मुस्लिमों की लानत-मलामत करना चुनाव जीतने का फॉर्मूला बन चुका है. और देश के हालात देखकर लगता नहीं है कि ये आने वाले समय में असफल होगा.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु की हिंदू जनजागृति समिति के समन्वयक चंद्रू मोगर ने तीन दिन पहले हिंदुओं को सिर्फ हिंदू विक्रेताओं से ही फल खरीदने का आग्रह किया था ताकि फल कारोबार में मुस्लिमों का एकाधिकार समाप्त किया जा सके. इसके बाद से चार सामाजिक कार्यकर्ता सांप्रदायिक घृणा और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए मोगर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराने के प्रयास में लगे हैं.
अगर पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार कोई क़ानून लाना चाहती है तो उसके बारे में आम जनता को पहले से तफ़्सील से क्यों नहीं बताया जाता कि उत्तराखंड के लिए इसके क्या फ़ायदे होंगे.
कर्नाटक में बढ़ रही सांप्रदायिक घटनाओं जैसे- हिजाब मुद्दा, हिंदू धर्म स्थलों पर मुसलमानों को व्यवसाय न करने देना या हलाल मीट विवाद, को देखते हुए बायोकॉन कंपनी की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे धर्म के आधार पर विभाजन के मुद्दे का निपटारा करें. इस पर मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा है कि ऐसे मुद्दे पर सार्वजनिक मंच पर जाने से पहले हर किसी को संयम बरतना चाहिए.
मामला बागलकोट ज़िले का है. आरोप है कि एक महिला ने 23 मार्च को पाकिस्तान के गणतंत्र दिवस पर कथित तौर पर शुभकामना देता हुआ वॉट्सऐप स्टेटस पोस्ट किया था, जिसके बाद उन्हें एक व्यक्ति की शिकायत पर 'वैमनस्य फैलाने' के आरोप में गिरफ़्तार किया था. हालांकि, अब महिला को ज़मानत दे दी गई है.
मध्य प्रदेश के इंदौर में यह व्याख्यान होना था, जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ लेखक अशोक कुमार पांडेय और लेखक तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर शम्सुल इस्लाम को शामिल होना था. शम्सुल इस्लाम ने कहा कि आयोजन नहीं करने दिया गया, क्योंकि सच और स्वतंत्र विचारों को एक ख़ास विचारधारा के लाभ के लिए वे रोकना चाहते हैं.
न्याय और बराबरी रोकने वालों ने बदलाव की लड़ाई को सांप्रदायिक नफ़रत की तरफ मोड़ दिया है. मुस्लिमों के ख़िलाफ़ घृणा उपजाने के लिए तमाम नकली अफ़वाहें पैदा की गईं, जिससे ग़ैर मुस्लिमों को लगातार भड़काया जा सके. आज इसी राजनीति का नतीजा है कि लोग महंगाई, रोज़गार, शिक्षा की बात करना भूल गए हैं.
कर्नाटक के शिवमोगा में ‘कोटे मरिकंबा जात्रा’ की आयोजन समिति ने भाजपा, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की मांग के दबाव में एक हिंदुत्ववादी गुट को दुकानें आवंटित करने का ठेका दिया है. इससे पहले दुकानें मुस्लिमों को बांटी गई थीं, लेकिन हिंदूवादी संगठनों ने इसके ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया था.
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले के डुमरियागंज से भाजपा के पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह को हालिया चुनावों में सपा प्रत्याशी सैयदा ख़ातून से हार का सामना करना पड़ा है. हिंदू युवा वाहिनी के नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी कई मौकों पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर उगलते देखे गए थे.
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद ज़िले का मामला. घटना की जानकारी सामने आने के बाद ग्रामीणों ने राजमार्ग पर चक्काजाम कर दिया था. पुलिस ने इस संबंध में धार्मिक भावनाओं को जान-बूझकर आहत करने से संबंधित आईपीसी की धारा 295(ए) के तहत एफ़आईआर दर्ज कर ली है.
जनादेश जब इस क़िस्म का हो कि मतदाताओं का एक तबका उसमें ख़ुद को किसी तरह शामिल न कर पाए, तो उसके मायने यही होंगे कि जनता खंडित हो चुकी है.
यह मामला मंगलुरु के दयानंद पई सतीश पई गवर्मेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज का है. बीते तीन मार्च को हिबा शेख़ सहित उनकी साथी छात्राओं को कॉलेज के गेट पर एबीवीपी से जुड़े छात्रों के बीच हिजाब को लेकर विवाद हुआ था. इस संबंध में हिबा ने 19 छात्रों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया है. अपने ख़िलाफ़ एफ़आईआर पर उन्होंने कहा कि उन्हें फ़ंसाया गया है.
बात सत्ता हासिल करने की हो, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी में बदल जाते हैं. हाल ही में किया गया उनका हमला समाजवादी पार्टी या साइकिलों पर नहीं, ख़ुद उनके पद की गरिमा पर है.
इलाहाबाद के दक्षिणी और पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक आबादी अधिक है जो अमूमन निर्णायक भूमिका में रहती है. यहां युवाओं से लेकर महिलाओं तक का यही कहना है कि इस बार लड़ाई इज़्ज़त से ज़िंदा रहने और भय से मुक्ति की है.
कर्नाटक के उडुपी ज़िले में एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में बीते साल दिसंबर में ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के लिए कुछ लड़कियों को कक्षा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी. धीरे-धीरे यह विवाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया, जिससे कई स्थानों पर शिक्षण संस्थानों में तनाव का माहौल पैदा हो गया था.