क्या सावन में या कांवड़ यात्रा के दौरान मुसलमानों का छुआ भोजन हिंदुओं के लिए निषिद्ध होगा?

पुलिस कहती है कि कुछ लोगों ने जानबूझकर दुकानों के ऐसे नाम रखे जिनसे कांवड़ियों को भ्रम हो गया. क्या पुलिस को ऐसा कोई मामला मिला जिसमें कांवड़ियों को मुसलमानों ने मोमो में बंदगोभी की जगह कीमा खिला दिया? क्या कांवड़िए शाकाहार मांग रहे थे और उन्हें मांस की कोई वस्तु बेच दी गई?

‘हिंदू समाज ने राजनीतिक ग़ुलामी भोगी, लेकिन वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसा कायर कभी नहीं रहा’

पुस्तक अंश: जो अपने घोषित सिद्धांतों पर नहीं टिक सकता और जो सुविधा के मुताबिक सिद्धांत बदलता रहता है वह कायर है या वीर?

राहुल गांधी का राम मंदिर आंदोलन को हराने की बात कहना यथार्थ से अधिक इरादे का बयान है

राहुल गांधी का यह कहना कि 'हमने राम मंदिर आंदोलन को हरा दिया है, वही लाल कृष्ण आडवाणी ने जिसका नेतृत्व किया था,' विचारधारात्मक चेतावनी है. असल लड़ाई उस विचारधारा से है जिसने राम जन्मभूमि आंदोलन को जन्म दिया. यानी संघर्ष आरएसएस के हिंदू राष्ट्र के विचार से है.

कोई भाईचारा नहीं था कभी, न कोई गंगा जमुनी तहज़ीब…

भारतीय जनतंत्र एक वादा था और हिंदू-मुसलमान भाईचारा उसकी बुनियाद. लेकिन आज मुसलमान ख़ुद को बराबरी का नागरिक नहीं मान पा रहा है. कविता में जनतंत्र स्तंभ की उन्नीसवीं क़िस्त.

क्या जातिवाद से लड़े बिना हिंदुत्ववादी एजेंडा के ख़िलाफ़ कोई संघर्ष संभव है?

सवर्णों ने इस विमर्श को केंद्र में ला दिया है कि ओबीसी और दलित हिंदुत्व के रथी हो गए हैं. यह विमर्श इस तथ्य को कमज़ोर करना चाहता है कि ऊंची जातियां हिंदुत्व का केंद्र हैं, उसे विचार और ताक़त देती हैं. आज भाजपा यदि अपने विस्तार के अंतिम बिंदु पर दिखाई देती है तो उसकी वजह यह है कि वह गैर-ब्राह्मण समूहों में अपेक्षित पकड़ नहीं बना पाई है.  

भड़काऊ भाषण पर चुनाव आयोग की चुप्पी: लोकतंत्र का अंत?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत उनके दल के नेताओं की हेट स्पीच पर चुनाव आयोग की ख़ामोशी से अंदाज़ मिलता है कि भाजपा नेताओं को माहौल सांप्रदायिक बनाने के लिए उसने पूरी छूट दी है.

गुजरात सरकार ने कहा- बौद्ध अलग धर्म है, हिंदुओं को धर्म परिवर्तन के लिए अनुमति लेनी होगी

गुजरात सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि बौद्ध धर्म को एक अलग धर्म माना जाना चाहिए और हिंदू धर्म से बौद्ध, जैन और सिख धर्म में परिवर्तित होने के लिए गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के तहत संबंधित डीएम की पूर्व मंज़ूरी लेनी होगी.

असम के मुस्लिमों पर हिमंता बिस्वा की टिप्पणी पर ओवैसी बोले- कट्टरता, नस्लवाद का खुला प्रदर्शन

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मुस्लिम समुदाय से कहा था कि यदि वे चाहते हैं कि उनके साथ मूल निवासी जैसा बर्ताव किया जाए तो वे असमिया संस्कृति का पालन करें. मूल निवासी होने के लिए किसी को वहां की संस्कृति को स्वीकार करना होगा.

क्या चुनाव आयोग मोदी पर आचार संहिता के उल्लंघन की कार्रवाई करने से डर रहा है: पूर्व आईएएस

पूर्व आईएएस अधिकारी ईएएस सरमा ने भारतीय निर्वाचन आयोग को बीते 22 मार्च को एक पत्र लिखकर शिकायत की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र ने अपने भाषण में 'हिंदू धर्म की आस्था' के नाम पर वोट की अपील करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्हें आयोग की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है.

आज की राजनीति बुद्धि-ज्ञान-संस्कृति से लगातार अविराम गति से दूर जा रही है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हमारे लोकतंत्र की एक विडंबना यह रही है कि उसके आरंभ में तो राजनीतिक नेतृत्व में बुद्धि ज्ञान और संस्कृति-बोध था जो धीरे-धीरे छीजता चला गया है. हम आज की इस दुरवस्था में पहुंच हैं कि राजनीति से नीति का लोप ही हो गया है.

बाहरी का भय पैदा कर समर्थन पाना राजनीति का सबसे सस्ता तरीक़ा है, आम आदमी पार्टी यही कर रही है

नैतिक राजनीति का एक काम ऐसी सामूहिकता का निर्माण है जो भय पर आधारित न हो. वह लोगों को शामिल करने के विचार पर टिकी हो, अलग और दूर करने के नहीं. अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की राजनीतिक भाषा अभी ठीक इसके विपरीत है.

समस्या सड़क पर नमाज़ पढ़ने में नहीं, उसे देखने के तरीके में है

क्या वाकई सड़कों पर सभी प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा सकते हैं? तब तो बीस मिनट की नमाज़ से ज़्यादा हिंदुओं के सैकड़ों धार्मिक आयोजन प्रभावित होने लग जाएंगे, जो कई दिनों तक चलते हैं. बैन करने की हूक सड़कों के प्रबंधन बेहतर करने की नहीं है, एक समुदाय के प्रति कुंठा और ज़हर उगलने की ज़िद है.

अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के साथ हुईं घटनाओं की ख़बर देने से परहेज़ क्यों कर रहा मीडिया?

अयोध्या में मीडिया के एक हिस्से द्वारा ‘नकारात्मक’ ख़बरों को नकारने का सिलसिला राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के अगले दिन ही शुरू हो गया था. तभी, जब रामलला के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ की धक्का-मुक्की में कुछ घायल हो गए और इनमें से एक की मौत हो गई तो मीडिया ने इसे प्रसारित करने से परहेज़ किया था.

संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्षता को हटाना लोकतंत्र की मौत जैसा होगा: जस्टिस केएम जोसेफ

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस केएम जोसेफ एक कार्यक्रम में संविधान से 'धर्मनिरपेक्षता' का संदर्भ हटाने की मांग का ज़िक्र करते हुए कहा कि विविधता में एकता का अर्थ यह नहीं है कि आप विविधता को मिटा सकते हैं. इसका मतलब यह भी नहीं हो सकता कि आप विविधता को मिटाकर एकता हासिल कर लेंगे.

नई नरलीला के बीच अयोध्या

जब भी अपने भक्तों के अहंकार की परीक्षा लेनी होती है, रामलला ऐसी नरलीला करते ही करते हैं. कभी भक्त समझ जाते हैं और कभी नहीं समझ पाते. नहीं समझ पाते तो अपना अहंकार बढ़ाते जाते हैं. फिर एक दिन अचानक रामलला उसे तोड़ देते हैं तो वे पछताते हैं. अहंकार दरअसल, रामलला का आहार है.

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