सुप्रीम कोर्ट ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध के दायरे में लाने की मांग वाली और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के उस प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा, जो किसी पति को बालिग पत्नी के साथ जबरन यौन संबंध बनाने की सूरत में दोषारोपण से सुरक्षा प्रदान करता है.
सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया, जिसमें बलात्कार का आरोप लगाने वाली एक महिला की शिकायत पर एफ़आईआर दर्ज करने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. दिल्ली की एक महिला ने साल 2018 में शाहनवाज़ हुसैन के ख़िलाफ़ बलात्कार का आरोप लगाया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने वित्त मंत्रालय की 2003 की एक अधिसूचना और पेंशन तथा पेंशनभोगी कल्याण विभाग के 2020 के एक कार्यालयीन पत्र को ख़ारिज कर दिया, जिनमें 1 जनवरी, 2004 के विज्ञापनों के अनुरूप केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के लाभ से वंचित रखा गया है.
यह मामला ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर द्वारा अगस्त 2020 में किए गए एक ट्वीट से संबंधित है, जिसमें उन्होंने एक यूज़र की प्रोफाइल पिक्चर शेयर करते हुए पूछा था कि क्या अपनी पोती का फोटो लगाकर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करना सही है. इसके बाद यूज़र ने उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करा दी थी.
एचआईवी/एड्स के साथ-साथ अन्य कई शारीरिक अक्षमताओं व बीमारियों से पीड़ित लोगों, जिन्हें परिवारों द्वारा छोड़ दिया गया था और जो निराश्रित हैं, द्वारा दायर एक जनहित याचिका सुनते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रभावित रोगियों की शिकायतों से निपटने वाले क़ानून का सख़्ती से अनुपालन सुनिश्चित करे.
भारतीय रिज़र्व बैंक में कार्यरत एक महिला कर्मचारी को गर्भावस्था से उत्पन्न जटिलताओं के कारण ‘बेड रेस्ट’ की सलाह दी गई थी. उन्होंने आरबीआई से अग्रिम ‘सिक लीव’ देने का अनुरोध किया, जिसे नियमों का हवाला देकर अस्वीकार कर दिया गया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने बिहार के एक निवासी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एम्स या दिल्ली के किसी अन्य अस्पताल में आप नागरिकों को बाहर से आने और इलाज कराने से नहीं रोक सकते हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि अस्पताल द्वारा मरीज़ के निवास स्थान के आधार पर भेदभाव किया गया है.
अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ दाख़िल याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने बताया है कि अग्निवीर कैडर को अलग कैडर के रूप में बनाया गया है. इसे नियमित सेवा के रूप में नहीं गिना जाएगा. चार साल तक अग्निवीर के रूप में सेवा करने के बाद फिट पाए जाने पर नियमित कैडर की सेवा शुरू होगी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि आवास किराया भत्ता (एचआरए) देने के लिए विभिन्न सुरक्षा बलों के कर्मचारियों के साथ एक ‘भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण’ की अनुमति नहीं दी जा सकती है. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के सेवारत अधिकारियों की एक याचिका में गृह मंत्रालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एचआरए लाभ को केवल अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मचारियों तक सीमित कर दिया गया है.
दिल्ली पुलिस के एक कॉन्स्टेबल का 5 मई 2020 को कोविड-19 ड्यूटी के दौरान संक्रमण से निधन हो गया था. तब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा देने की घोषणा की थी. याचिका में मृतक कॉन्स्टेबल की पत्नी ने कहा है कि वह वादे के बाद मुआवज़ा हासिल करने के लिए दर-दर भटकती रही हैं.
अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सेना में नौकरी की प्रकृति समान होने पर भी 'अग्निवीरों' और नियमित सिपाहियों के वेतन में अंतर के बारे में पूछा था, जिस पर केंद्र ने कैडर अलग होने की बात कही. इस पर कोर्ट में कहा कि सवाल कैडर का नहीं, काम और ज़िम्मेदारी का है.
दिल्ली दंगों संबंधी मामले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार उमर ख़ालिद ने अपनी बहन की शादी के मद्देनज़र दो सप्ताह की अंतरिम ज़मानत मांगी थी. अदालत ने उन्हें 23 से 30 दिसंबर की अवधि के लिए ज़मानत देते हुए कहा कि वे इसके विस्तार की मांग न करें.
दिल्ली उच्च न्यायालय के ‘एस’ ब्लॉक भवन के उद्घाटन के दौरान प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी से परे भी भारत बसता है और ज़िला स्तरीय न्यायपालिका पर ध्यान देने की ज़रूरत है.
एक 26 वर्षीय महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट से भ्रूण में मस्तिष्क संबंधी असामान्यताएं होने के कारण गर्भपात की अनुमति मांगी थी. अदालत ने उनके पक्ष में निर्णय देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में अंतिम फैसला जन्म देने संबंधी महिला की पसंद और अजन्मे बच्चे के गरिमापूर्ण जीवन की संभावना को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए.
2018 में फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर लिखा था कि दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर ने एल्गार परिषद मामले में आरोपी गौतम नवलखा की नज़रबंदी का आदेश इसलिए रद्द किया था क्योंकि वे जज की पत्नी के दोस्त थे. अग्निहोत्री की माफ़ी के बाद कोर्ट ने कहा कि वे उसके समक्ष पेश होकर खेद जताएं.