मुग़लकाल को पाठ्यक्रम से बाहर निकलवाकर ‘औरंगज़ेब-औरंगज़ेब’ खेलना क्या कहता है?

यह निर्णायक बात कि इस बहुभाषी-बहुधर्मी देश में सुलह, समन्वय, सामंजस्य और शांति के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है, अकबर के वक़्त यानी सोलहवीं शताब्दी में ही समझ ली गई थी, उसे आज क्यों नहीं समझा जा सकता?

पुरोला सांप्रदायिक तनाव: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार से क़ानून व्यवस्था बनाए रखने को कहा

बीते 26 मई को मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति सहित दो युवकों द्वारा एक हिंदू लड़की के कथित अपहरण के प्रयास के बाद से उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला कस्बे में तनाव व्याप्त है. घटना को ‘लव जिहाद’ बताते हुए दक्षिणपंथी हिंदू समूह ‘बाहरी लोगों’ विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के सत्यापन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

बुलंदशहर के मंदिरों में तोड़फोड़ को मीडिया ने सांप्रदायिक बनाकर पेश किया

वीडियो: मई के आख़िरी हफ्ते में बुलंदशहर के बराल गांव के कुछ मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी, जिसे मीडिया के एक तबके ने बिना किसी प्रमाण के मुस्लिमों द्वारा तोड़े जाने से जोड़ा दिया. बाद में पुलिस जांच में सामने आया कि सभी आरोपी हिंदू हैं.

क्या हाल ही में दिल्ली में हुई एक युवती की हत्या को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास चल रहा है?

वीडियो: 28 मई को दिल्ली के शाहबाद डेरी इलाके में सरेआम एक युवती की हत्या हुई. आरोपी साहिल को पुलिस ने अगले दिन यूपी से गिरफ़्तार किया था. अब क्षेत्र के निवासियों और कार्यकर्ताओं का दावा है कि कथित तौर पर आरएसएस से जुड़े लोगों ने इलाके में जाकर लोगों को सांप्रदायिक तरीके से भड़काने का प्रयास किया.

कर्नाटक में भाजपा की हार के चर्चे मध्य प्रदेश में क्यों हैं?

मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. कर्नाटक के चुनावी नतीजों के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व और राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार को सत्ता खोने का डर सता रहा है. हालांकि, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के जातीय, सामाजिक और राजनीतिक समीकरण एक-दूसरे से पूर्णत: भिन्न हैं.

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री: ऑस्ट्रेलियाई सांसद-कार्यकर्ता बोले, भारत में सच बोलना अपराध हो सकता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑस्ट्रेलिया दौरे के समय वहां के संसद भवन में गुजरात दंगों में उनकी भूमिका रेखांकित करने वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई. इसके बाद हुई एक चर्चा में ऑस्ट्रेलियाई ग्रीन्स सीनेटर ने भारत में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति पर वहां के प्रधानमंत्री द्वारा मोदी से बात न करने पर चिंता जताई.

क्या हम साहित्य से बहुत अधिक उम्मीद लगाए बैठे हैं?

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: साहित्य अकेला और निहत्था है: बुद्धि-ज्ञान-विज्ञान के अन्य क्षेत्रों से समर्थन और सहचारिता नहीं मिल पा रहे हैं. पर कायर और चतुर चुप्पियों के माहौल में उसे निडर होकर आवाज़ उठाते रहना चाहिए. वह बहुत कुछ बचा नहीं पाएगा पर उससे ही अंतःकरण, निर्भयता और प्रतिरोध की शक्ति बचेगी.

‘द केरला स्टोरी’ से मुसलमान विरोधी घृणा प्रचार के लिए अन्य फ़िल्मकारों को प्रेरणा मिलेगी

फ़िल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ के बाद ‘द केरला स्टोरी’ का बनाया जाना एक सिलसिले की शुरुआत है. कम पैसों में, ख़राब अभिनय और निर्देशन के बावजूद सिर्फ़ मुसलमानों के ख़िलाफ़ घृणा प्रचार के विषय के सहारे अच्छी कमाई हो सकती है, क्योंकि ऐसी फ़िल्मों के प्रचार में अब राज्य की मशीनरी और भाजपा का एक पूरा तंत्र काम करता है. 

‘द केरला स्टोरी’ पर बैन लगाना कोई हल नहीं है

फिल्म में स्पष्ट रूप से फ़र्ज़ी नैरेटिव और आंकड़े दिए गए हैं, और बात प्रोपगैंडा से कहीं आगे की है, लेकिन फिर भी दर्शकों के पास इसे देखकर इसके बारे में अपनी राय बनाने का विकल्प होना चाहिए.

शीतला सिंह: ‘मुझे इस बात का संतोष है कि सारी उम्र जनाधिकारों की चौकसी करता रहा’

स्मृति शेष: वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह नहीं रहे. पत्रकारिता में सात दशकों की सक्रियता में उन्होंने देश-विदेश में अजातशत्रु की-सी छवि व शोहरत पाई और अपनी पत्रकारिता को इतना वस्तुनिष्ठ रखा कि उनके दिए तथ्यों की पवित्रता पर उनके विरोधी मत वाले भी संदेह नहीं जताते थे.

हसरत मोहानी: दरवेशी ओ इंक़िलाब है मसलक मेरा

पुण्यतिथि विशेष: ‘मुकम्मल आज़ादी’ और ‘इंक़लाब जिंदाबाद’ का नारा बुलंद करने वाले हसरत मोहानी के बारे में डाॅ. आंबेडकर कहते थे कि वही एकमात्र ऐसे नेता हैं जो समानता का ढोंग करने के बजाय अपने हर आचरण में उसे बरतते हैं.

कैसे फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ का संबंध सच दिखाने से नहीं बल्कि नफ़रत का कारोबार चलाने से है

वीडियो: केरल का 'सच' बताने का दावा करने वाली विवादित फिल्म 'द केरला स्टोरी' वहां के लोगों के बजाय उत्तर भारत के लिए बनाई गई फिल्म ज़्यादा लगती है.

सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच को गंभीर अपराध माना, राज्यों से स्वत: संज्ञान लेकर केस दर्ज करने कहा

सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच की घटनाओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में राज्यों की निष्क्रियता को लेकर दायर याचिकाओं को सुनते हुए चेतावनी दी कि राज्य सरकारों की कार्रवाई वक्ता के धर्म की परवाह किए बिना होनी चाहिए. कार्रवाई में किसी भी तरह की हिचकिचाहट को अदालत की अवमानना ​​के रूप में देखा जाएगा.

ईद की पोस्ट पर ट्रोलिंग के बाद गायक शान बोले- हर कौम की इज़्ज़त करना मेरी सोच

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित गायक शान की ईद की शुभकामनाएं देने वाली एक पोस्ट पर उनकी मुस्लिम वेशभूषा को लेकर घृणा भरे कमेंट्स किए गए थे. इनके जवाब में शान ने कहा है कि सब प्यार से रहें और इस तरह की ध्रुवीकृत सोच न रखें क्योंकि इससे सिर्फ नुक़सान हो सकता है. यह सोच बदलनी चाहिए और अधिक समावेशी होना चाहिए.

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