फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फिलिस्तीन समर्थक आवाज़ों को दबा रहा है मेटा: ह्यूमन राइट्स वॉच

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने अपनी एक रिपोर्ट में फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उन आवाजों को अनुचित तरीके से दबाने और हटाने के एक पैटर्न का दस्तावेज़ीकरण किया है, जिसमें फिलिस्तीन के समर्थन में शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति और मानवाधिकारों के बारे में बहस शामिल है.

असम: डिटेंशन केंद्रों में मानवाधिकार उल्लंघन, संदिग्ध नागरिकता वालों को अपराधियों के साथ रखा

सेंटर फॉर न्यू इकोनॉमिक्स स्टडीज़ की 'आज़ाद आवाज़' टीम की एक रिपोर्ट बताती है कि असम के हिरासत शिविरों यानी डिटेंशन केंद्रों में संदिग्ध नागरिकता वाले लोगों को अमानवीय हालात में रहना पड़ रहा है, जहां गंभीर अपराधों की सज़ा काट रहे क़ैदी भी उनके साथ ही रहते हैं.

एनएचआरसी ने दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के शव को नहर में फेंकने पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में पुलिसकर्मियों ने एक सड़क दुर्घटना पीड़ित के शव को एक नहर में फेंक दिया था. यह मामला तब सामने आया जब इस कृत्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. राष्ट्रीय मानव आयोग ने कहा कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के साथ मानवाधिकारों का अस्तित्व समाप्त नहीं होता है.

जेल में बंद ईरानी एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी ने नोबेल शांति पुरस्कार जीता

नरगिस मोहम्मदी को ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ लड़ाई और सभी के लिए मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. मोहम्मदी को 13 बार गिरफ़्तार किया गया है, पांच बार दोषी ठहराया गया और कुल 31 साल जेल और 154 कोड़े की सज़ा सुनाई गई है.

मान्यता स्थगित होने के बावजूद एनएचआरसी को वैश्विक बैठक की मेजबानी मिलने का विरोध

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग 20-21 सितंबर को नई दिल्ली में 28वें द्विवार्षिक एशिया प्रशांत फोरम सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. इसके विरोध में क़रीब 2,000 सिविल सोसाइटी संगठनों और व्यक्तियों ने एक बयान जारी करके हाल के समय में सामने आए मानवाधिकार संबंधी मामलों में एनएचआरसी के ढीले रवैये पर भी सवाल उठाए हैं.

माई नेम इज़ सेल्मा: यह सिर्फ़ उस यहूदी महिला की कहानी भर नहीं है…

साल 2021 में 98 साल की उम्र में एक यहूदी महिला सेल्मा ने अपने नाम को शीर्षक बनाकर लिखी किताब में जर्मनी व यूरोप में 1933 से 1945 के बीच यहूदियों की स्थिति को दर्ज किया है. हज़ारों किलोमीटर और कई दशकों के फासलों के बावजूद 2023 के भारत में यह किताब किसी अजनबी दुनिया की बात नहीं लगती है.

मणिपुर हिंसा: एमनेस्टी ने सरकार से सभी जातीय समूहों के साथ मिलकर काम करने को कहा

मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मणिपुर में जारी हिंसा के संबंध में एक बयान जारी कर कहा है कि भारतीय अधिकरणों को सिविल सोसायटी संगठनों और सभी जातीय समूहों के सदस्यों के साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मानवाधिकारों के अनुरूप शांति और सुरक्षा बहाल हो.

झारखंड: आदिवासी संगठनों ने फादर स्टेन स्वामी के लिए न्याय और यूएपीए रद्द करने की मांग की

झारखंड के आदिवासी और मानवाधिकार संगठनों ने फादर स्टेन स्वामी की दूसरी पुण्यतिथि पर उनकी ‘हत्या’ के लिए ज़िम्मेदार लोगों को दंडित करने, राजनीतिक क़ैदियों की रिहाई और यूएपीए को निरस्त करने की मांग की. एल्गार परिषद मामले में आरोपी कार्यकर्ता स्टेन स्वामी का 5 जुलाई 2021 को मेडिकल आधार पर ज़मानत का इंतज़ार करते हुए एक अस्पताल में निधन हो गया था.

फादर स्टेन स्वामी: प्रतिरोध की राह कभी भी आसान नहीं रही है

एल्गार परिषद मामले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी का मेडिकल आधार पर ज़मानत का इंतज़ार करते हुए 5 जुलाई 2021 को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था. उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर रहे हैं इसी मामले में आरोपी बनाए गए कार्यकर्ता महेश राउत.

ह्वाइट हाउस में नरेंद्र मोदी का सफ़ेद झूठ

एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत में मुसलमानों को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाने को लेकर नरेंद्र मोदी का स्पष्ट इनकार उन पत्रकारों के लिए चौंकाने वाला है जो उनकी सरकार के समय में देश के मुस्लिमों के साथ रोज़ाना हो रहे अन्याय और उत्पीड़न को दर्ज कर रहे हैं.

ह्वाइट हाउस पत्रकार संघ ने मोदी से सवाल पूछने वाली रिपोर्टर को निशाना बनाए जाने की निंदा की

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्टर सबरीना सिद्दीक़ी ने उनसे भारत में मानवाधिकार के मुद्दों को लेकर सवाल पूछा था, जिसके बाद हिंदुत्ववादी समूहों और भाजपा से जुड़े लोगों द्वारा उन पर ऑनलाइन हमले शुरू हो गए थे. ह्वाइट हाउस कोरेस्पॉन्डेंट्स एसोसिएशन ने इसकी निंदा की है.

मोदी से सवाल पूछने वालीं अमेरिकी पत्रकार पर ऑनलाइन हमलों को ह्वाइट हाउस ने ‘अस्वीकार्य’ बताया

‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ अख़बार की संवाददाता सबरीना सिद्दीक़ी ने अमेरिकी दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव को लेकर सवाल पूछा था, जिसके बाद भाजपा और हिंदुत्व समर्थकों ने उनके माता-पिता के पाकिस्तानी होने का दावा कर उन्हें ‘पाकिस्तान की बेटी’ बताया था.

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