सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल याचिकाओं में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे डॉक्टरों, नर्सों और सहयोगी कर्मचारियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
देश के वैज्ञानिकों के समूह का कहना है कि कोरोना के मद्देनज़र राष्ट्रीय आपदा जोखिम प्रबंधन योजना बनाकर प्रत्येक प्रांत में लागू की जानी चाहिए, जिससे कोविड-19 का परीक्षण हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि इस महामारी के लक्षणों की जांच के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का भी परीक्षण किए जाने की भी ज़रूरत है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते कोरोना राहत पैकेज की घोषणा करते हुए मनरेगा मज़दूरी में वृद्धि की बात कही. हालांकि यह एक रूटीन वार्षिक कवायद थी, जिसे पहले ही ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया था.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि कोरोना वायरस भीषण वैश्विक संकट है, जो पूरी दुनिया में हर किसी के लिए ख़तरा है. दूसरी ओर इसके आर्थिक प्रभाव हैं, जिससे मंदी आएगी और ऐसी मंदी आएगी कि इतिहास में उसकी कोई मिसाल नहीं देखी गई होगी.
इस सप्ताह भारतीय राजदूतों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनयिकों को अनिवासी भारतीयों और भारतीय मूल के व्यक्तियों से पीएम केयर्स फंड के लिए धन जुटाने के लिए कहा था.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 850 तीर्थयात्रियों में से अधिकांश को भारत ले आया गया है और बाकी 250 के आसपास तीर्थयात्रियों को हालात में सुधार होने के बाद ही वापस लाया जा सकता है. ईरान में फंसे ये भारतीय पिछले साल दिसंबर में ईरान गए थे.
दीमापुर ज़िला प्रशासन ने एक अप्रैल की सुबह छह बजे से तीन अप्रैल, 2020 की मध्य रात्रि तक सभी दुकानों, वाणिज्यिक एवं निजी प्रतिष्ठानों को पूरी तरह से बंद करने के आदेश दिया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दी गई सूचना के अनुसार, लगभग 21,064 राहत शिविरों में 23 लाख से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.
वीडियो: बीते फरवरी में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों की वजह से शिव विहार के कई परिवारों को अपना घर छोड़ना पड़ा था. ये राहत कैंप में रह रहे थे, लेकिन कोरोना वायरस के चलते ये कैंप खाली करा दिए गए हैं. अब इन परिवारों को वापस शिव विहार लौटना पड़ा है.
केरल हाईकोर्ट ने कथित रूप से देशव्यापी लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के ख़िलाफ़ पुलिस ज़्यादती की कथित घटनाओं का स्वत: संज्ञान लिया है.
कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बाद कर्नाटक ने राज्यों से जुड़ी अपनी सभी सीमाएं भी सील कर दी हैं. इसके वजह से केरल से आने वाले मरीज़ों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
बीते 25 मार्च को झारखंड के पलामू ज़िले में कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनज़र कुछ लोगों को घर में रहने की सलाह देने पर एक दुकानदार पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोरोना वायरस के मद्देनज़र जारी किए गए प्रशासनिक दिशानिर्देशों के तहत ही आरोपियों को रिहा किया जाना चाहिए.
यह धरना एर्नाकुलम ज़िले के पेरम्बवूर में एक श्रमिक कैंप के पास रविवार से शुरू हुआ. आरोप है कि कैंप में रह रहे 2,000 मज़दूरों को पर्याप्त रूप से भोजन मुहैया नहीं कराया जा रहा है.
कोरोना वायरस से निपटने में आर्थिक मदद देने के लिए केंद्र ने ‘पीएम केयर्स फंड’ की घोषणा की है. हालांकि इसके जैसा ही पहले से मौजूद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में प्राप्त राशि का काफ़ी कम हिस्सा ख़र्च किया जा रहा है और 2019 के आख़िर तक में इसमें 3800 करोड़ रुपये का फंड बचा था.