बीते सात दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सिर्फ़ सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन के आधारशिला कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम नहीं किया जाएगा.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नए संसद भवन की आधारशिला रखेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार इस शर्त पर शिलान्यास की अनुमति दी कि सेंट्रल विस्टा परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम नहीं किया जाएगा.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन का निर्माण मौजूदा इमारत के नज़दीक ही किया जाएगा. इस परियोजना का विभिन्न स्तरों पर विरोध भी हो रहा है. परियोजना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई थी, बीते मई महीने में शीर्ष अदालत ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
ग्राउंड रिपोर्ट: दिल्ली विकास प्राधिकरण ने एनजीटी के आदेश पर बीते 24 सितंबर को ओखला के धोबीघाट के पास करीब ढाई एकड़ में बसी झुग्गियों को तोड़कर सैकड़ों लोगों को बेघर कर दिया.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन का निर्माण मौजूदा इमारत के नज़दीक ही किया जाएगा. इसके 21 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है. इस प्रोजेक्ट को लेकर पर्यावरणविदों द्वारा लगातार चिंता व्यक्त की गई है.
संसद भवन एक जीवित विरासत स्थल है, जो आज़ाद भारत के कई ऐतिहासिक पलों का साक्षी रहा है. एक समृद्ध ऐतिहासिक इमारत को किनारे कर एक नए संसद भवन के निर्माण की योजना समझ से बाहर है.
केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में कहा गया है कि मौजूदा इमारत में सुरक्षा संबंधी कई समस्याएं हैं और साल 2026 में सांसदों की संख्या बढ़ने के बाद अतिरिक्त जगह की ज़रूरत होगी इसलिए इस प्रोजेक्ट की ज़रूरत है.
मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के बावजूद विभिन्न अथॉरिटीज़ प्रोजेक्ट से जुड़ी निर्माण गतिविधियों के लिए सहमति दे रहे हैं, इसलिए इससे संबंधी किसी भी मंज़ूरी पर रोक लगानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के वक्त जब जन स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए भारी भरकम धनराशि की जरूरत है तब यह गैर-जिम्मेदाराना कदम उठाया जा रहा है.
नया संसद भवन केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना का एक हिस्सा है, जिसमें 922 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर मौजूदा संरचना से सटे भूखंड पर एक नया परिसर बनाना शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 के दौरान सिर्फ बहुत ज़रूरी मामलों पर ही सुनवाई होगी और ये अतिआवश्यक मामला नहीं है. लुटियंस दिल्ली में नया संसद और केंद्र के अन्य सरकारी ऑफिसों के निर्माण के लिए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट सरकार की ओर से लाया गया है.
दिल्ली मास्टर प्लान- 2021 में पांच प्लॉटों के लिए लैंड यूज में संशोधन किया गया है जिसमें मौजूदा संसद के बगल में नया संसद भवन और प्रधानमंत्री के लिए नया आवास बनाने का प्रस्ताव शामिल है.
पुलिस ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण ने सफाई की जिम्मेदारी एक निजी कांट्रैक्टर को सौंपा था. अपनी शिकायत में कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उन्होंने जब सुरक्षा उपकरण मांगे तक कथित तौर पर कांट्रैक्टर ने मना कर दिया. दोनों सफाईकर्मियों के बेहोश होने के बाद पुलिस के आने से पहले कांट्रैक्टर वहां से भाग गया.
कोर्ट ने इसके लिए 400 वर्ग मीटर भूमि देने के केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. इससे पहले केंद्र ने मंदिर पुनर्निर्माण के लिए 200 वर्ग मीटर भूमि देने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित संत रविदास मंदिर दोबारा बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 200 वर्ग मीटर जमीन देने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि, आंदोलनकारियों ने सरकार की पेशकश को धोखा करार देते हुए मानने से इनकार कर दिया है.