लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दर्ज दूसरी एफ़आईआर के तहत गिरफ़्तार किए गए सात किसान आरोपियों में से पुलिस ने चार- विचित्र सिंह, गुरविंदर सिंह, कमलजीत सिंह और गुरप्रीत सिंह के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल किए गए हैं. चारों किसानों पर भाजपा के दो स्थानीय नेताओं और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गाड़ी के ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप है.
कृषि क़ानूनों का विरोध करने वाले किसान संगठनों का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि संगठन भाजपा के ख़िलाफ़ अपने ‘मिशन यूपी’ अभियान को फिर शुरू करेगा, क्योंकि मोदी सरकार ने उनमें से एक भी मांग पूरी नहीं की है, जिनको पूरा करने का आश्वासन देकर उन्होंने किसान आंदोलन ख़त्म कराया था.
सिख धर्म को देश की रक्षा से बांधकर और यह कहकर कि गुरुओं का काम देश की रक्षा था, नरेंद्र मोदी आज की अपनी राष्ट्रीय असुरक्षा की राजनीति को ही रेखांकित कर रहे हैं. सावरकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे हिंदू धर्म का राष्ट्रीयकरण करते रहे हैं, वैसे ही वे सिख और बौद्ध धर्म का भी राष्ट्रीयकरण करना चाहते रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा मामले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के संबंधी वीरेंद्र शुक्ला को ज़मानत चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में मिली है, जिनकी मौत कथित तौर पर गाड़ियों के काफ़िले से कुचल दिए जाने की वजह से हुई थी.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने एनआईए महानिरीक्षक, चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के अतिरिक्त डीजीपी (सुरक्षा) को समिति का सदस्य नियुक्त करते हुए कहा कि सवालों को एकतरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता.
वीडियो: कृषि क़ानून वापस लिए जाने के बाद भी किसानों में आक्रोश है. क्या जाट और मुसलमान एकजुट होकर वोटों से योगी सरकार को नुकसान पहुंचा पाएंगे? मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बाद क्या स्थिति है? इंडियन फार्मर्स यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने आरफ़ा ख़ानम शेरवानी को दिए इंटरव्यू में इन सभी सवालों के जवाब दिए.
वीडियो: उत्तर प्रदेश का पश्चिमी जाट बहुल हिस्सा किसान आंदोलन के बाद से सुर्खियों में है. जाटों और मुसलमानों के एकीकरण ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद के दावे को मजबूत किया है. द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने शामली में नेताओं से यहां के राजनीतिक और महत्वपूर्ण ज़मीनी मुद्दों को जानने की कोशिश की.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे पर हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करेगा.
पंजाब में हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच अवश्य होनी चाहिए, लेकिन यह प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रोटोकॉल में उल्लंघन की पहली घटना नहीं है. पूर्व एसपीजी अधिकारियों का कहना है कि आखिरी फैसला नरेंद्र मोदी ही लेते हैं और अक्सर सुरक्षा के तय कार्यक्रमों को अंगूठा दिखा देते हैं.
प्रधानमंत्री की ख़ासियत है कि जब-जब वे अप्रिय स्थिति में पड़ते हैं किसी न किसी तरह उनकी जान को ख़तरा पैदा हो जाता है. जब से वे मुख्यमंत्री हुए तब से अब तक कुछ समय के बाद उनकी हत्या की साज़िश की कहानी कही जाने लगती है. लोग गिरफ़्तार किए जाते हैं, पर कुछ साबित नहीं होता. फिर एक रोज़ नए ख़तरे की कहानी सामने आ जाती है.
सुरक्षा में चूक को लेकर ख़ुद प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी जिस तरह उसी क्षण से इस घटना को सनसनीखेज़ बनाकर राजनीतिक लाभ उठाने में लग गए हैं, उससे ज़ाहिर है कि वे घटना की गंभीरता को लेकर कम और उससे मुमकिन चुनावी फायदे के बारे में ज़्यादा गंभीर हैं.
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने बीते सोमवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल किया है. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. एसआईटी ने आशीष को घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए मुख्य आरोपी बनाया है.
हरियाणा के चरखी दादरी में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि जब वे कृषि क़ानूनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तब 'वे बहुत घमंड में थे.' मलिक यह भी कहा कि आगे अगर सरकार किसानों के ख़िलाफ़ कोई क़दम लेगी तो वे इसका विरोध करेंगे और अपना पद छोड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
उत्तर प्रदेश पुलिस के एसआईटी ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष समेत सभी 14 अभियुक्तों के ख़िलाफ़ अदालत में 5,000 पन्नों आरोप-पत्र दाख़िल किया है. यह पिछले साल तीन अक्टूबर को हिंसा के दौरान गाड़ियों से कुचलकर चार किसानों और एक पत्रकार की कथित रूप से हत्या किए के मामले से संबंधित है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को हुई हिंसा की जांच कर रहा विशेष जांच दल भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ़ से दर्ज कराई गई प्राथमिकी के संबंध में कुल छह लोगों को गिरफ़्तार कर चुका है. इस हिंसा में चार किसानों की भी मौत हुई थी, जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे मुख्य आरोपी है.