पिछले सप्ताह सिवनी ज़िले के पिंडरई गांव के पास वैनगंगा नदी में गर्दन कटी 18 गायों के शव मिले थे, जबकि ज़िले के धूमा थाना क्षेत्र के अंतर्गत काकरतला वन क्षेत्र में 19 और 20 जून को 28 गायों और बैलों के शव मिले थे. बाद में ज़िले में ऐसे और भी शव मिले थे.
साल 2018 में हापुड़ में क़ासिम नाम के बकरी व्यापारी को हिंदू भीड़ द्वारा गोहत्या का आरोप लगाते हुए बेरहमी से पीटा गया था, जिनकी बाद में मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिसकर्मियों द्वारा बेहद संवेदनहीनता दिखाते हुए घायल क़ासिम को सड़क पर घसीटते हुए अस्पताल पहुंचाया गया था.
पुलिस ने बताया कि बजरंग दल के मुरादाबाद ज़िला प्रमुख मोनू विश्नोई और अन्य ने एक गाय चुराकर उसे वन क्षेत्र में मार डाला था. मुरादाबाद एसएसपी ने कहा कि मोनू को स्थानीय एसएचओ के साथ झगड़ा भी था. उसने इलाके में तनाव पैदा करने और पुलिस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए घटना को अंजाम दिया था.
भाजपा सांसद मेनका गांधी ने हाल ही में एक वीडियो में आरोप लगाया था कि इस्कॉन देश का सबसे बड़ा धोखेबाज़ संगठन है, जो अपनी गोशालाओं से गायों को कसाइयों को बेच देता है. संगठन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि हमने इस्कॉन के ख़िलाफ़ पूरी तरह से निराधार आरोप लगाने के लिए मेनका गांधी को 100 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा है.
भाजपा सांसद और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी एक वायरल वीडियो में ‘इस्कॉन’ पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहती नज़र आती हैं कि गोशाला चलाने के लिए संगठन को सरकार से दुनिया भर का फायदा मिलता है, लेकिन मेरे दौरा करने पर उनकी गोशाला में एक भी कमज़ोर गाय या बछड़ा नहीं पाया गया, सभी दुधारू गाय थीं. ‘इस्कॉन’ ने उनके बयान को ‘अप्रमाणित’ और ‘झूठा’ बताया है.
सारण ज़िले का मामला. अधिकारियों ने बताया कि 55 वर्षीय मृतक मोहम्मद जहीरुद्दीन एक हड्डी फैक्ट्री में काम करते थे. काम पर जाते समय उनका कंटेनर ट्रक ख़राब होने पर कथित गोरक्षकों का एक समूह वहां पहुंचा. वाहन में से बदबू आने पर समूह ने गोमांस ले जाने के संदेह में उनकी बेरहमी से पिटाई की, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया.
पशुधन के परिवहन को लेकर कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि अगर कोई क़ानून को अपने हाथ में लेता है, तो उसे पकड़ा जाए और उस पर मुक़दमा चलाया जाए. हालांकि, भाजपा ने उनके भाषण का एक हिस्सा उठाकर उन पर राज्य में अवैध गोहत्या को बढ़ावा देने का आरोप लगा दिया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि गोहत्या निषेध कानून-1956 के तहत जीवित गाय/बैल को अपने पास रखना अपराध करने, उकसाने या अपराध करने का प्रयास नहीं हो सकता है. उत्तर प्रदेश की सीमा के भीतर गाय को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना इसके दायरे में नहीं आता.
एटा पुलिस के अनुसार, दो मई को जिले के पावस गांव में 7 और तीन मई को लखमीपुर गांव में 10 गायों के शव मिले थे. गायें पास में स्थित एक सरकारी गोशाला की थीं. दोनों घटनाओं के संबंध में दो एफ़आईआर दर्ज किए गए हैं.
वीडियो: बीते दिनों यूपी पुलिस ने बताया था कि आगरा में रामनवमी पर गोक़शी की एक वारदात को लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने कुछ मुस्लिम युवकों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई थी. बाद में पुलिस ने पाया कि इसी संगठन के सदस्यों ने मुस्लिम युवकों को फंसाने के लिए गाय की हत्या कर साज़िश रची थी. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले का मामला. रामनवमी पर गोकशी की वारदात हुई थी और गोमांस बरामद हुआ था. इस संबंध में अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने कुछ मुस्लिम युवकों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई थी. हालांकि कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि आरोपी घटनास्थल पर एक महीने से अधिक समय से गए ही नहीं थे.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी गोहत्या निवारण अधिनियम के कई प्रावधानों के तहत दर्ज एक अभियुक्त को अग्रिम ज़मानत देते हुए इस क़ानून के ‘दुरुपयोग’ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई और कहा कि जांच अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच नहीं की. इस संबंध में दर्ज एफ़आईआर केवल आशंका और संदेह पर आधारित है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट मोहम्मद अब्दुल खलीक़ की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उन्होंने उनके ख़िलाफ़ दर्ज गो-हत्या के मामले को रद्द करने की मांग की थी, जिसे अदालत ने ख़ारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र गो-हत्या पर प्रतिबंध लगाने और इसे ‘संरक्षित राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने के लिए उचित निर्णय ले.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले का मामला. पुलिस का दावा था कि पांच सितंबर 2021 को पुलिस और कथित गो-तस्करों के बीच एक मुठभेड़ हुई थी. जवाबी फायरिंग में गो-तस्कर जीशान हैदर नक़वी के पैर में गोली लगी, जिससे उनकी मौत हो गई. वहीं परिजनों ने आरोप लगाया था कि मृतक को पुलिस घर से उठाकर ले गई और उनकी हत्या कर दी थी.
तापी ज़िले की एक अदालत ने कथित गो तस्करी के मामले में एक आरोपी को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाते हुए कहा कि विज्ञान ने साबित कर दिया है कि गाय के गोबर से बने घर परमाणु विकिरण से प्रभावित नहीं होते हैं और गोमूत्र का उपयोग कई लाइलाज बीमारियों का इलाज है.