सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में कथित अपमानजनक प्रसारण पर रोक लगाने की शशि थरूर की याचिका सुनते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने अर्णब गोस्वामी से कहा कि किसी आपराधिक मामले में जांच लंबित होने के दौरान मीडिया को समानांतर सुनवाई, किसी को दोषी कहने या निराधार दावे करने से बचना चाहिए.
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर द्वारा ऑनलाइन बहस के दौरान एक नाबालिग बच्ची की ब्लर की हुई तस्वीर पोस्ट करने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की शिकायत पर उनके ख़िलाफ़ आईटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
एक जनहित याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की गई थी कि कोविड-19 महामारी के दौर में विभिन्न खाद्य सुरक्षा तथा ग़रीबी उन्मूलन योजनाओं का लाभ विशेष रूप से सक्षम लोगों को भी दिया जाना चाहिए.
नेताओं की हेट स्पीच, सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों के ज़रिये समाज में कट्टरता और नफ़रत भरे विचारों को बिल्कुल सामान्य तौर पर परोसा जा रहा है और ऐसा करने वालों में सुरेश चव्हाणके अकेले नहीं हैं.
दिल्ली की आप सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि आश्रय गृहों में एक दिन दो समय भोजन देना पर्याप्त है और वर्तमान आर्थिक हालात में वह इससे अधिक कुछ नहीं कर सकता.
पिंजरा तोड़ की सदस्य देवांगना कलीता को दिल्ली दंगे संबंधी मामले में गिरफ़्तार किया गया था. ज़मानत मिलने के बाद भी उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि उन पर यूएपीए के तहत भी एक मामला दर्ज है.
जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके के शो 'बिंदास बोल' के विवादित 'यूपीएससी जिहाद' एपिसोड पर रोक लगा दी है. इसका प्रसारण 28 अगस्त को रात आठ बजे होना था.
दिल्ली पुलिस ने फरवरी में हुई हिंसा के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जेएनयू छात्रा देवांगना कलीता को गिरफ़्तार किया था. उनकी ज़मानत याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट के उनके कथित भड़काऊ भाषण के वीडियो मांगने पर पुलिस ने कहा कि उनके पास ऐसा कोई वीडियो नहीं है.
विशेष रूप से सक्षम लोगों को खाद्य सुरक्षा की सभी योजनाओं का लाभ देने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट पीठ ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से पूछा कि खाद्य सुरक्षा की ज़रूरत ग़रीबों को होती है, तो आप कैसे कह सकते हैं कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून संबंध ग़रीबी उन्मूलन से नहीं है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि वह मिड-डे मील योजना के तहत हर महीने प्रत्येक बच्चे को 540 रुपये का भुगतान करती है, लेकिन इस साल मार्च में उसके ख़ुद के हलफ़नामे में कहा गया कि उसने पंजीकृत 8.21 लाख बच्चों को क़रीब सात करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो प्रति बच्चा 100 रुपये से भी कम है.
दिल्ली दंगा मामलों में की जा रही जांच और गिरफ़्तारियों के बीच विशेष पुलिस आयुक्त ने एक आदेश में कहा था कि दंगा प्रभावित क्षेत्रों में कुछ हिंदू युवकों की हिरासत में लिए जाने से समुदाय में आक्रोश है. हाईकोर्ट ने उनके स्पष्टीकरण देने पर उनसे ऐसे पांच और आदेश पेश करने को कहा है, जहां पहले ऐसे निर्देश दिए गए हों.
सीएए प्रदर्शन संबंधी मामले में गिरफ़्तार जेएनयू छात्रा और पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलीता ने एक याचिका में कहा था कि क्राइम ब्रांच उन पर लगे आरोपों के संबंध में चुनिंदा तरीके से सूचनाएं सार्वजनिक कर रही है और भ्रामक जानकारी फैला रही है, जिससे उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा ख़तरे में है.
दिल्ली दंगों के संबंध में गिरफ़्तार गुलफ़िशा फातिमा बीते सौ दिन से ज़्यादा समय से तिहाड़ जेल में हैं. नागरिक समाज के सदस्यों, शिक्षाविदों, लेखकों समेत 450 से अधिक लोगों ने उन्हें छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस महामारी का फायदा उठाकर प्रदर्शनकारियों को ग़ैर-क़ानूनी ढंग से गिरफ़्तार कर रही है.
एक एनजीओ द्वारा दायर याचिका में कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री अन्न कल्याण योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ विशेष रूप से सक्षम लोगों को भी पहुंचाए जाने की मांग की गई है.
सीरो-सर्वेक्षण अध्ययनों में लोगों के ब्लड सीरम की जांच करके किसी आबादी या समुदाय में ऐसे लोगों की पहचान की जाती है, जिनमें किसी संक्रामक रोग के ख़िलाफ़ एंटीबॉडी विकसित हो जाती हैं. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ने दिल्ली सरकार के सहयोग से 27 जून से 10 जुलाई तक के बीच सीरो-प्रीवलेंस अध्ययन किया.