मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर मेला अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर और तत्कालीन प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डॉ. एनके त्यागी को निलंबित कर दिया गया. जांच समिति ने पाया कि अधिकारियों की हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान नकली रैपिड एंटीजन जांच करने में शामिल कंपनियों के साथ मिलीभगत की थी.
हरिद्वार में एक से 30 अप्रैल तक कुंभ के आयोजन के दौरान निजी लैब द्वारा कोरोना टेस्ट की फ़र्ज़ी रिपोर्ट जारी करने का मामला सामने आया था. ईडी ने कहा कि इन प्रयोगशालाओं द्वारा झूठी निगेटिव रिपोर्ट के कारण, उस समय हरिद्वार में संक्रमण दर 0.18 प्रतिशत दिखाया गया जबकि वास्तव में वह 5.3 प्रतिशत था.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बीते 17 जून को कहा था कि कोरोना संक्रमण की फ़र्ज़ी टेस्ट रिपोर्ट जारी होने का मामला उनसे पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री के कार्यकाल में हुआ था. कोरोना संक्रमण के बीच हरिद्वार में एक से 30 अप्रैल तक कुंभ मेले का आयोजन किया गया था.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कुंभ के दौरान कोविड प्रसार को नियंत्रित रखने के लिए राज्य सरकार को प्रतिदिन 50,000 नमूनों की जांच कराने का निर्देश दिया था, जिसके लिए ज़िला स्वास्थ्य विभाग ने एक कंपनी के ज़रिये कुछ निजी लैबों को ज़िम्मा सौंपा था. आरोप हैं कि इन्होंने फ़र्ज़ी निगेटिव कोविड जांच रिपोर्ट जारी कीं.
कोरोना संक्रमण के बीच हरिद्वार में एक से 30 अप्रैल तक कुंभ मेले का आयोजन किया गया था. एक शख़्स ने आईसीएमआर से शिकायत की है कि इस दौरान उन्हें हरिद्वार से कोविड सैंपल लिए जाने का मैसेज आया जबकि वे पंजाब में थे. उनका आरोप है कि फ़र्ज़ी टेस्ट के लिए उनके मोबाइल नंबर और आधार का दुरुपयोग किया गया.
अमूमन कुंभ मेला हर बारह साल पर लगता है, लेकिन इस बार हरिद्वार में हुआ कुंभ पिछली बार हुए आयोजन के ग्यारह साल बाद हुआ क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने से कहीं अधिक ज़रूरी ज्योतिषियों को ख़ुश रखना था.
हरिद्वार में चल रहे कुंभ में शामिल हुए 70 वर्षीय संत कोरोना संक्रमित होने के बाद शहर के एक कोविड सेंटर में भर्ती थे. हालत बिगड़ने पर उन्हें एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल ले जाया गया, जहां कथित तौर पर आईसीयू बेड की अनुपलब्धता के चलते उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया गया. सोमवार को उन्होंने दम तोड़ दिया.
प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करने से पहले याद कर लें कि जिस समय वे कुंभ में जमावड़े से बचने की अपील कर रहे थे, उसी समय बंगाल में अपनी सभाओं में जनता को आमंत्रित कर रहे थे. क्या वह भीड़ संक्रमण से सुरक्षित है? क्या यह अधिकार प्रधानमंत्री, उनके गृह मंत्री को है कि वे कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के बीच उस संक्रमण का पूरा इंतज़ाम करें? क्या यह राष्ट्रीय आपदा क़ानून के तहत अपराध नहीं है?
कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि कुंभ को मरकज़ से जोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि मरकज एक कोठी की तरह की बंद जगह में हुआ था, जबकि कुंभ का क्षेत्र बहुत बड़ा, खुला हुआ और विशाल है. उन्होंने कहा था कि सबसे महत्वपूर्ण है कि कुंभ गंगा नदी के किनारे है. मां गंगा का आशीर्वाद यहां बह रहा है, इसलिए यहां कोरोना नहीं होना चाहिए.
एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में चल रहे कुंभ में शामिल मध्य प्रदेश के निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव दास की कोविड 19 संक्रमण से बीते 13 अप्रैल को मौत हुई है. कुंभ मेले में कोरोना की बिगड़ती रही स्थिति को देखते हुए 13 अखाड़ों में से निरंजनी और तपो निधि श्री आनंद अखाड़े ने इस आयोजन से हटने का ऐलान किया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से निज़ामुद्दीन मरकज़ और कुंभ की तुलना करते हुए पूछा गया था कि कुंभ की भीड़ कोरोना को और बढ़ा सकती है, जिस पर उन्होंने कहा कि यह बारह साल में एक बार आता है और लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा है. बीते 10 अप्रैल से 13 अप्रैल की शाम चार बजे तक कुंभ मेला इलाके में 1,086 लोग कोविड-19 संक्रमित पाए गए हैं.
हरिद्वार में कुंभ मेले में सोमवार को अमावस्या के अवसर पर हुए दूसरे शाही स्नान में 28 लाख के क़रीब श्रद्धालु पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रविवार सुबह 11.30 बजे से सोमवार की शाम तक 18,169 श्रद्धालुओं का कोविड टेस्ट किया गया, जिनमें से 102 कोरोना पॉज़िटिव पाए गए.
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेला जारी है. रविवार को हरिद्वार में सर्वाधिक 401 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सहित जूना अखाड़े के करमा गिरि और जूना अखाड़े के नितिन गिरि भी शामिल हैं.
उत्तराखंड के हरिद्वार शुरू हुए कुंभ के पुलिस महानिरीक्षक ने आरएसएस के उत्तराखंड के प्रांत संघ संचालक और प्रांत कार्यवाह को चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा गया है कि भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और कोरोना के चुनौती के मद्देनज़र सहायता की आवश्यकता है.
आगामी हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आरटी-पीसीआर कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नहीं लाने की उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सार्वजनिक घोषणा के एक दिन बाद हाईकोर्ट ने बुधवार को कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि आगंतुकों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए प्रत्येक घाट के प्रवेश स्थल पर लोगों की प्रतिनियुक्ति की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे मास्क पहने हों.