वीडियो: आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में मीडिया समूह दैनिक भास्कर के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों पर बृहस्पतिवार को छापे मारे. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख टीवी समाचार चैनल भारत समाचार के यहां भी छापेमारी की. इस मुद्दे पर भारत समाचार की वरिष्ठ पत्रकार प्रज्ञा मिश्रा, यूपी राजनीति के जानकार शरत प्रधान और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में मीडिया समूह दैनिक भास्कर के भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर स्थित परिसरों में छापेमारी की है. वहीं, उत्तर प्रदेश स्थित टीवी समाचार चैनल भारत समाचार के दफ़्तर, उसके संपादक ब्रजेश मिश्रा और स्टेट हेड वीरेंद्र सिंह के घरों पर भी छापा मारा गया है.
इस साल फरवरी में ईडी ने समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के दफ़्तर के साथ संस्थान के कई अधिकारियों और पत्रकारों के घरों पर छापेमारी की थी. ईडी ने कहा था कि छापे कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े थे और एजेंसी विदेश में संदिग्ध कंपनियों से संगठन को प्राप्त धन की जांच कर रही थी.
पिछले साल नवंबर में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के महाराष्ट्र स्थित परिसरों पर छापेमारी भी की थी. उनका कहना है कि केंद्रीय एजेंसियां उन्हें बेवजह परेशान कर रही हैं. उन्होंने कहा कि वह बीते सात महीने से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि उन्हें राज्य सरकार से कोई समर्थन नहीं मिला है.
सोने तस्करी मामले के दो प्रमुख आरोपियों ने आरोप लगाया है कि प्रवर्तन निदेशालय ईडी के अधिकारियों ने उन्हें केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर किया गया. यह न्यायिक जांच इन्हीं आरोपों की जांच के लिए है. हालांकि ईडी ने इन आरोपों का खंडन किया है.
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने ईडी के समक्ष पेश होने की वैधता को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर अदालत ने केंद्रीय एजेंसी से मुफ़्ती पर पेश होने का दबाव न बनाने को कहा है. मुफ़्ती ने बताया है कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग क़ानून के तहत समन जारी किए गए थे लेकिन संबद्ध मामले की कोई जानकारी नहीं दी गई.
ईडी द्वारा खाते फ्रीज़ किए जाने के बाद बीते साल सितंबर महीने में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत में अपना काम बंद किया था और इसके लिए केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया था.
ईडी का कहना है कि न्यूज़क्लिक पर छापेमारी कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी हुई है और एजेंसी संगठन को विदेशों की संदिग्ध कंपनियों से धन मिलने की जांच कर रही है. कई पत्रकारों का कहना है कि ये छापे स्वतंत्र मीडिया को निशाना बनाने का प्रयास हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी 2016 के कथित तौर पर ज़मीन हड़पने के एक मामले में एनसीपी नेता एकनाथ खड़से की याचिका पर सुनवाई के दौरान की. याचिका में ईडी द्वारा पिछले साल अक्टूबर में दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट को रद्द करने का अनुरोध किया गया है.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की शीर्ष अधिकारी ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों पर अमेरिकी संसद की सुनवाई के दौरान आरोप लगाया कि एक साल तक भारत सरकार द्वारा जारी धमकियां, एमनेस्टी इंडिया के दफ़्तरों पर हमले, कर्मचारियों और बोर्ड के सदस्यों से पूछताछ आदि के बाद यह कदम उठाया गया.
पीटर मुखर्जी का 2018 में दिया यह बयान दिखाता है कि ईडी के आरोपों के अनुसार जो रिश्वत कार्ति चिदंबरम को दी गई थी, वह असल में मुकेश अंबानी की एक फर्म के लिए थी. हालांकि यह साफ नहीं है कि मोदी सरकार की इस प्रमुख जांच एजेंसी ने यह जानकारी मिलने के बाद क्या कदम उठाया था.
वित्त मंत्रालय ने एक अप्रत्याशित आदेश में ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा को एक साल का कार्यकाल विस्तार दिया है. बीते समय में विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ बढ़े ईडी मामलों के चलते आलोचकों का कहना है चूंकि सीबीआई को लंबी जांच प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है, इसलिए राजनीतिक लाभ के लिए विपक्ष को प्रताड़ित करने का काम अब ईडी को सौंप दिया गया है.
इन संगठनों ने बयान जारी कर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा एमनेस्टी इंडिया के ख़िलाफ़ कार्रवाई को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है. इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नागरिक अधिकारों के लिए काम करने वाले इस संगठन के भारत में काम बंद करने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया है.
सरकार द्वारा निशाना बनाए जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को भारत में अपना काम रोकने की अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की घोषणा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि मानवाधिकार देश के क़ानून को तोड़ने का बहाना नहीं हो सकता है.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने देश में अपना काम बंद करने का यह क़दम ईडी द्वारा उसके खातों को फ्रीज किए जाने के बाद उठाया है. संगठन के इस क़दम से क़रीब 150 कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी.