महात्मा गांधी के अंतिम दिन: एक मज़ार की तीर्थ यात्रा

18 जनवरी 1948 को अपने अंतिम उपवास को समाप्त करने के ठीक नौ दिन बाद, यानी अपनी हत्या से 3 दिन पहले गांधी दिल्ली के महरौली स्थित दरगाह क़ुतुबउद्दीन बख़्तियार काकी की मज़ार पर गए थे. दिल्ली में शांति और सौहार्द क़ायम करने के लिए की गई इस यात्रा को उन्होंने तीर्थ यात्रा कहा था. यह उनकी आखिरी सार्वजनिक यात्रा थी.

सम्भल पर मंडराते अनुत्तरित प्रश्न: क्या मस्जिद पर हुआ विवाद सुनियोजित था?

उन्नीस नवंबर को याचिका दायर हुई, उन्नीस को ही अदालत ने सर्वे की अनुमति दे दी. उसी दिन सर्वे भी हो गया. जामा मस्जिद का पहला सर्वे रात के अंधेरे में हुआ, तो दूसरा एकदम सुबह हो गया. जो आधिकारिक प्रक्रिया दिन की रौशनी में आराम से पूरी हो सकती थी, उसे बेवक्त अंजाम दिया गया. ऐसा कब होता है कि किसी ऐतिहासिक इमारत का सर्वे पहले अंधेरे में हो, और उसके बाद सुबह जब लोग अमूमन दुकान भी नहीं

बढ़ती सांप्रदायिक अशांति और पक्षपातपूर्ण प्रशासन पर प्रधानमंत्री को पूर्व सरकारी अधिकारियों का पत्र

पूर्व राजदूतों, मुख्य सचिवों और अन्य उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश में बिगड़ते सांप्रदायिक संबंधों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदुओं, मुसलमानों और ईसाइयों के बीच तनावपूर्ण संबंधों ने अल्पसंख्यक समुदायों के लिए अत्यधिक चिंता और असुरक्षा पैदा कर दी है.

संभल मस्जिद: सुप्रीम कोर्ट का ट्रायल कोर्ट की सुनवाई रोकने का निर्देश, कहा- तटस्थ रहना होगा

सुप्रीम कोर्ट ने संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले अदालती आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका सुनते हुए याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट जाने को कहा है. साथ ही, ज़िला प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इलाके में शांति बनी रहे.

हरिद्वार: हर की पौड़ी पर होने वाले कार्यक्रम में मुस्लिम विधायकों को आमंत्रित करने पर विवाद

हरिद्वार ज़िला प्रशासन ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर हर की पौड़ी घाट पर आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र के तीन मुस्लिम विधायकों को आमंत्रित किया था. घाट का प्रबंधन करने वाली संस्था गंगा सभा ने विरोध करते हुए कहा कि ग़ैर-हिंदुओं को लंबे समय से घाट पर प्रवेश की अनुमति नहीं है.

बांग्लादेश के बारे में डोनाल्ड ट्रंप के दावे उनकी मौक़ापरस्ती का सबूत हैं

ट्रंप द्वारा बांग्लादेश को निशाना बनाना हिंदू-मुस्लिम के बीच की मौजूदा खाई को गहरा कर सकता है और दक्षिण एशियाई मूल के अमेरिकियों के बीच एक होने की भावना को मिटा सकता है.

क्या नया हिंदू पूरी तरह धर्म-विहीन हो चुका है?

इस नए हिंदू अधिकार के सहारे कोई हिंदू किसी मुसलमान से किसी भी विषय में पूछताछ कर सकता है. उसे ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने को बाध्य कर सकता है, किसी मुसलमान का टिफ़िन खोलकर देख सकता है, उसके फ्रिज की जांच कर सकता है, उसकी नमाज़ को बाधित कर सकता है.

मुसलमानों का अपने लिए आवाज़ उठाना नागरिक भाव को सक्रिय कर रहा है

भारत में मुसलमानों के ख़िलाफ़ हो रहे अन्याय के प्रति ग़ैर-मुसलमान भी बोल रहे हैं, लेकिन इससे यह निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए कि मुसलमानों को अपने अधिकार के लिए या अपने ऊपर हुए अन्याय के ख़िलाफ़ अकेले आवाज़ नहीं उठानी चाहिए.

स्वतंत्रता आंदोलन से दूर रहने वाला आरएसएस आज विउपनिवेशीकरण का दावा कैसे कर सकता है?

पिछले वर्षों में अदालतें अपने निर्णयों के संदर्भ बिंदु संविधान की जगह धार्मिक ग्रंथों, धर्मशास्त्रों को बना रही हैं. इस तरह हिंदुओं की सार्वजनिक कल्पना को बदला जा रहा है.

धीरेंद्र झा ने गोलवलकर की जीवनी के ज़रिये भारतीय फ़ासिज़्म की जीवनी लिखी है

धीरेंद्र के. झा की 'गोलवलकर: द मिथ बिहाइंड द मैन, द मैन बिहाइंड द मशीन' साफ़ करती है कि सावरकर के साथ एमएस गोलवलकर को भारतीय फ़ासिज़्म का जनक कहा जा सकता है. इसे पढ़कर हम यह सोचने को बाध्य होते हैं कि क्यों फ़ासिज़्म के इस रूप के प्रति भारत के हिंदुओं में सहिष्णुता है.

जम्मू-कश्मीर के भाजपा नेताओं ने हेट स्पीच के लिए यति नरसिंहानंद की निंदा की, क़ानूनी कार्रवाई की मांग

जम्मू-कश्मीर भाजपा के शीर्ष नेताओं ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए ग़ाज़ियाबाद में डासना मंदिर के पुजारी और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद की निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की.

यूपी: हेट स्पीच के आरोपी यति नरसिंहानंद को हिरासत में लिया गया, कई प्रदेशों में एफआईआर

ग़ाज़ियाबाद में डासना मंदिर के पुजारी और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद की कथित इस्लाम विरोधी टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में एफआईआर दर्ज हुई हैं और यूपी पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है. नरसिंहानंद की विवादास्पद टिप्पणी लेकर यूपी, महाराष्ट्र, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं.

हिंदुओं को लगातार डराकर उनके बड़े हिस्से का सामाजिक विवेक छीन लिया गया है

जिस भी समाज में धर्मभीरुता बढ़ जाती है, उससे अपने धर्म के उदात्त मूल्यों की हिफाजत संभव नहीं हो पाती. पहले वह बर्बरता, बीमारी व असामाजिकता के सन्निपातों, फिर अनेक असली-नकली असुरक्षाओं से पीड़ित होने लग जाता है.

ढाका के हिंदू: बांग्लादेश के माने नहीं जाओगे, भारत में पहचाने नहीं जाओगे

पिक्चर पोस्टकार्ड: बांग्लादेश का हिंदू चुभती हुई पीड़ा के साथ जी रहा है. अपने मुल्क में वह पराया हो गया है, और भारतीय सत्ता उसे 'दीमक' कह कर लांछित करती आ रही है.

मुसलमानों के ख़िलाफ़ घृणा और हिंसा भारत में महामारी की तरह फैल गई है

मुसलमानों पर हिंसा करने वाले हिंदू कम हो सकते हैं. लेकिन एक सच यह भी है कि हिंदुओं में बहुलांश को मुसलमानों पर हिंसा से फ़र्क नहीं पड़ता.

1 2 3 11