Corona Relief Package

पिछले चार वर्षों के दौरान मनरेगा में हुआ 935 करोड़ रुपये का गबन: रिपोर्ट

ग्रामीण विकास मंत्रालय की सोशल ऑडिट यूनिट द्वारा साल 2017-18 से 2020-21 के दौरान 2.65 लाख ग्राम पंचायतों का सोशल ऑडिट किया गया था, जिसके ज़रिये इस वित्तीय हेराफेरी का पता चला है. इसमें से महज़ एक फीसदी से अधिक यानी कि करीब 12.5 करोड़ रुपये ही वसूल किए जा सके हैं.

गुजरात सरकार ने मनरेगा को सराहा, महामारी के दौरान श्रमिकों के लिए ‘जीवन रक्षक’ बताया

मुख्यमंत्री विजय रुपाणी द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रमिक शहरों में जितना कमा रहे थे, उसके मुकाबले मनरेगा की दिहाड़ी काफी कम है, इसके बावजूद कोविड-19 से उत्पन्न संकट के दौरान यह उनके और उनके परिवार के पालन-पोषण में मददगार रही है.

प्रवासी कामगारों के लिए सामुदायिक रसोई, खाद्यान्न और परिवहन की व्यवस्था करें सरकारें: अदालत

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खाद्यान्न देते हुए प्रशासन उन प्रवासी कामगारों को पहचान पत्र दिखाने पर ज़ोर न दे, जिनके पास फ़िलहाल दस्तावेज़ नहीं हैं. पीठ ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सरकारों को यह निर्देश भी दिया कि वे कोविड-19 के कारण फंसे प्रवासी कामगारों में से जो घर जाना चाहते हैं, उनके लिए परिवहन की समुचित व्यवस्था करें.

टीकाकरण की धीमी रफ़्तार से भारत कोविड-19 की अन्य लहरों की चपेट में रह सकता है: फिच रेटिंग्स

अमेरिका की केंडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने कहा था कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर आर्थिक सुधारों में देरी कर सकती है, लेकिन पटरी से उतार नहीं सकती है. हालांकि अब इसने लंबी रुकावट के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की है.

कोरोना लॉकडाउन में बेरोज़गारी हुई भयावह, 11 करोड़ से अधिक लोगों ने किया मनरेगा में काम

बीते साल अप्रत्याशित तरीके से लागू लॉकडाउन के चलते करोड़ों दिहाड़ी मज़दूर अपने गांव लौटने को मजबूर हुए थे, जहां ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा उनकी आजीविका का एकमात्र ज़रिया बनी. आंकड़े दर्शाते हैं कि इससे पहले 2013-14 से 2019-20 के बीच 6.21 से 7.88 करोड़ लोगों ने मनरेगा के तहत रोज़गार पाया था.

ऋण किस्त स्थगन अवधि के दौरान उधारकर्ताओं से चक्रवृद्धि, दंडात्मक ब्याज नहीं लिया जाएगा: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2020 से आगे ऋण किस्त स्थगन का विस्तार नहीं करने के केंद्र सरकार और आरबीआई के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. आरबीआई ने महामारी के चलते पिछले साल एक मार्च से 31 मई के बीच चुकाई जाने वाली ऋण की किस्तों के भुगतान को स्थगित करने की अनुमति दी थी. बाद में इसे 31 अगस्त 2020 तक बढ़ा दिया गया था.

लॉकडाउन हटने के छह महीने बाद भी मनरेगा के तहत काम की मांग में बढ़ोतरी जारी

बीते दो महीनों- दिसंबर और जनवरी में मनरेगा के तहत नौकरी करने वाले परिवारों की संख्या उतनी ही रही, जितनी की पिछले साल अगस्त और सितंबर में थी, जब कोरोना महामारी अपने चरम पर थी.

