एक आरटीआई आवेदन में निर्वाचन आयोग से चुनाव के दौरान ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की विश्वसनीयता पर सवालों को लेकर उठाए कदमों पर जवाब मांगा गया था. केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने इसका उत्तर न देने को क़ानून का 'घोर उल्लंघन' क़रार देते हुए चुनाव आयोग को लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के दस्तावेज़ों से संबंधित जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया गया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने याचिका में गुजरात हाईकोर्ट के मार्च के फैसले को चुनौती दी थी कि गुजरात विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री की शैक्षणिक डिग्री के बारे में जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के लिए केजरीवाल और आप सांसद संजय सिंह के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि के मुक़दमे को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति में विपक्षी सदस्य कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्रीय सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के चयन के मामले में सभी लोकतांत्रिक मानदंडों, रीति-रिवाजों और प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ा दी गई हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को हीरालाल सामरिया को मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) के रूप में पदोन्नत किया. सूचना आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 7 नवंबर को समाप्त हो रहा था. केंद्रीय सूचना आयोग में एक सीआईसी और 10 सूचना आयुक्त नियुक्त होने चाहिए. हालांकि वर्तमान में 8 सूचना आयुक्तों के पद ख़ाली हैं.
भारतीय मूल के व्यक्तियों को दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है, इसलिए किसी और देश का नागरिक बनने पर भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करना होता है. विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, 2011 से 2022 के बीच गोवा में सर्वाधिक पासपोर्ट सरेंडर किए गए. इसके बाद पंजाब दूसरे व गुजरात तीसरे स्थान पर रहा.
बीते मार्च महीने में गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें उसने गुजरात विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्रियों के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी देने को कहा था. इसके अलावा अदालत ने केजरीवाल पर 25 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.
भारत में सांसद और विधायक बनने के लिए किसी भी तरह की डिग्री की ज़रूरत नहीं है. मगर इसका मतलब यह नहीं है कि सांसद और विधायक अपने चुनावी हलफ़नामे में अगर फ़र्ज़ी डिग्री पेश करें तो यह कोई ग़लती नहीं है. नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर गुजरात हाईकोर्ट का फैसला इस तरह के संशय को बढ़ाता ही है.
अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी ने गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एमए डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी दें. विश्वविद्यालय ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. अब कोर्ट ने सीआईसी का आदेश रद्द करते हुए केजरीवाल पर 25 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया है.
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत डॉ. बीआर आंबेडकर के क़ानून मंत्री के पद से त्याग-पत्र की प्रमाणित प्रति मांगी गई थी. याचिकाकर्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रपति सचिवालय में इस संबंध में आवेदन किया था, लेकिन इन कार्यालयों ने इस संबंध में आधिकारिक दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री की जानकारी से संबंधित याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वे प्रधानमंत्री द्वारा प्राप्त डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी प्रदान करें. जुलाई 2016 में हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी.
सूचना के अधिकार के तहत एक अपील पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय सूचना आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को निर्देश दिया था कि वह श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा दान में छूट/कटौती प्राप्त करने के लिए दाख़िल किए गए आवेदन की प्रति याचिकाकर्ता को साझा करे. आदेश के ख़िलाफ़ सीबीडीटी ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख़ किया था.
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बीते दिनों राज्यसभा में कहा था कि 2022-23 के दौरान 15 दिसंबर तक सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दायर 20,756 शिकायतों और दूसरी अपीलों का निपटारा किया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री से जुड़े विवाद पर केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने साल 1978 के बीए के सभी डीयू रिकॉर्ड की पड़ताल का निर्देश दिया था, जिसके ख़िलाफ़ विश्वविद्यालय दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा था. इसके बाद कोर्ट ने सीआईसी के आदेश पर रोक लगा दी थी.
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि केंद्रीय सूचना आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि 18 जुलाई 2022 तक सीआईसी के पास 26,518 अपील और शिकायत लंबित हैं.