इशरत जहां मामले की जांच करने वाले आईपीएस अधिकारी ने बर्ख़ास्तगी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

गुजरात में इशरत जहां की कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ के मामले की जांच में सीबीआई की मदद करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा को बीते 30 अगस्त को उनकी सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बर्ख़ास्त कर दिया गया है. उन्होंने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

व्यापमं घोटाला: सीबीआई ने 160 और आरोपियों के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल किया

सीबीआई ने करोड़ों रुपये के व्यापमं घोटाले से संबंधित साल 2013 के प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में धांधली करने के आरोप में 160 और आरोपियों के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र अदालत में दाख़िल किया है. इनमें प्रदेश के तीन निजी मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष भी शामिल हैं. इसके साथ ही इस मामले में अब तक कुल 650 आरोपियों के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र विशेष अदालत में दाख़िल किए जा चुके हैं.

यूपी: बाबरी मस्जिद मामले में सभी आरोपियों को बरी करने वाले जज को उप-लोकायुक्त बनाया

सुरेंद्र कुमार यादव ने 30 सितंबर 2020 को सीबीआई के विशेष जज के तौर पर सुनाए फैसले में 1992 बाबरी विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती व कल्याण सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी किया था. अब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें प्रदेश का तीसरा उप लोकायुक्त नियुक्त किया है.

आरोपी पुलिसवालों को बरी करने पर इशरत जहां की मां ने कहा- शुरू से एकतरफ़ा थी सुनवाई

2004 में 19 वर्षीय इशरत जहां की अहमदाबाद के बाहरी इलाके में हुई एक मुठभेड़ में मौत हो गई थी. मुठभेड़ को जांच में फ़र्ज़ी पाया गया था और सीबीआई ने सात पुलिस अधिकारियों को आरोपी बताया था. इनमें से तीन को बुधवार को आरोप मुक्त कर दिया गया. इससे पहले तीन अन्य आरोपी अधिकारी बरी किए जा चुके हैं, जबकि एक की बीते साल मौत हो गई थी.

इशरत जहां मुठभेड़: अदालत ने बाकी बचे तीन आरोपी पुलिसकर्मियों को भी आरोप मुक्त किया

साल 2004 में मुंबई के नज़दीक मुम्ब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत जहां तीन अन्य लोगों के साथ अहमदाबाद के बाहरी इलाके में गुजरात पुलिस की मुठभेड़ में मारी गई थीं. जांच में ये मुठभेड़ फ़र्ज़ी निकली थी. मामले के तीन अन्य आरोपी पुलिसकर्मी- पीपी पांडेय, डीजी वंजारा, एनके अमीन पहले ही आरोपमुक्त किए जा चुके हैं, जबकि जेजी परमार की बीते साल मौत हो गई.

इशरत जहां एनकाउंटर: तीन पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ मुक़दमे की मंज़ूरी से गुजरात सरकार का इनकार

2004 के इशरत जहां फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने विशेष अदालत के निर्देश के बाद गुजरात सरकार से तीन आरोपी पुलिस अधिकारियों पर मुक़दमा चलाने की अनुमति मांगी थी, जिससे राज्य सरकार ने मना कर दिया.

मध्य प्रदेश: व्यापमं मामले में चार पूर्व अधिकारियों सहित 33 के ख़िलाफ़ आरोप तय

सीबीआई की विशेष अदालत ने 2012 की मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनयम और आईटी एक्ट के तहत 17 उम्मीदवारों और 12 बिचौलियों सहित तैंतीस आरोपियों पर धोखाधड़ी, फ़र्ज़ी दस्तावेज़ गढ़ने, साज़िश रचने और कंप्यूटर डेटा में हेरफेर करने के आरोप लगाए हैं.

बाबरी विध्वंस पर फ़ैसला सुनाने वाले पूर्व जज की सुरक्षा बढ़ाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सीबीआई के विशेष जज एसके यादव ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की संवेदनशीलता के मद्देनज़र अदालत से अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा बढ़ाए जाने की मांग की थी. 30 सितंबर को उन्होंने इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सहित सभी 32 आरोपियों को बरी किया था.

इशरत जहां एनकाउंटर: अदालत ने आरोपमुक्ति का आग्रह करने वाली पुलिस अफ़सरों की याचिकाएं ख़ारिज की

गुजरात में अहमदाबाद शहर के बाहरी इलाके में साल 2004 को गुजरात पुलिस के साथ कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में इशरत जहां समेत तीन अन्य लोग मारे गए थे. इशरत जहां मुंबई के समीप मुंब्रा की कॉलेज छात्रा थीं.

बाबरी मस्जिद धर्म के लिए नहीं, सत्ता पाने के लिए ढहाई गई थी: आनंद पटवर्धन

साक्षात्कार: देश के नामचीन डॉक्यूमेंट्री फिल्मकारों में से एक आनंद पटवर्धन ने 90 के दशक में शुरू हुए राम मंदिर आंदोलन को अपनी डॉक्यूमेंट्री 'राम के नाम' में दर्ज किया है. बाबरी विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत के फ़ैसले के मद्देनज़र उनसे बातचीत.

बाबरी मस्जिद विध्वंस फ़ैसला और हिंदी अख़बारों के संपादकीय

बाबरी विध्वंस मामले को लेकर सीबीआई कोर्ट के फ़ैसले की आलोचना पर जहां अंग्रेज़ी अख़बारों के संपादकीय मुखर रहे, वहीं हिंदी अख़बारों के संपादकीय ‘बीती ताहि बिसार दे’ वाला रवैया अपनाते दिखे.

बाबरी विध्वंस की साज़िश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आईबी रिपोर्ट पेश की गई थी: पूर्व गृह सचिव

बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय केंद्रीय गृह सचिव रहे माधव गोडबोले ने कहा है कि मस्जिद गिराने की साज़िश रची गई थी और इसी आधार पर उन्होंने तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार को बर्ख़ास्त करने की सिफ़ारिश की थी.

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला: दो एफआईआर की कहानी

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की शुरुआत इस बारे में दर्ज दो एफआईआर 197 और 198 से हुई थी. पहली एफआईआर विध्वंस के ठीक बाद अयोध्या थाने में लाखों अज्ञात कारसेवकों के ख़िलाफ़ दर्ज हुई थी और दूसरी जिसमें भाजपा, संघ और बाकी संगठनों के नेता नामजद थे.

संघ-वीएचपी के लोग संभाले हुए थे व्यवस्था, अराजक कारसेवकों ने गिराई बाबरी मस्जिद: सीबीआई कोर्ट

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा नेताओं समेत 32 लोगों को बरी करते हुए विशेष सीबीआई अदालत ने कहा था कि कुछ अराजक कारसेवकों के समूह द्वारा मस्जिद गिराई गई थी और ऐसे लोगों को रामभक्त नहीं कहा जा सकता है. मस्जिद गिराना पूर्व नियोजित साज़िश नहीं थी.

बाबरी विध्वंस फ़ैसला: छल और बल का न्याय

समाज से न्याय का बोध लुप्त हो सकता है, उससे भी ख़तरनाक है जब वह इंसाफ़ की परवाह ही न करे. भारत का बहुसंख्यक समाज अभी अपने बाहुबल के नशे में है. न्याय उसके लिए अप्रासंगिक हो चुका है. वह जानता है कि उसके नाम पर जो हो रहा है, वह अन्याय है, लेकिन वह इससे परेशान नहीं बल्कि प्रसन्न है.

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