असम: डीएनए रिपोर्ट में ख़ुलासा, पुलिस ने मुठभेड़ में अपराधी की जगह अन्य नागरिक को मारा

बीते फरवरी में असम पुलिस ने मुठभेड़ में एक व्यक्ति को मारते हुए उसके सरेंडर बोडो उग्रवादी केनाराम होने का दावा किया था. हालांकि, एक परिवार ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा था कि एनकाउंटर में केनाराम की जगह उनके परिजन दिंबेश्वर की मौत हुई है. डीएनए रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस ने स्वीकार किया कि मृतक केनाराम नहीं था.

जम्मू कश्मीर: सेना के शिविर पर हमला- तीन जवान शहीद, दो आतंकवादी मारे गए

जम्मू कश्मीर के राजौरी ज़िले में गुरुवार तड़के एक संदिग्ध आत्मघाती समूह ने सेना के एक शिविर में घुसने की कोशिश की, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए और तीन जवान शहीद हो गए. 

हैदरपोरा एनकांउटर में मृत तीसरे नागरिक के शव निकालने की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बीते 27 मई को अधिकारियों से मोहम्मद लतीफ़ माग्रे की मौजूदगी में हैदरपोरा एनकाउंटर में मृत उनके बेटे आमिर के अवशेषों को निकालने का आदेश दिया था. हालांकि छह जून को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस पर रोक लगा दी थी. आमिर उन चार लोगों में से एक थे, जो नवंबर 2021 को श्रीनगर के हैदरपोरा में एनकाउंटर में मारे गए थे. इनमें से दो लोगों के शव विरोध के बाद उनके परिजनों

हैदरपोरा एनकाउंटर: जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने तीसरे नागरिक का शव क़ब्र से निकालने का आदेश दिया

आमिर लतीफ़ माग्रे उन चार लोगों में से एक थे, जो 15 नवंबर 2021 को श्रीनगर के बाहरी इलाके हैदरपोरा में एनकाउंटर में मारे गए थे. एनकाउंटर की प्रमाणिकता को लेकर जनाक्रोश और विरोध के कुछ दिन बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दो मृतकों- अल्ताफ़ अहमद भट और डॉ. मुदासिर गुल के शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया था. हाईकोर्ट ने आमिर का शव उनके परिजनों के सुपुर्द न करने के जम्मू कश्मीर पुलिस के फैसले को संविधान के

उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था बेहतर होने के भाजपा के दावों में कितनी सच्चाई है

बीते पांच सालों में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने औरतों, अल्पसंख्यकों और असहमति ज़ाहिर करने वालों पर हुए ज़ुल्म की अनदेखी की है, या इसमें स्वयं उसकी भूमिका रही. ऐसे हालात में भी विडंबना यह है कि भाजपा प्रदेश में क़ानून व्यवस्था के अपने रिकॉर्ड को उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है.

जम्मू कश्मीरः पुलवामा मुठभेड़ की ‘ग़लत रिपोर्टिंग’ के लिए स्थानीय पत्रकारों को तलब किया गया

जम्मू कश्मीर पुलिस ने 30 जनवरी को पुलवामा में हुई एक मुठभेड़ को लेकर एक प्रमुख टीवी कमेंटेटर माजिद हैदरी, ऑनलाइन पोर्टल न्यूज़क्लिक के वीडियो पत्रकार कामरान यूसुफ़ और फ्री प्रेस कश्मीर के पत्रकार विकार सैयद को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया था.

हैदरपोरा मुठभेड़ः पुलिस के हलफ़नामे में पता चले ख़ुफ़िया इनपुट से जुड़े सेना के विरोधाभासी दावे

15 नवंबर 2021 को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में हुए 'एनकाउंटर' में हुई चार लोगों की मौत के बाद इस पर कई सवाल उठे थे. सेना के श्रीनगर स्थित 15 कॉर्प्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट में दावा किया गया था कि इस संयुक्त ऑपरेशन को जम्मू कश्मीर पुलिस के ख़ुफ़िया इनपुट के आधार पर अंजाम दिया गया था.

बांदा के आरटीआई कार्यकर्ता को यूपी पुलिस द्वारा एनकाउंटर किए जाने का डर

वीडियो: उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता आशीष सागर दीक्षित को पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर बना दिया है. उनका आरोप है कि अब उन्हें गिरफ़्तार करने की साज़िश रची जा रही है.

जम्मू कश्मीर: राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में पत्रकार गिरफ़्तार

समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ के पत्रकार सज्जाद अहमद डार को इस हफ्ते की शुरुआत में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के परिवार का वीडियो कथित तौर पर अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में ब्रिटेन में रह रहे कश्मीरी व्यक्ति के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.

हैदरपोरा मुठभेड़ को लेकर लगाए गए आरोपों से आहतः जम्मू एवं कश्मीर डीजीपी

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों- व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल और आमिर मागरे की मौत हो गई थी. राजनीतिक दलों ने पुलिस द्वारा की गई वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाए थे, जिसमें इस मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों को एक तरह से ‘क्लीनचिट’ दी गई थी. 

हैदरपोरा मुठभेड़: आमिर की मां ने ख़ुदकुशी की धमकी दी, परिवार ने पुलिस जांच को ख़ारिज किया

बीते 15 नवंबर को हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक आमिर मागरे के माता-पिता ने पुलिस की उस जांच को ख़ारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उनके बेटे आतंकी थे. इसके अलावा इस गोलीबारी में एक आतंकी सहित जिन लोगों की मौत हुई उनमें शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक मोहम्मद अल्ताफ़ भट और दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल शामिल हैं. 

हैदरपोरा मुठभेड़: एसआईटी ने सुरक्षाबलों की किसी साज़िश से किया इनकार

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों- व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल और आमिर मागरे की मौत हो गई थी. गुपकर गठबंधन ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की. है. वहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि एसआईटी द्वारा सुरक्षाबलों को दी गई क्लीनचिट आश्चर्यचकित नहीं करती है. यह जांच एक ग़लत अभियान की लीपापोती करने के लिए की गई थी.

हैदरपोरा मुठभेड़: परिजनों, अधिकार कार्यकर्ताओं की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान तीन व्यक्तियों मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मोहम्मद अल्ताफ़ भट, दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल और अमीर मागरे शामिल हैं. परिजनों का कहना है कि सरकार को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारे गए व्यक्तियों के मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिए एक महीने से अधिक समय हो गया है. हमें परिणाम जानने का अधिकार है.

हैदरपोरा एनकाउंटर: पीड़ित परिवार ने शव मांगा, कहा- आख़िरी बार चेहरा देखना चाहते हैं

जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के हैदरपोरा में बीते 15 नवंबर को हुए एनकाउंटर में मोहम्मद आमिर मागरे और तीन अन्य की मौत हो गई थी. पुलिस इनके आतंकी या उनका सहयोगी होने का दावा कर रही है. लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है कि वे निर्दोष थे. पुलिस ने बीते नवंबर महीने में ही इस एनकाउंटर में मारे गए दो आम नागरिकों के शव उनके परिजनों को लौटा चुकी है.

श्रीनगरः एनकाउंटर में तीन संदिग्ध आतंकियों की मौत, चश्मदीदों ने पुलिस के दावों पर संदेह जताया

श्रीनगर में 24 नवंबर की शाम पुलिस मुठभेड़ में तीन संदिग्ध आतंकियों को मार गिराया गया था, लेकिन स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जिन लड़कों को पुलिस ने मुठभेड़ में मारा, वे निहत्थे थे और सड़क किनारे खड़े थे.

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