मुंबई प्रेस क्लब की ओर से दिए जाने वाले प्रतिष्ठित रेड इंक अवॉर्ड्स, 2022 की विमेन एम्पावरमेंट एंड जेंडर इक्वॉलिटी और राजनीति श्रेणी (प्रिंट) में क्रमशः द वायर की सुकन्या शांता की जेलों में बंद ट्रांसजेंडर बंदियों की दशा पर की गई रिपोर्ट और सिद्धार्थ वरदराजन की पेगासस संबंधी रिपोर्ट को पुरस्कृत किया गया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि युवाओं को नौकरी देना तो दूर की बात है, जम्मू कश्मीर से जुड़े मामलों पर नियंत्रण रखने वाली केंद्र सरकार ने सैकड़ों नौकरीपेशा युवाओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने 22 नवंबर 2022 को गिरफ़्तार किया था. उनकी गिरफ़्तारी के एक साल पूरे होने पर मानवाधिकार समूहों ने कहा कि उनकी मनमानी हिरासत भारतीय अधिकारियों द्वारा जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ किए गए मानवाधिकारों के उल्लंघन की एक लंबी सूची का हिस्सा है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में यूरोपीय संघ के देशों द्वारा लाए गए प्रस्ताव में रूस में मानवाधिकार उल्लंघनों पर निगरानी रखने के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ की नियुक्ति की बात कही गई थी.
मानवाधिकार समूहों का आरोप है कि जिनजियांग क्षेत्र में चीन ने 10 लाख से अधिक उइगरों को उनकी इच्छा के विरुद्ध कथित ‘पुनर्शिक्षा शिविरों’ में हिरासत में रखा है. चीन ने आरोपों का खंडन करता रहा है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने श्रीलंका में सुलह, जवाबदेही और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव को स्वीकार किया. इस प्रस्ताव में महत्वपूर्ण यह है कि इसमें श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट की जांच करने और ज़िम्मेदार लोगों पर मुक़दमा चलाने की मांग की गई है.
आज़ादी के 75 साल: देश की आज़ादी के 75 साल बाद भी आदिवासी समुदाय अपने जल, जंगल, ज़मीन, भाषा-संस्कृति, पहचान पर हो रहे अतिक्रमणों के ख़िलाफ़ लगातार संघर्षरत है.
जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति पर जारी 'द फोरम फॉर ह्यूमन राइट्स इन जम्मू एंड कश्मीर' की रिपोर्ट में अगस्त 2021 से जुलाई 2022 के बीच हुए सूबे के उन घटनाक्रमों की बात की गई है जो मानवाधिकार उल्लंघनों की वजह बने. साथ ही, मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार के लिए कुछ सिफ़ारिशें भी की गई हैं.
बीते 25 जुलाई को म्यांमार के सैन्य शासन ने घोषणा की थी कि उसने आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने में मदद करने के आरोप में चार लोकतंत्र कार्यकर्ताओं को फांसी दे दी गई है. उन पर सेना से लड़ने वाले विद्रोहियों की सहायता करने का आरोप लगाया गया था. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि म्यांमार के लोगों के मित्र के रूप में हम म्यांमार की लोकतंत्र और स्थिरता की वापसी का समर्थन करना जारी रखेंगे.
18 जुलाई 2021 से पेगासस प्रोजेक्ट के तहत एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम, जिसमें द वायर सहित विश्व के 17 मीडिया संगठन शामिल थे, ने ऐसे मोबाइल नंबरों के बारे में बताया था, जिनकी पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये निगरानी की गई या वे संभावित सर्विलांस के लक्ष्य थे. इसमें कई भारतीय भी थे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसकी जांच के लिए गठित समिति द्वारा अंतिम रिपोर्ट दिया जाना बाक़ी है.
अमेरिकी संसद में भारत के मानवाधिकार कार्यकर्ता की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर फादर स्टेन स्वामी की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग संबंधी एक प्रस्ताव पेश किया गया. प्रस्ताव में मानवाधिकार रक्षकों और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए आतंकवाद विरोधी क़ानूनों के दुरुपयोग पर भी चिंता व्यक्त की. एल्गार परिषद मामले में गिरफ़्तार 84 साल के स्टेन स्वामी का पांच जुलाई 2021 को मेडिकल आधार पर ज़मानत का इंतज़ार करते हुए हिरासत में निधन हो गया था.
साक्षात्कार: हाल ही में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेसा की वेबसाइट रैपलर को वहां की सरकार ने बंद करने का आदेश दिया है. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत में मारिया ने कहा कि पत्रकारों को लोगों को यह बताने की ज़रूरत है कि अगर वे आज अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ते हैं, तो वे इन्हें हमेशा के लिए गंवा देंगे.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और आस्थाओं की विविधता के घर भारत में हमने लोगों और पूजा स्थलों पर बढ़ते हमले देखे हैं. दो महीने से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब अमेरिका ने भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन की बढ़ती प्रवृत्ति के बारे में सीधे तौर पर चिंता व्यक्त की है. इस रिपोर्ट पर भारत की ओर से कहा गया है कि पक्षपातपूर्ण विचारों के आधार पर तैयार
इप्टा ने आज़ादी के 75वें वर्ष के अवसर पर 'ढाई आखर प्रेम के' शीर्षक से हुई सांस्कृतिक यात्रा का आयोजन किया था. इसके समापन समारोह में लेखक, अभिनेता व निर्देशक सुधन्वा देशपांडे द्वारा 'नाटक में प्रतिरोध की धारा' विषय पर दिया गया संबोधन.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कहा कि तकनीकी समिति पेगासस स्पायवेयर प्रभावित मोबाइल फोन की जांच कर रही है और उसने पत्रकारों समेत कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं. शीर्ष अदालत कथित जासूसी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करने वाली पत्रकारों और मीडिया संगठनों द्वारा दाख़िल की गईं याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.