वीडियो: मुंबई की आरे कॉलोनी में बनने वाले मेट्रो कार शेड को लेकर मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने बीते 24 अप्रैल की सुबह तक़रीबन 500 पेड़ काट दिए. ये सारे पेड़ यहां के स्थानीय निवासियों ने लगाए थे. इस क़दम से इन लोगों में नाराज़गी है.
ठाणे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है. यहां से वे विधायक और उनके बेटे सांसद हैं. एक रिपोर्ट बताती है कि पूर्व सांसद आनंद परांजपे के ख़िलाफ़ शुरू में एक ही अपराध में 11 एफ़आईआर दर्ज की गई थी, जो अंतत: बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा ठाणे पुलिस को फटकार लगाने के बाद घटाकर एक कर दी गई.
नवी मुंबई के खारघर में बीते रविवार को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह का आयोजन हुआ था, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद थे. बताया गया है कि कार्यक्रम के लिए महाराष्ट्र के दूरदराज के इलाकों के अलावा मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात के लाखों लोगों को लाया गया था, जो छह घंटे से ज़्यादा समय तक सीधे धूप में बैठे रहे.
कई राज्यों में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए आंदोलन कर रहे हैं, जिसे 2003 में बंद कर दिया गया था. 2004 के बाद से सरकारी कर्मचारी (सशस्त्र बलों को छोड़कर) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत कवर किए गए हैं. इसके तहत भुगतान बाज़ार से जुड़ा हुआ है और रिटर्न आधारित है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और विपक्ष के नेता अजीत पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा में कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक कम से कम 1,203 किसानों ने अपनी जान ली है. शिंदे-फडणवीस सरकार कृषि के मामले में सबसे असंवेदनशील सरकारों में से एक है.
शिवसेना के दो फाड़ के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और पार्टी चिह्न देने के फैसले की आलोचना करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आयोग का फैसला हमें स्वीकार नहीं है. वे शिंदे गुट को पार्टी का नाम और चिह्न दे सकते हैं, लेकिन पार्टी नहीं.
चुनाव आयोग के इस फैसले को उद्धव ठाकरे ने ‘लोकतंत्र की हत्या’ क़रार दिया. उन्होंने कहा कि शिंदे गुट ने शिवसेना का चुनाव चिह्न चुरा लिया है. हम लड़ते रहेंगे और उम्मीद नहीं खोएंगे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इस घटनाक्रम को ‘ख़तरनाक’ बताया है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी महाराष्ट्र में बीते साल उपजे राजनीतिक संकट, जिसके फलस्वरूप उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली एमवीए सरकार गिर गई थी, से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि नए लोकायुक्त क़ानून के मसौदा को मंत्रिमंडल ने मंज़ूरी दे दी है और इसे विधानमंडल में पेश किया जाएगा. पहली बार मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को लोकायुक्त के दायरे में लाया गया है.
साल 2012 में दिल्ली में पैरामेडिकल की छात्रा से सामूहिक बलात्कार के बाद बनाए गए 'निर्भया फंड' के लिए 2021-22 तक कुल आवंटन 6,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा, जिसमें से 30 प्रतिशत धनराशि का इस्तेमाल नहीं हुआ है.
निर्भया कोष के तहत मुंबई पुलिस द्वारा ख़रीदे गए वाहनों का इस्तेमाल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के विधायकों और सांसदों को ‘वाई-प्लस एस्कॉर्ट सुरक्षा’ प्रदान करने के लिए किए जाने का मामला सामने आया है. विपक्ष ने सरकार पर हमला करते हुए पूछा कि क्या सत्तारूढ़ विधायकों की सुरक्षा महिलाओं की सुरक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है.
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को मुंबई की आरे कॉलोनी में अपनी कार शेड परियोजना में ‘ट्रेन रैंप’ के निर्माण के लिए 84 पेड़ों को काटने की अर्ज़ी संबंधित प्राधिकार के समक्ष रखने की अनुमति देते हुए कहा कि बड़े सार्वजनिक कोष वाली ऐसी परियोजनाओं में अदालत गंभीर अव्यवस्था से बेख़बर नहीं हो सकती.
कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच दशकों पुराना सीमा विवाद फिर से भड़का उठा है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दावा किया था कि महाराष्ट्र के सांगली ज़िले के कुछ कन्नड़ भाषी ग्राम पंचायतों ने एक प्रस्ताव पारित कर कर्नाटक में विलय की मांग की थी. इसके बाद महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के मराठी भाषी गांवों को महाराष्ट्र में शामिल करने के लिए संघर्ष करने की बात कही थी. दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार है.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी को ‘पुराने ज़माने’ का आदर्श बताया था. इसके बाद उन्हें हटाने की मांग को लेकर कई शहरों में प्रदर्शन हुए हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ के विधायक संजय गायकवाड ने राज्यपाल को राज्य से बाहर भेजने की मांग की है.
केंद्र द्वारा टाटा-एयरबस विमान परियोजना 22,000 करोड़ रुपये की लागत से महाराष्ट्र के विदर्भ में स्थापित की जानी थी, लेकिन अब वह गुजरात में स्थानांतरित कर दी गई है. विपक्ष का आरोप है कि यह चौथी परियोजना है, जो महाराष्ट्र से गुजरात चली गई, ऐसा इसलिए हो रहा है, ताकि आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित की जा सके.