कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की पूर्व संध्या पर केआर पेट विधानसभा में कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों को लुभाने के लिए साड़ियां और चिकन बांटा. ग्रामीणों के यह लेने से इनकार के बाद कार्यकर्ता इसे उनके घर के सामने छोड़ आए. इससे नाराज़ ग्रामीणों ने इसे स्थानीय भाजपा नेता के घर के सामने फेंक दिया.
बजरंग दल के पहले ग्लोबल लीडर नरेंद्र मोदी ने दल का गुणगान क्यों नहीं किया? वे बजरंग दल के काम क्यों नहीं गिना सके? बजरंग दल के विरोधी उसे बुरा-बुरा कहते हैं, तो मोदी और भागवत उसे अच्छा-अच्छा क्यों नहीं कह सके?
सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र में शिवसेना में बगावत के बाद उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली एमवीए सरकार के गिरने संबंधी याचिकाओं को सुन रहा था. अपने फैसले में इसने कहा कि तत्कालीन राज्यपाल का पार्टी के भीतरी विवादों को हल करने के लिए फ्लोर टेस्ट कराने का निर्णय ग़लत और स्पीकर द्वारा बागी एकनाथ शिंदे गुट से पार्टी सचेतक नियुक्त करना अवैध था.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि डीआरडीओ ऐसा विभाग है, जो सीधे प्रधानमंत्री के तहत आता है. संघ से जुड़ा शख़्स संवेदनशील सूचनाएं दुश्मन देश को दे रहा था, लेकिन मीडिया से ख़बर ग़ायब है. यह गद्दार अगर किसी और राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ होता तो मीडिया इसके अलावा कोई और ख़बर ही नहीं चलाता.
राहुल गांधी के डीयू के हॉस्टल जाकर छात्रों से मिलने के लिए उन्हें 'अव्यवस्था' का हवाला देते हुए नोटिस भेजा गया है. वहीं, पीजीआई चंडीगढ़ ने अपने एक हॉस्टल की छात्राओं को इसलिए दंडित किया है कि वे नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम 'मन की बात' की 100वीं कड़ी के सामूहिक श्रवण आयोजन से अनुपस्थित रहीं.
वीडियो: उत्तरी कर्नाटक भाजपा का गढ़ माना जाता है और यहां इसकी पकड़ ख़ासी मज़बूत बताई जाती है. वहां इस विधानसभा चुनाव में क्या समीकरण है, इसके बारे में बता रहे हैं द वायर के पॉलिटिकल एडिटर अजॉय आशीर्वाद.
विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कर्नाटक की भाजपा सरकार ने 4 फ़ीसदी मुस्लिम आरक्षण को ख़त्म कर दिया था, जिसके अदालत में चुनौती दी गई. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में टिप्पणी की थी. शीर्ष अदालत ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब मामला विचारधीन हो तो राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं होनी चाहिए.
भाजपा का भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दा धीरे-धीरे दरक रहा है और 2024 तक आते-आते स्थिति और बिगड़ सकती है. संक्षेप में कहें, तो अगर कांग्रेस कर्नाटक में अच्छी जीत दर्ज करने में कामयाब रहती है, तो 2024 के चुनावी समर के शुरू होने से पहले कर्नाटक राष्ट्रीय विपक्ष के लिए संभावनाओं के कई द्वार खोल सकता है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में आयोजित एक चुनावी जनसभा के दौरान कहा कि भाजपा की हिंसा की राजनीति का परिणाम आज मणिपुर में दिख रहा है. मणिपुर जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कर्नाटक में चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से हिंसा जारी है, वहीं जम्मू कश्मीर में एक आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. इन दोनों घटनाओं पर उन्होंने अब तक न तो कोई बयान दिया, न ही अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर इसके बारे में कोई चिंता प्रकट की है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा-पत्र में कांग्रेस ने दावा किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठनों के ख़िलाफ़ कड़ी एवं निर्णायक कार्रवाई करेगी. इस पर विश्व हिंदू परिषद की चंडीगढ़ इकाई ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 100 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है.
वीडियो: कांग्रेस और भाजपा दोनों ही कर्नाटक के ओल्ड मैसूर क्षेत्र में पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, जद (एस) फिर से त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभाने के लिए इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेगी.
वीडियो: कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र को पहले मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र के रूप में जाना जाता था. यह क्षेत्र कर्नाटक विधानसभा में 50 विधायक भेजता है. 2018 के विधानसभा चुनावों में क्षेत्र की कुल 50 सीटों में से भाजपा ने 30 और कांग्रेस ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि जद (एस) को सिर्फ़ 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा था.
विवादास्पद फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ में दावा किया गया था कि केरल की 32,000 महिलाओं का धर्म परिवर्तित हुआ है और वे आईएसआईएस में शामिल हो गई थीं. विवाद के बाद निर्मार्ताओं ने इस दावे को हटाने की बात कही है. वहीं, कर्नाटक में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी फिल्म के पक्ष में नज़र आए.
सूरत अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट हरीश हसमुखभाई वर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में दोषी ठहराते हुए उन्हें दो साल की सज़ा सुनाई थी. वर्मा समेत 68 न्यायिक अधिकारियों को 65 प्रतिशत कोटा नियम के तहत ज़िला न्यायाधीशों के पद पर पदोन्नति के गुजरात सरकार और हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.