असम के पहाड़ी दिमा हसाओ ज़िले में भारी भूस्खलन और रेलवे पटरियों के क्षतिग्रस्त होने के कारण बीते 25 अप्रैल से यात्री और माल गाड़ियां प्रभावित हुई हैं, जिससे त्रिपुरा में ईंधन संकट खड़ा हो गया है. राजधानी अगरतला में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
राजस्थान में बांसवाड़ा ज़िले के दानापुर इलाके का मामला. आरोप है कि एंबुलेंस बुलाए जाने के क़रीब सवा घंटे बाद पहुंची और जब मरीज़ को लेकर अस्पताल ले जाया जा रहा था तो ईंधन ख़त्म हो गया. डीज़ल मंगाकर डाला गया, लेकिन वह स्टार्ट नहीं हुई. फिर मरीज़ के परिजन एंबुलेंस को धक्का मारकर अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन उनकी मौत हो गई.
कच्चे तेल की आपूर्ति पर नज़र रखने वाली संस्था ‘वोर्टेक्सा’ के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के दौरान रूस ने भारत को 935,556 बैरल प्रति दिन कच्चे तेल की आपूर्ति की है. यह उसके द्वारा भारत को कच्चे तेल की अब तक की सर्वाधिक आपूर्ति है.
राज्यसभा में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था. यह मई, 2020 में रिकॉर्ड वृद्धि के साथ क्रमश: 32.98 रुपये और 31.83 रुपये प्रति लीटर हो गया. केंद्र ने 2014-15 में पेट्रोलियम क्षेत्र में शुल्क और करों से 1.72 लाख करोड़ रुपये कमाए थे, जो 2021-22 में बढ़कर
फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री ने निजी ईंधन खुदरा विक्रेताओं को राहत प्रदान करने, उनके लिए एक अधिक व्यवहार्य निवेश वातावरण बनाने और इस क्षेत्र में निवेश, रोज़गार सृजन को आकर्षित करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय के हस्तक्षेप की मांग की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी छत्तीसगढ़ को पर्याप्त ईंधन देने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है.
मांग में अचानक आए उछाल की वजह से मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक जैसे कई राज्यों में कुछ पेट्रोल पंप तेल की कमी का सामना कर रहे हैं. सरकार ने कहा है कि ईंधन की अधिक मांग को पूरा करने के लिए पेट्रोल और डीज़ल की आपूर्ति पर्याप्त है, लेकिन सरकारी पेट्रोल पंपों पर भीड़ ने ग्राहकों के इंतज़ार की अवधि को बढ़ा दिया है.
पिछले एक साल में सीएनजी की कीमतों में 32.21 रुपये प्रति किलोग्राम या 60 फीसदी तक की वृद्धि हो चुकी है. कीमतों में सात मार्च के बाद से यह 13वीं बढ़ोतरी है. इस दौरान कुल मिलाकर सीएनजी की कीमत 19.60 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ चुकी है. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि वास्तविक कटौती तब होगी, जब केंद्र उस सेस में कमी करे, जो वह पेट्रोल-डीज़ल पर वसूल करता है और इसे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान पर महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे विपक्ष शासित राज्यों ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों से कर घटाने के लिए कहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि यही प्रधानमंत्री जनता को लेकर चिंतित होते तो उनकी सरकार ने पेट्रोल/डीज़ल की कीमतें नहीं बढ़ाई होतीं, उपकर भी नहीं बढ़ाया होता.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एशिया और प्रशांत विभाग की कार्यवाहक निदेशक ने कहा है कि अनुमानों के मुताबिक़ 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, जो कि 0.8 प्रतिशत अंक कम है.
22 मार्च के बाद 6 अप्रैल तक पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उनका प्रयास पेट्रोल और डीज़ल के दामों को नियंत्रण में रखने का है. इसी वजह से केंद्र ने इन पर उत्पाद शुल्क घटाया था और राज्यों से भी ऐसा करने को कहा था.
बुधवार को बीते दो सप्ताह में 14वीं बार पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों बढ़ोतरी की गई. पिछले महीने से सीएनजी के दामों में हुई आठवीं बार बढ़ोतरी के बाद अब तक क़रीब 9 रुपये प्रति किलोग्राम दाम बढ़े हैं. उधर, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि विकसित देशों में एक साल में पेट्रोल के दाम 50 प्रतिशत तक बढ़े हैं, वहीं भारत में केवल पांच प्रतिशत बढ़े हैं.
पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में मंगलवार को दो सप्ताह के भीतर 13वीं बार वृद्धि की गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बढ़ती कीमतों को 'प्रधानमंत्री जन धन लूट योजना' क़रार दिया है.
पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रहने के बाद बीते 22 मार्च से लगातार बढ़ाई जा रही हैं. तब से 12वीं बार कीमतों में वृद्धि की गई है. ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर राज्यसभा में विपक्षी दलों का हंगामा किया. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार ने ईंधन कर के रूप में 26.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है.
रविवार को 13 दिन में 11वीं बार पेट्रोल-डीज़ल के दामों में 80-80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई. तिरुवनंतपुरम, हैदराबाद, मुंबई, भुवनेश्वर, रायपुर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में डीज़ल का दाम भी शतक के पार हो चुका है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि इसी गति से दाम बढ़े तो अगले चुनाव तक पेट्रोल 275 रुपये प्रति लीटर बिकेगा.
शनिवार को पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में फिर प्रति लीटर 80 पैसे की बढ़ोतरी हुई है. पिछले 12 दिनों के दौरान अब तक 7.2 रुपये की वृद्धि की जा चुकी है. इसे लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि 'मोदी जी देश के लोगों को रोज़ाना पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमत बढ़ाने का गुड मॉर्निंग गिफ्ट देते हैं.'