तीन दिन बाद एक अन्य थाना क्षेत्र की झील में एक लावारिस शव मिला, जिसका पुलिस ने अंतिम संस्कार कर दिया. पिता ने जब छात्र के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने महीनों तक कोई कार्रवाई नहीं की. हाईकोर्ट के आदेश पर अपराध शाखा ने जांच की, तब पिता को बेटे
यह 103 किलो सोना उस 400.47 किलोग्राम बहुमूल्य धातु और जेवरात का हिस्सा है, जिसे सीबीआई ने 2012 में तमिलनाडु में सुरना कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कार्यालय की तलाशी के दौरान जब्त किया था. मद्रास हाईकोर्ट ने सीबीआई की यह दलील खारिज कर दी कि यदि जांच स्थानीय पुलिस करेगी तो उसकी प्रतिष्ठा को बट्टा लगेगा.
गोरखपुर की ज़िला अदालत ने एक गैंगरेप मामले में योगी आदित्यनाथ के भड़काऊ भाषण पर याचिका डालने वाले कार्यकर्ता परवेज परवाज़ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. उनके साथियों का कहना है कि भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ याचिका डालने के चलते उन्हें फ़र्ज़ी मामले में फंसाया जा रहा है.
तमिलनाडु के सथनकुलम क़स्बे में लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के आरोप में बीते 19 जून को पिता-पुत्र को गिरफ़्तार किया गया था. दो दिन बाद एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. इस संबंध में छह पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का केस दर्ज किया है और पांच पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए हैं.
तमिलनाडु के सथनकुलम क़स्बे में लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के आरोप में बीते 19 जून को पिता-पुत्र को गिरफ़्तार किया गया था. दो दिन बाद एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. इस मामले में बीते एक जुलाई को छह पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज किया गया था.
तमिलनाडु के तुथुकुडी ज़िले के सथकुलम क़स्बे में पी. जयराज और उनके बेटे बेनिक्स को लॉकडाउन में समय से देर तक अपनी मोबाइल की दुकान खोलने के लिए बीते 19 जून को पुलिस ने हिरासत में लिया था. दो दिन बाद एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. इस मामले में छह पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
तमिलनाडु के तुथुकुडी ज़िले के सथकुलम क़स्बे में पी. जयराज और उनके बेटे बेनिक्स को लॉकडाउन में समय से देर तक अपनी मोबाइल की दुकान खोलने के लिए बीते 19 जून को पुलिस ने हिरासत में लिया था. दो दिन बाद एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. मामले की जांच सीबी-सीआईडी को सौंप दी गई है.
सामाजिक कार्यकर्ता परवेज़ परवाज़ के खिलाफ गैंगरेप का यह मामला पहली विवेचना में फर्जी पाया गया था, दोबारा विवेचना के बाद उनकी गिरफ़्तारी हुई.
योगी आदित्यनाथ पर 2007 में कथित भड़काऊ भाषण देकर दंगे भड़काने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ़्तों के भीतर जवाब मांगा है.
कोर्ट ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं की संशोधित याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त तय की है.
कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि मान लीजिए पुलिस ने चार लोगों के ख़िलाफ़ मजिस्ट्रेट के सामने चार्जशीट दाखिल कर दी है लेकिन आगे की कार्रवाई के लिए सरकार की अनुमति चाहिए, जो नहीं दी गई, तब क़ानूनन मजिस्ट्रेट क्या करे.
यूपी में सरकारों ने 2007 में हुए गोरखपुर दंगों में आदित्यनाथ की भूमिका की जांच को अटकाए रखा. हालांकि ऐसे तथ्य हैं, जिनके आधार पर कोर्ट चाहे तो मामले को दोबारा देखा जा सकता है.