जम्मू-कश्मीर के राजौरी ज़िले के डांगरी गांव में रविवार की शाम संदिग्ध आतंकवादियों ने तीन मकानों पर गोलीबारी की, जिसमें चार लोग लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए हैं. इस हमले के पीड़ितों में से एक के घर के पास सोमवार को हुए एक आईईडी विस्फोट में एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि आवास किराया भत्ता (एचआरए) देने के लिए विभिन्न सुरक्षा बलों के कर्मचारियों के साथ एक ‘भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण’ की अनुमति नहीं दी जा सकती है. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के सेवारत अधिकारियों की एक याचिका में गृह मंत्रालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एचआरए लाभ को केवल अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मचारियों तक सीमित कर दिया गया है.
आरोप है कि 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र फ़ैज़ रशीद ने आतंकवादी हमले का जश्न मनाते हुए सेना का मज़ाक उड़ाया था और विभिन्न मीडिया संस्थानों की पोस्ट पर 23 टिप्पणियां की थीं. अदालत ने रशीद को आईपीसी की धारा धारा 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत भी दोषी पाया.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वीआईपी सुरक्षा शाखा को यह ज़िम्मेदारी संभालने को कहा है और इसका एक दस्ता अब अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी के साथ है. केंद्र ने 2013 में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के अध्यक्ष मुकेश अंबानी को जे़ड प्लस श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई थी.
जोधपुर पुलिस ने बताया कि अपने वरिष्ठ अधिकारी द्वारा छुट्टी देने से मना करने पर नाराज़ सीआरपीएफ जवान ने परिवार के साथ ख़ुद को अपने क्वॉर्टर में बंद कर लिया था और आत्महत्या करने की धमकी दे रहे थे.
मामला सुकमा ज़िले का है. बताया गया कि पुलिस ने जुलाई 2021 में मिनपा गांव से 42 वर्षीय पोड़ियाम भीमा को नक्सली बताकर गिरफ़्तार किया था. ग़लत पहचान का मामला तब सामने आया जब पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज इसी नाम के नक्सली ने मार्च 2022 में अपने छह साथियों के साथ दंतेवाड़ा कोर्ट में आत्मसमर्पण किया. अदालत ने मामले के जांच अधिकारी और दोषी पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
पिछले साल जून में झारखंड के लातेहार ज़िले में सुरक्षाबलों की गोली से एक आदिवासी व्यक्ति की मौत हो गई थी. सुरक्षाबलों ने दावा किया था कि मृतक और उनके साथियों की ओर से हमला करने पर जवाबी कार्रवाई में व्यक्ति की मौत हुई, जबकि ग्रामीणों का दावा था कि सुरक्षाकर्मियों ने शिकार करने गए लोगोंं पर देखते ही फायरिंग शुरू कर दी थी.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि पिछले एक दशक में अर्द्धसैनिक बलों के 1,205 जवानों ने आत्महत्या की है, जिनमें सर्वाधिक मामले वर्ष 2021 में आए.
अभिनेता नाना पाटेकर ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही. हालांकि, पाटेकर ने यह भी कहा कि उन्होंने अभी फिल्म नहीं देखी है और इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर पाएंगे, लेकिन किसी फिल्म को लेकर विवाद खड़ा होना अच्छा नहीं है.
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बीते दिनों रिलीज़ के बाद उपजे राजनीतिक विवाद के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यह क़दम उठाया गया है. फिल्म को भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं विपक्ष ने फिल्म को एकतरफा और बेहद हिंसक बताया है.
केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में लगभग दो दर्जन भाजपा नेताओं को सशस्त्र अर्द्धसैनिक कमांडो का वीआईपी सुरक्षा कवच प्रदान किया है. केंद्रीय मंत्री एसपीएस बघेल को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, जो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि दोनों राज्यों के कुछ प्रत्याशियों को निर्वाचन की प्रक्रिया समाप्त होने तक सुरक्षा प्रदान की गई है. कुछ लोगों को राज्य की पुलिस सुरक्षा के अलावा केंद्रीय कवच प्रदान
मामला नीमच का है. पुलिस ने बताया कि केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजना के तहत पढ़ने वाले एक नाबालिग कश्मीरी छात्र द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में कथित तौर पर 2019 के पुलवामा आतंकी हमले को बाबरी विध्वंस और कुछ अन्य घटनाओं का बदला लेने का कृत्य बताया गया था.
साल 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्ज़ा ख़त्म किए जाने के बाद से 250 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि ग़ैर-वन कार्यों के लिए ट्रांसफर किया गया है. ये भूमि पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील है और यहां कई लुप्तप्राय जानवरों की प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें से कुछ इलाकों में रहने वाले लोगों का आरोप है कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इन प्रस्तावों को मंज़ूरी देने से पहले यहां की पंचायत समितियों या स्थानीय लोगों से परामर्श नहीं किया
अनंतनाग ज़िले में 28 साल के आदिवासी परवेज़ अहमद बोकड़ा द्वारा कथित तौर पर चेकपॉइंट पार करने के बाद सीआरपीएफ जवानों द्वारा संदिग्ध परिस्थितियों में उन्हें गोली मार दी गई थी. इसके एक दिन बाद पीडीपी कार्यकर्ता तालिब हुसैन ने फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में सुरक्षाबलों पर सवाल खड़े किए थे.
छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की 50वीं बटालियन के एक शिविर में जवान रितेश रंजन ने अपने साथियों पर एके-47 राइफल से गोली चला दी थी, जिससे चार जवानों की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य घायल हो गए. सीआरपीएफ ने कहा कि जवान कथित तौर पर तनाव से गुज़र रहा था.