तमिल अभिनेता विशाल ने आरोप लगाया है कि उनकी फिल्म ‘मार्क एंटनी’ के हिंदी संस्करण को सेंसर बोर्ड से प्रमाणित कराने के लिए उन्हें दो एजेंटों को 6.5 लाख रुपये की रिश्वत देनी पड़ी. उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सेंसर बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार पर ध्यान देने की अपील की है.
क्रिस्टोफर नोलन द्वारा निर्देशित हॉलीवुड फिल्म ओपेनहाइमर के एक अंतरंग दृश्य के दौरान संस्कृत श्लोक पढ़े जाने से विवाद हो गया है. बताया जा रहा है कि यह श्लोक भगवद गीता से लिया गया. यह फिल्म अमेरिकी भौतिक विज्ञानी जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के जीवन पर आधारित है, ‘परमाणु बम का जनक’ कहा जाता है.
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता फिल्मों और नामी हस्तियों के ख़िलाफ़ अनावश्यक टिप्पणी करने से बचें. प्रधानमंत्री का बयान भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत कुछ प्रमुख भाजपा नेताओं द्वारा शाहरुख़ ख़ान की आगामी फिल्म 'पठान' के बहिष्कार के आह्वान के बीच आया है.
शाहरुख ख़ान और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म ‘पठान’ के ख़िलाफ़ कुछ असामाजिक तत्वों के विरोध पर गीतकार और लेखक जावेद अख़्तर ने कहा कि कोई असामाजिक तत्व नहीं हैं, मंत्री ऐसी बातें कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने गीत पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि यह तय करना मेरे या आपके लिए नहीं है कि गीत सही है या ग़लत.
1921 के मालाबार विद्रोह के आसपास की घटनाओं पर आधारित मलयालम फिल्म ‘1921 पुझा मुथल पुझा वारे’ को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी द्वारा गठित एक समीक्षा समिति ने सात कट के साथ हरी झंडी दी थी, लेकिन जोशी ने वापस इसे दूसरी समीक्षा समिति के पास भेज दिया था, जिसने फिल्म में 12 कट लगा दिए. जिसके ख़िलाफ़ निर्देशक ने केरल हाईकोर्ट का रुख़ किया था.
बॉलीवुड फिल्मों के बहिष्कार को लेकर अभिनेता सुनील शेट्टी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि हैशटैग बायकॉट बॉलीवुड चलन को कैसे ख़त्म किया जा सकता है, इस दिशा में प्रयास करने चाहिए. हम दिन भर ड्रग्स नहीं लेते, हम दिन भर ग़लत काम नहीं करते. प्रधानमंत्री से अगर आप इस बारे में कहें तो बहुत फ़र्क़ पड़ सकता है.
पाकिस्तानी फिल्म ‘द लेजेंड ऑफ मौला जट्ट’ 30 दिसंबर को भारत में रिलीज़ होनी थी, लेकिन सूत्रों के अनुसार इसे विभिन्न वर्गों के विरोध के डर से स्थगित कर दिया गया. 13 अक्टूबर को रिलीज़ हुई फ़वाद ख़ान और माहिरा ख़ान अभिनीत बिलाल लशारी की यह फिल्म पाकिस्तान में काफ़ी सफल रही है.
शाहरुख़ ख़ान की फिल्म ‘पठान’ इन दिनों विवाद में घिरी हुई है. 12 दिसंबर को इसके गीत ‘बेशरम रंग’ के जारी होने के बाद इस पर रोक लगाने की मांग उठने लगी. गीत के एक दृश्य में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को भगवा रंग की बिकनी में देखा जा सकता है, जिसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन किए गए और ‘हिंदू भावनाओं’ को आहत करने का आरोप लगाया गया है.
यह पटकथा फिल्मकार ओनीर की अगली फिल्म की थी, जो भारतीय सेना के एक मेजर के जीवन के वास्तविक संघर्षों से प्रेरित थी, जिन्हें समलैंगिक होने की वजह से साल 2010 में अपने पद से हटना पड़ा था.
फिल्म के निर्देशक सुमन घोष ने बताया कि आधार नंबर जारी करने वाली सरकारी एजेंसी यूआईडीएआई के अधिकारियों ने जनवरी में फिल्म दिखाने को कहा था. इसे पांच फरवरी को ही रिलीज़ होना था, लेकिन एक सप्ताह पहले ही अचानक इसे रोक दिया गया. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने फिल्म को 2019 में हरी झंडी दे दी थी.
फिल्मकारों ने कहा है कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन के केंद्र के प्रस्ताव से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक असहमति के ख़तरे में पड़ने की आशंका है. बीते अप्रैल में सरकार ने फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण को ख़त्म करने का फैसला किया था. यह न्यायाधिकरण केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा सुझाए गए कटौती से पीड़ित फिल्म निर्माताओं की अपील सुनने के लिए गठित एक वैधानिक निकाय थी.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार पर उन फिल्मों के संबंध में दोबारा समीक्षा की शक्तियों के प्रयोग पर रोक लगाई हुई है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरक़रार रखा है. केंद्र सरकार ने मसौदा सिनेमेटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2021 पर दो जुलाई तक जनता की राय मांगी है. विधेयक में फिल्मों की पायरेसी पर जेल की सज़ा और जुर्माने का प्रावधान भी प्रस्तावित है.
कई फिल्मकारों ने इसे विवेकहीन और लोगों को मनचाहा काम करने से रोकने वाला फैसला बताया है. अब फिल्मों को लेकर विवाद होने पर हाईकोर्ट में अपील करना होगा.
फिल्म के पटकथा लेखक और कांग्रेस नेता आर्यदान शौकत ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के केरल स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के एक सदस्य, जो कि भाजपा नेता भी हैं, को इसका ज़िम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड में ऐसे कई राजनीतिक लोगों को नियुक्त किया गया है, जिन्हें सिनेमा की समझ नहीं है.
सीबीएफसी को लिखे पत्र में रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उनके संज्ञान में आया है कि कुछ प्रोडक्शन हाउस सेना की पृष्ठभूमि पर फिल्में बना रहे हैं या इस तरह के कंटेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे भारतीय सेना की छवि धूमिल हो रही है.