खोेजी पत्रकारिता करने वाली वेबसाइट कोबरापोस्ट के स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि अभिजीत भट्टाचार्य, कैलाश खेर, जैकी श्रॉफ, विवेक ओबेरॉय, सोनू सूद, राखी सावंत, सनी लियोन जैसे 30 से अधिक फिल्मी सितारे प्रति सोशल मीडिया पोस्ट के लिए दो लाख से दो करोड़ रुपये तक लेने को तैयार थे.
मीडिया मालिक अख़बारों और न्यूज़ चैनलों को सुधारने के लिए कुछ करें या न करें, लेकिन यह तो तय है कि जब तक हर रोज़, हर न्यूज़रूम में प्रतिरोध की आवाज़ें मौजूद रहेंगी, तब तक भारतीय पत्रकारिता बनी रहेगी.
हिंदू-मुसलमान का एक्शन, ‘हिंदू खतरे में है’ का नाच, जेएनयू पर डायलॉग, संसद का सास-बहू, लव जिहाद का धोखा... पूरा देश समाचारों में एकता कपूर के सीरियल देख रहा है, वहीं भुखमरी, किसान आत्महत्या, बलात्कार, बेरोज़गारी, निर्माण और उत्पादकता का विनाश, महिला और दलित उत्पीड़न के बारे में नज़र आती है तो केवल... चुप्पी.
मीडिया बोल की 51वीं कड़ी में उर्मिलेश कोबरापोस्ट वेबसाइट द्वारा विभिन्न मीडिया संस्थानों पर किए गए स्टिंग ऑपरेशन और तमिलनाडु के तूतीकोरिन में हुई हिंसा पर राजस्थान पत्रिका के सलाहकार संपादक ओम थानवी और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से चर्चा कर रहे हैं.
टाइम्स समूह ने अपने बयान में कहा है, ‘हमें पता था कि कोबरापोस्ट का रिपोर्टर संदेहास्पद है. हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी सच्चाई जानने के लिए उसे लपेटे में लिया ताकि उसके पीछे कौन है, इसका पता लगाया जा सके.’
कोबरापोस्ट के स्टिंग आॅपरेशन में टाइम्स समूह के एमडी विनीत जैन कहते नज़र आ रहे हैं कि एक कॉरपोरेट के तौर पर हमें निष्पक्ष दिखना है, मतलब देखने में निष्पक्ष लगना चाहिए.
मीडिया की कोबरापोस्ट स्टिंग पर कवरेज दिखाती है कि जब ख़ुद मीडिया पर सवाल उठते हैं, तब वह उसे कैसे रिपोर्ट करता है.
जब कोबरापोस्ट के स्टिंग में देश के प्रमुख मीडिया संस्थान बिकने को बेताब दिखे, वहीं पश्चिम बंगाल के बर्तमान पत्रिका और दैनिक संबाद अख़बारों ने कोबरापोस्ट की पेशकश यह कहते हुए ठुकरा दी कि इस तरह का कंटेंट प्रकाशित करना कंपनी पॉलिसी और संस्थान की आत्मा के ख़िलाफ़ है.