इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित ब्लॉक किए गए लिंक और एकाउंट की सूची में 35 फेसबुक लिंक, 35 फेसबुक एकाउंट, 14 इंस्टाग्राम एकाउंट, 42 ट्विटर एकाउंट, 49 ट्विटर लिंक, 1 स्नैपचैट एकाउंट और 1 रेडिट एकाउंट शामिल हैं.
तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन को वापस लेने के समय 2 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के साथ केंद्र द्वारा किए गए समझौतों को तुरंत लागू करने की मांग के साथ 21 फरवरी को प्रदर्शन किया जाएगा. संगठन ने चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को किसानों की समस्याओं से जोड़ते हुए इसके माध्यम से भ्रष्टाचार को वैध बनाने के लिए मोदी सरकार की निंदा की.
ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी ने पिछले दिनों कहा था कि किसान आंदोलन को कवर करने और सरकार की आलोचना करने वाले एकाउंट को ब्लॉक करने के लिए भारत सरकार से ‘कई अनुरोध’ प्राप्त हुए थे. इस पर ट्विटर के वर्तमान प्रमुख एलन मस्क ने कहा है कि हम जो सबसे अच्छा काम कर सकते हैं, वह है किसी भी देश के क़ानूनों का पालन करना.
कनाडा के कार्लटन विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वालीं डॉ. नवशरण सिंह रोहतक विश्वविद्यालय, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक्स रिसर्च और इंटरनेशनल डेवलपमेंट रिसर्च काउंसिल में काम कर चुकी हैं. बीते माह प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे लंबी पूछताछ की थी.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर अपने उन उद्योगपति दोस्तों की मदद करने के लिए एमएसपी पर क़ानून नहीं बनाने का आरोप लगाया, जो कम दरों पर किसानों से फसल ख़रीदते हैं और उच्च कीमतों पर प्रसंस्कृत उत्पाद बेचते हैं.
राजस्थान के दौसा ज़िले के किसानों ने ज़मीन नीलामी में शामिल बैंक अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई और भूमि नीलामी प्रक्रिया को रद्द करने की मांग करते हुए राजधानी जयपुर में प्रदर्शन किया. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने क़र्ज़ नहीं चुकाने वाले किसानों की कृषि भूमि को बैंकों द्वारा नीलाम किए जाने से रोकने के निर्देश दिए हैं.
फ्रीडम ऑफ द नेट रिपोर्ट डिजिटल प्लेटफॉर्म मानवाधिकारों की स्थिति का वार्षिक विश्लेषण करती है. इस रिपोर्ट के 11वें संस्करण के तहत जून 2020 से मई 2021 के बीच 70 देशों में 88 फीसदी वैश्विक इंटरनेट यूज़र्स को शामिल किया गया है. रिपोर्ट कहती है कि लगातार ग्यारहवें वर्ष वैश्विक स्तर पर इंटरनेट स्वतंत्रता कम हुई है.
बसपा प्रमुख मायावती ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का समर्थन किया और घोषणा की कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो राज्य में तीनों विवादास्पद कानूनों को लागू नहीं किया जाएगा.
किसानों ने आरोप लगाया कि है भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया था.
पंजाब के पूर्व मंत्री अनिल जोशी कृषि क़ानूनों पर केंद्र को सही फीडबैक न देने के लिए पार्टी के राज्य नेतृत्व को ज़िम्मेदार ठहराते रहे हैं. उन्होंने कहा था कि पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए अपने घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. पार्टी से निकाले जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि राज्य के मुद्दों को उठाने के लिए उन्हें निष्कासित किया गया.
एक समाचार पोर्टल चलाने वाले हिसार के पत्रकार राजेश कुंडू को ज़िले में हिंसा होने की आशंका संबंधी पोस्ट करने पर हरियाणा पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं और आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. पत्रकारों समेत विपक्षी दलों ने इसका विरोध करते हुए मामले को तुरंत वापस लेने की मांग की है.
केंद्र के तीन कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ जारी किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में प्रदेश में हुए नगर निगमों के चुनाव में कांग्रेस ने सात नगर निगमों में से छह में जीत हासिल की है और सातवें में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. इस प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस ने 2022 के लिए कैप्टन अभियान की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य के किसानों से खरीदे धान की कस्टम मिलिंग के बाद केंद्रीय पूल में चावल जमा करने की अनुमति मांगी है. राज्य में कई धान बिक्री केंद्रों ने किसानों से कहा है कि धान की पैदावार रखने की जगह न होने के कारण वे अगले कुछ दिनों तक फसल बेचने न आएं.
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, भाकियू नेताओं सहित किसान नेता किसानों को उकसा रहे हैं व झूठी ख़बरें फैला रहे हैं, जिससे इलाके में शांति भंग हो सकती है. नेताओं ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे बैठकों के माध्यम से लोगों को नए कृषि क़ानून समझा रहे हैं. उन्होंने बॉन्ड भरने के नोटिस को उत्पीड़न क़रार दिया है.
इस साल मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में कांग्रेस के 22 विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के चलते कमलनाथ सरकार गिर गई थी. अब इंदौर में हुए एक कार्य्रक्रम में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इसमें धर्मेंद्र प्रधान की नहीं, प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी भूमिका थी.