गुजरात के वडोदरा शहर का मामला. महिला के परिवार ने राज्य में हाल ही में पारित धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2021 के तहत जबरन धर्मांतरण का मामला दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन महिला ने आरोप से इनकार कर दिया. इसके बाद परिवार को शिकायत वापस लेनी पड़ी.
गुजरात के भरूच ज़िले का मामला है. तीन श्रमिक टैंक के अंदर द्रव से ठोस अपशिष्ट अलग कर रहे थे, तब यह घटना घटी. वे ज़हरीली गैस के कारण अचानक बेहोश हो गए.
भाजपा ने दावा किया है कि अमरेली में पार्टी प्रमुख सीआर पाटिल से संबंधित एक कार्यक्रम की तैयारी कर रहे उनके कार्यकर्ताओं को सहायक पुलिस आयुक्त (एएसपी) अभय सोनी द्वारा पीटा गया. वहीं सोनी का कहना है कि उन्होंने कार्यकर्ताओं से सिर्फ़ वहां से जाने के लिए कहा था, क्योंकि रात बहुत ज़्यादा हो गई थी.
गुजरात विधानसभा ने ‘गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंज़ूरी दे दी. इसमें अधिकतम 10 वर्ष की सज़ा का प्रावधान है. विधेयक के अनुसार, शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की क़ैद की सजा सुनाई जा सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
2004 में 19 वर्षीय इशरत जहां की अहमदाबाद के बाहरी इलाके में हुई एक मुठभेड़ में मौत हो गई थी. मुठभेड़ को जांच में फ़र्ज़ी पाया गया था और सीबीआई ने सात पुलिस अधिकारियों को आरोपी बताया था. इनमें से तीन को बुधवार को आरोप मुक्त कर दिया गया. इससे पहले तीन अन्य आरोपी अधिकारी बरी किए जा चुके हैं, जबकि एक की बीते साल मौत हो गई थी.
साल 2004 में मुंबई के नज़दीक मुम्ब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत जहां तीन अन्य लोगों के साथ अहमदाबाद के बाहरी इलाके में गुजरात पुलिस की मुठभेड़ में मारी गई थीं. जांच में ये मुठभेड़ फ़र्ज़ी निकली थी. मामले के तीन अन्य आरोपी पुलिसकर्मी- पीपी पांडेय, डीजी वंजारा, एनके अमीन पहले ही आरोपमुक्त किए जा चुके हैं, जबकि जेजी परमार की बीते साल मौत हो गई.
2004 के इशरत जहां फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने विशेष अदालत के निर्देश के बाद गुजरात सरकार से तीन आरोपी पुलिस अधिकारियों पर मुक़दमा चलाने की अनुमति मांगी थी, जिससे राज्य सरकार ने मना कर दिया.
वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बगैर एक दलित आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद उन्हें अनुशासनहीनता के लिए सदन से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया. गुरुवार को यही मुद्दा उठाने को लेकर उन्हें सदन से बाहर कर दिया गया था.
गुजरात सरकार ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विधानसभा को बताया कि 2019 में पुलिस हिरासत में 70 मौतें हुईं, जबकि 2020 में 87 लोगों की जान गई थी.
गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी ज़किया जाफरी ने एसआईटी द्वारा नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं, नौकरशाहों को मिली क्लीन चिट को चुनौती दी है. कई बार टल चुकी सुनवाई की अगली तारीख़ तय करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अब इसे स्थगित करने के किसी अनुरोध को स्वीकार नहीं करेगा.
ग़लत तरीके से बिना गुनाह के एक लंबा समय जेल में गुज़ारने वाले लोगों द्वारा झेली गई पीड़ा की जवाबदेही किस पर है? क्या यह वक़्त नहीं है कि देश में पुलिस प्रणाली और अपराध न्याय प्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए जाएं?
गुजरात के वन मंत्री गणपत वसावा ने विधानसभा में बताया कि 313 शेरों में 23 की मौत अप्राकृतिक कारणों से हुई. उन्होंने कहा कि 2019 में 154 और 2020 में 159 शेरों की मौत हुई. इनमें 90 शेरनी, 71 शेर और 152 शावक शामिल हैं.
गुजरात के गृह विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 31 दिसंबर 2020 तक पिछले दो साल में राज्य के विभिन्न हिस्सों में 1,944 हत्याएं, 3,095 बलात्कार, अपहरण के 4,829 मामले और आत्महत्या के 14,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. इसके अलावा 198.30 करोड़ मूल्य की भारत में निर्मित विदेशी शराब की 15 करोड़ से अधिक बोतलें ज़ब्त की गई हैं.
गुजरात के भावनगर ज़िले के सनोदर गांव में बीते दो मार्च को एक दलित आईटीआई कार्यकर्ता की उनके घर में हमला कर कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है. आरोप है कि थाने में मृतक द्वारा की गईं शिकायतों पर पुलिस ने ध्यान नहीं था.
गुजरात के भावनगर ज़िले को सनोदर गांव का मामला. आरोप है कि क्षत्रिय समुदाय के लोग आरटीआई कार्यकर्ता की ज़मीन हड़पना चाहते थे. एक महीने पहले कार्यकर्ता ने आरोपियों के ख़िलाफ़ थाने में शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.