बैंकों ने प्रशासन को लिखा, लॉकडाउन के चलते रेहड़ी विक्रेताओं को दिए लोन एनपीए में बदल रहे हैं

कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए रेहड़ी-पटरी वाले विक्रेताओं को उनकी आजीविका फिर शुरू करने के लिए सस्ते कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री स्‍वनिधि की शुरुआत की गई थी. अब कुछ बैंकों ने स्थानीय प्रशासन को पत्र लिखकर लोन वसूलने में मदद करने को कहा है.

लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद भी 11 राज्यों के लोग भूख की समस्या से पीड़ित: सर्वे

भोजन का अधिकार अभियान द्वारा कराए गए सर्वे में अनुसूचित जाति, जनजाति और मुस्लिमों समेत धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लोग शामिल थे. सर्वे के अनुसार लगभग 56 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्हें लॉकडाउन से पहले कभी भी भोजन छोड़ना नहीं पड़ा था. हालांकि सितंबर और अक्टूबर में 27 प्रतिशत लोगों को बिना भोजन के सोना पड़ा.

कृषि विधेयक और श्रम क़ानून में बदलाव: महामारी के बीच मोदी सरकार का विध्वंसकारी खेल

ऐसे समय में जब भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग तबाह हो चुकी है, तब सुधारों के नाम पर किसानों और कामगारों के बीच उनकी आय को लेकर आशंकाएं और मानसिक परेशानियां पैदा करना सही नहीं है.

कोविड संकट के बीच दस राज्यों पर मनरेगा मज़दूरों की क़रीब 782 करोड़ रुपये मज़दूरी बकाया

लोकसभा में पेश जानकारी के मुताबिक़ ऐसे राज्यों में सबसे ऊपर पश्चिम बंगाल है, जहां लगभग 397 करोड़ रुपये की मनरेगा मज़दूरी का भुगतान नहीं हुआ है. यह दस राज्यों में कुल लंबित राशि का क़रीब 50 फीसदी है. इसके बाद उत्तर प्रदेश है, जहां 121.78 करोड़ रुपये की मनरेगा मज़दूरी नहीं दी गई है.

मनरेगा: पांच महीने में 64 फ़ीसदी बजट ख़त्म, काम मांगने वाले 1.55 करोड़ लोगों को नहीं मिला काम

पीपुल्स एक्शन फॉर एम्प्लॉयमेंट गारंटी नाम के एक समूह ने मनरेगा पर एक रिपोर्ट जारी कर तेज़ी से ख़त्म होती आवंटित राशि की ओर ध्यान दिलाते हुए सरकार से आवंटन तथा कार्य दिवस तत्काल बढ़ाने की मांग की है.

Jodhpur: Minister Narendra Modi inspects the guard of honour during 'Parakram Parv', an exhibition to commemorate the second anniversary of the surgical strikes, in Jodhpur, Friday, Sept 28, 2018. Defence Minister Nirmala Sitharaman (2nd R) is also seen. (PTI Photo) (PTI9_28_2018_000019B)

रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी करने में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ की शर्त जोड़ी गई

नई नीति के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले रक्षा क्षेत्र में किसी भी विदेशी निवेश की समीक्षा करने का सरकार को अधिकार रहेगा. बीते मई में ​कोरोना आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया जाएगा.

चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में आएगी 10.5 प्रतिशत की गिरावट: फिच रेटिंग्स

फिच के अलावा इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.8 प्रतिशत की गिरावट आएगी. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है. यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट के सबसे ऊंचे आंकड़ों में से एक है.

गर्त में जीडीपी: मोदी के ‘सब चंगा सी’ रवैये से इस संकट का हल नहीं निकलेगा

मुख्य आर्थिक सलाहकार आश्वस्त कर रहे हैं कि सरकार के पास भविष्य में सही समय पर जारी करने के लिए काफी संसाधन हैं. लेकिन सौ सालों में एक बार आने वाले आर्थिक संकट का सामना कर रही अर्थव्यवस्था के पास बस एक ही चीज़ की किल्लत होती है और वह है समय.