केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि पिछले पांच सालों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 7.67 करोड़ लाभाथिर्यों ने एक ही बार सिलेंडर भरवाया. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 30.53 करोड घरेलू ग्राहकों में से 2.11 करोड़ ने कोई सिलेंडर रिफिल नहीं कराया जबकि 2.91 करोड़ ने केवल एक बार सिलेंडर रिफिल कराया.
पिछले एक साल में सीएनजी की कीमतों में 32.21 रुपये प्रति किलोग्राम या 60 फीसदी तक की वृद्धि हो चुकी है. कीमतों में सात मार्च के बाद से यह 13वीं बढ़ोतरी है. इस दौरान कुल मिलाकर सीएनजी की कीमत 19.60 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ चुकी है. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि वास्तविक कटौती तब होगी, जब केंद्र उस सेस में कमी करे, जो वह पेट्रोल-डीज़ल पर वसूल करता है और इसे
बुधवार को बीते दो सप्ताह में 14वीं बार पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों बढ़ोतरी की गई. पिछले महीने से सीएनजी के दामों में हुई आठवीं बार बढ़ोतरी के बाद अब तक क़रीब 9 रुपये प्रति किलोग्राम दाम बढ़े हैं. उधर, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि विकसित देशों में एक साल में पेट्रोल के दाम 50 प्रतिशत तक बढ़े हैं, वहीं भारत में केवल पांच प्रतिशत बढ़े हैं.
पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में मंगलवार को दो सप्ताह के भीतर 13वीं बार वृद्धि की गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बढ़ती कीमतों को 'प्रधानमंत्री जन धन लूट योजना' क़रार दिया है.
पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रहने के बाद बीते 22 मार्च से लगातार बढ़ाई जा रही हैं. तब से 12वीं बार कीमतों में वृद्धि की गई है. ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर राज्यसभा में विपक्षी दलों का हंगामा किया. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार ने ईंधन कर के रूप में 26.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है.
रविवार को 13 दिन में 11वीं बार पेट्रोल-डीज़ल के दामों में 80-80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई. तिरुवनंतपुरम, हैदराबाद, मुंबई, भुवनेश्वर, रायपुर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में डीज़ल का दाम भी शतक के पार हो चुका है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि इसी गति से दाम बढ़े तो अगले चुनाव तक पेट्रोल 275 रुपये प्रति लीटर बिकेगा.
श्रीलंका वर्तमान में ऐतिहासिक आर्थिक संकट से जूझ रहा है और ईंधन, रसोई गैस तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं. इसके ख़िलाफ़ देश में प्रदर्शन जारी हैं. आपातकाल की घोषणा उस समय की गई है, जब अदालत ने राष्ट्रपति आवास के सामने प्रदर्शन के लिए गिरफ़्तार प्रदर्शनकारियों के एक समूह को ज़मानत दे दी है.
श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसे आवश्यक सामान की कमी हो गई है. देश में दिन में 13 घंटे तक बिजली गुल रहती है. इसके विरोध में बीते गुरुवार को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारी जमा हो गए और उनके इस्तीफ़े की मांग की थी. बाद में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया था.
भाजपा ने ईंधन की क़ीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, हालांकि सत्ता में आने पर उसने पेट्रोल, डीज़ल के दामों को कम करने के अपने वादे को पूरा नहीं किया और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कारकों को ज़िम्मेदार बताने लगी.