नरेंद्र मोदी की छवि को ख़राब करने वालीं तीस्ता सीतलवाड़ अकेली नहीं हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और भारतीय चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संस्थानों ने भी अतीत में गुजरात हिंसा और मुख्यमंत्री के रूप में मोदी द्वारा चलाई गई सरकार की भूमिका पर कड़ी टिप्पणियां की थीं.
गुजरात दंगों से जुड़े मामलों के सिलसिले में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर 'झूठे सबूत गढ़कर नरेंद्र मोदी समेत कई निर्दोष लोगों को फंसाने की साज़िश रचने का आरोप लगाया है. सितंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम ज़मानत के चलते अब तक उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला यह उन शिकायतों के जवाब में दिया, जिसमें कहा गया था कि मामले के एक दोषी को नोटिस नहीं दिया जा सका, क्योंकि वह अपने पते पर नहीं मिला. आरोप है कि बचाव पक्ष सुनवाई को टालने की कोशिश कर रहा है. बिलक़ीस ने दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को दी गई छूट पर मूल फाइलों को रिकॉर्ड पर रखने को लेकर अनिच्छा दिखाते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने बीते मंगलवार को इस सूचना पर विशेषाधिकार का दावा किया है. कांग्रेस ने सवाल किया कि सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है.
बिलक़ीस बानो के बलात्कार के दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि समय से पहले दोषियों को रिहा करने से पहले अपराध की गंभीरता पर विचार किया जाना चाहिए.
गुजरात: कोर्ट ने 2002 के दंगों के दौरान गैंगरेप और हत्या के मामलों में शामिल 26 आरोपियों को बरी किया
गुजरात के गांधीनगर ज़िले के कलोल में साल 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान अलग-अलग घटनाओं में अल्पसंख्यक समुदाय के एक दर्जन से अधिक सदस्यों की हत्या और सामूहिक बलात्कार के आरोप में शामिल 39 लोगों में से 13 की मामले के लंबित रहने के दौरान मौत हो गई थी.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बिलक़ीस बानो की वकील को आश्वासन दिया है कि उनकी याचिका सुन रही पीठ से जस्टिस बेला त्रिवेदी के अलग होने के चलते नई पीठ गठित कर जल्द ही मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा.
गुजरात में 2002 के गोधरा कांड के बाद हुए दंगे के एक मामले में दो बच्चों सहित अल्पसंख्यक समुदाय के 17 सदस्यों की हत्या के 22 आरोपियों में से आठ की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है. अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़ितों को एक मार्च, 2002 को मार दिया गया था और सबूत नष्ट करने के इरादे से उनके शव भी जला दिए गए थे.
बिलक़ीस बानो के बलात्कार के दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका से अलग होने से पहले जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने बिलक़ीस द्वारा गुजरात सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं की सुनवाई से भी ख़ुद को अलग किया था. त्रिवेदी 2004 से 2006 तक गुजरात सरकार की क़ानून सचिव रही हैं.
अपनी याचिका में बिलक़ीस बानो ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की समीक्षा की मांग की थी, जिसमें गुजरात सरकार को दोषियों की सज़ा पर निर्णय लेने की अनुमति दी गई थी. उनका तर्क था कि सुप्रीम कोर्ट का यह विचार कि दोषियों को रिहा करने का फैसला करने के लिए गुजरात में ‘उपयुक्त सरकार’ है, दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के विपरीत है.
साल 2002 के गुजरात दंगों के केंद्र में रही गोधरा सीट पर भाजपा के निवर्तमान विधायक सीके राउलजी ने 35,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की है. राउलजी वहीं भाजपा नेता हैं, जो बिलक़ीस बानो के बलात्कारियों को रिहा करने के फैसले में शामिल थे और उन्हें ‘संस्कारी ब्राह्मण’ बताया था.
गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को अयोध्या से ‘कारसेवकों’ को लेकर लौट रही साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा देने के कारण 59 लोगों की मौत हो गई थी. इसके कारण राज्य में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे.
बिलक़ीस बानो ने 2002 के सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में 11 दोषियों को सज़ा में छूट तथा उन्हें रिहा किए जाने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की समीक्षा की भी मांग की है, जिसमें गुजरात सरकार को दोषियों की सज़ा पर निर्णय लेने की अनुमति दी गई थी.
अपनी याचिका में बिलक़ीस बानो ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की समीक्षा की भी मांग की है, जिसमें गुजरात सरकार को दोषियों की सज़ा पर निर्णय लेने की अनुमति दी गई थी.
भाजपा ने गुजरात की नरोदा सीट से मौजूदा विधायक बलराम थवानी को एक और मौका देने के बजाय पायल कुकरानी को मैदान में उतारा है. पायल नरोदा पाटिया दंगा मामले में दोषी क़रार दिए गए 16 व्यक्तियों में से एक मनोज कुकरानी की बेटी हैं. पार्टी ने बिलकीस बानो के बलात्कारियों को ‘संस्कारी’ बताने वाले विधायक चंद्रसिंह राउलजी को भी गोधरा से टिकट दिया है.