दशक भर पहले गुड़गांव के मानेसर स्थित मारुति फैक्ट्री में प्रबंधन और मज़दूरों के बीच हिंसक हुए विवाद में एक अधिकारी की मौत हो गई थी. इसके बाद करीब ढाई हज़ार मज़दूरों को मनमाने तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया था. वे आज तक नौकरी बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं.
बीते 31 अगस्त को नूंह में सांप्रदायिक हिंसा के बाद रेवाड़ी, झज्जर और महेंद्रगढ़ ज़िलों की कई ग्राम पंचायतों द्वारा अपने गांवों में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए प्रस्ताव पारित करने की ख़बरें सामने आई थीं. नूंह में वीएचपी समेत अन्य हिंदू दक्षिणपंथी समूहों द्वारा निकाली गई ‘शोभा यात्रा’ के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी.
नूंह हिंसा के चलते व्याप्त तनाव के बीच निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए रविवार को गुड़गांव में एक 'हिंदू महापंचायत' का आयोजन किया गया, जिसमें मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार के आह्वान के साथ-साथ दावा किया गया कि बीते दिनों एक मस्जिद पर हमला करने वाले लोग निर्दोष हैं.
बजरंग दल के सदस्यों ने हरियाणा के गुड़गांव में सेक्टर-69 में शुक्रवार को खुले में हो रही नमाज़ को बाधित किया, जिसके कारण नमाज़ अदा कर रहे 100 लोगों के एक समूह को वहां से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. वर्ष 2021 में ज़िला प्रशासन ने इस स्थान को नमाज़ अदा करने के लिए छह खुले स्थलों में चिह्नित किया था.
राजस्थान के उदयपुर में एक दर्ज़ी की हत्या के विरोध में हरियाणा के गुड़गांव शहर में बीते 29 जून को बजरंग दल एव विश्व हिंदू परिषद की ओर से एक रैली का आयोजन किया गया था. आरोप है कि इस दौरान मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ भड़काऊ नारे लगाए गए. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है.
हिंदू संघर्ष समिति ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नाम एक ज्ञापन जारी किया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री ने 2017 में वादा किया था कि पवित्र शहर गुड़गांव में मांस विक्रय के लिए नवीनतम लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे, क्योंकि यह शीतला माता मंदिर का घर है. समिति ने मांग की है कि नए लाइसेंस मांगने वाले सभी 126 आवेदनों को रद्द कर दिया जाए.
गुड़गांव के सेक्टर-57 में एक निर्माण स्थल पर बुधवार को बेसमेंट में मिट्टी की दीवार गिरने की घटना में उसमें दबकर बिहार के दो निर्माण श्रमिकों की मौत हो गई. एक अन्य घटना में सेक्टर-56 में एक निर्माणाधीन घर में मिट्टी का एक टीला गिरने से मध्य प्रदेश की रहने वाले एक महिला समेत दो दिहाड़ी मज़दूरों की मौत हो गई.
हिंदुत्ववादी समूहों के समर्थक और सदस्य पिछले कुछ महीने से अधिक समय से प्रत्येक शुक्रवार को हरियाणा के गुड़गांव में सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले नमाज़ स्थलों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने पूर्व के फैसले का पालन नहीं करने के लिए हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है.
पिछले सात साल में बार-बार मुसलमानों और ईसाइयों के ख़िलाफ़ हिंसा के इशारे किए गए और उनके लिए सर्वोच्च स्तर से तर्क दिया गया. जब आप जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर, अपनी बेटियों की दूसरे धर्म में शादी रोकने के नाम पर, मुसलमान औरतों को उनके मर्दों से बचाने के नाम पर क़ानून बनाते हैं तो उनके ख़िलाफ़ हिंसा के लिए ज़मीन तैयार करते हैं.
हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर ने यह भी कहा कि जिला प्रशासन के खुले स्थानों पर नमाज़ के लिए कुछ स्थानों को आरक्षित करने का पूर्व निर्णय वापस ले लिया गया है और राज्य सरकार अब इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेगी. गुड़गांव में पिछले कुछ महीनों में कुछ हिंदू संगठनों के सदस्य उन जगहों पर इकट्ठा हो जाते हैं, जहां मुस्लिम खुले स्थान पर नमाज़ अदा करते हैं और ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे
गुड़गांव मुस्लिम काउंसिल ने कहा कि दो दशकों से अधिक समय से खुले स्थानों पर जुमे की नमाज़ अदा की जा रही है, क्योंकि समुदाय के पास पर्याप्त संख्या में मस्जिद नहीं हैं. मई 2018 के बाद शहर में पहली बार नमाज़ बाधित होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद से मुसलमानों को प्रताड़ित करने के कई प्रयास हुए हैं.
गुड़गांव में सिख समुदाय के कुछ सदस्यों ने गुरुद्वारों में नमाज़ पढ़ने की अनुमति देने के धर्मस्थल प्रबंधन समिति के निर्णय का विरोध किया. गुड़गांव मुस्लिम काउंसिल के सदस्य अल्ताफ़ अहमद ने कहा कि गुरुपर्व के चलते इस बार किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए वहां न जाने का फ़ैसला किया गया था, अगले सप्ताह इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
गुड़गांव में पिछले कुछ महीनों से दक्षिणपंथी समूह खुले में नमाज़ का विरोध कर रहे हैं. गुरुद्वारा कमेटी साथ ही अक्षय यादव नाम के एक दुकान मालिक ने भी नमाज़ के लिए अपना ख़ाली परिसर देने की पेशकश की है.
वीडियो: दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद बता रहे हैं कि किस तरह हिंदू त्योहारों का इस्तेमाल सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने और अल्पसंख्यकों को अलग-थलग करने के लिए किया जा रहा है.
वीडियो: बीते पांच नवंबर को बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ताओं ने गुड़गांव के सेक्टर 12ए में उस जगह पर गोवर्धन पूजा का आयोजन किया था, जहां हर शुक्रवार जुमे की नमाज होती थी. ये कार्यकर्ता पिछले कुछ समय से यहां नमाज़ का विरोध कर रहे थे. द वायर ने दिनेश भारती से बात की, जो गुड़गांव में नमाज़ बाधित करने के आरोप में कई बार जेल जा चुके हैं. दिनेश भारत माता वाहिनी के सदस्य हैं और विहिप से