लद्दाख: पूर्वी लद्दाख में अचानक आई बाढ़ से टी-72 टैंक दुर्घटनाग्रस्त, पांच सैनिकों की मौत

सेना के बयान के मुताबिक, मिलिट्री ट्रेनिंग गतिविधि के दौरान पूर्वी लद्दाख में सासेर ब्रांग्सा के नज़दीक श्योक नदी में अचानक जल स्तर बढ़ने की वजह से सेना का एक टैंक फंस गया, जिस पर सवार सभी जवानों ने अपनी जान गंवा दी.

लेखक, कलाकारों की मांग- अरुंधति रॉय व शेख़ शौक़त हुसैन पर दर्ज यूएपीए केस की मंज़ूरी वापस ली जाए

दिल्ली के एलजी ने 14 साल पुराने एक मामले में लेखक अरुंधति रॉय और कश्मीर यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर शेख़ शौकत हुसैन के ख़िलाफ़ यूएपीए केस चलाने की मंजूरी दी है. अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रतिरोध अभियान 'हम देखेंगे' का कहना है कि यूएपीए का इस्तेमाल राजनीतिक असहमति को कुचलने के लिए किया जा रहा है.

लद्दाख के डेपसांग मैदानों में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कर रहा है चीन: रिपोर्ट

केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े एक सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि चीनी सेना डेपसांग मैदानों में भारत के दावे वाली सीमा में तेज़ी से अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को बढ़ा रही है और इसने अन्य अतिक्रमण बिंदुओं पर अपनी सैन्य स्थिति मजबूत कर ली है.

दिल्ली: एलजी ने चौदह साल पुराने मामले में अरुंधति रॉय के ख़िलाफ़ यूएपीए केस चलाने की अनुमति दी

लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय और कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर शेख़ शौकत हुसैन पर यूएपीए का यह मामला साल 2010 में एक कार्यक्रम में दिए वक्तव्य से जुड़ा है. उपराज्यपाल के फैसले की चौतरफ़ा आलोचना हो रही है.

कश्मीर: थाने में घुसकर पुलिस के साथ मारपीट, अपहरण के मामले में सेना के जवानों के ख़िलाफ़ केस

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उत्तर कश्मीर में तैनात टेरिटोरियल आर्मी की एक टीम मंगलवार रात कुपवाड़ा पुलिस थाने में घुस गई. यूनिट का नेतृत्व कर रहे सैन्य अधिकारी ने अपने एक जवान की हिरासत को लेकर थाना प्रभारी से बहस शुरू कर दी, जिसके बाद थाने के अंदर हाथापाई होने लगी.

सरकार ने असामान्य क़दम उठाते हुए सेना प्रमुख का कार्यकाल महीनेभर के लिए बढ़ाया

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे को 30 अप्रैल, 2022 को इस पद पर नियुक्त किया गया था. एक सेना प्रमुख का कार्यकाल तीन साल या 62 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होता है. जनरल पांडे 6 मई को 62 वर्ष के हो गए थे, इसलिए उन्हें इसी महीने 31 मई को सेवानिवृत्त होना था.

अग्निपथ योजना पर उठ रहे सवालों के मद्देनजर सेना करेगी इसके प्रभाव का आकलन

अग्निपथ योजना पर जारी द वायर की श्रृंखला के बीच सामने आया है कि सेना इस योजना पर एक आंतरिक सर्वेक्षण कर रही है, जिसका मक़सद सेना की भर्ती प्रक्रिया पर इस योजना के प्रभाव का आकलन करना है. सेना के इस सर्वे में सभी हितधारकों से टिप्पणियां मांगी गई हैं.

अग्निपथ योजना: बिहार में चयन हो जाने के बाद भी नौकरी छोड़ रहे हैं अग्निवीर

अन्य ख़बरें भी बतलाती हैं कि अग्निपथ योजना के तहत चयनित बहुत सारे युवकों ने ट्रेनिंग के बीच में ही नौकरी छोड़ दी थी. ये युवक सेना की नौकरी में जाना तो चाहते हैं, लेकिन अग्निपथ ने उनका जज़्बा ख़त्म कर दिया है.

अग्निपथ योजना: उत्तराखंड की शानदार सैन्य परंपरा और आर्थिकी पर गहरी चोट

उत्तराखंड के कई गांव सैनिकों के गांव कहे जाते हैं. राज्य की अर्थ और सामाजिक व्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा सेना से जुड़ा हुआ है. अग्निपथ योजना के आने के बाद यह व्यवस्था संकट में नज़र आ रही है.

कश्मीर में सेना की हिरासत में नागरिकों की मौत संबंधी ‘कारवां’ की रिपोर्ट सरकार ने हटाने को कहा

‘कारवां’ पत्रिका को आईटी अधिनियम के तहत मिले एक नोटिस में कहा गया है कि अगर वह 24 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट से जम्मू कश्मीर में सेना द्वारा आम नागरिकों की कथित हत्या से संबंधित लेख नहीं हटाती है, तो पूरी वेबसाइट हटा दी जाएगी. पत्रिका ने इसे अदालत में चुनौती देने की बात कही है.

सैनिक को 1.5 करोड़ रुपये का मुआवज़ा नहीं देने पर वायुसेना और सेना को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त वायुसैनिक को 2002 में एक सैन्य अस्पताल में ख़ून चढ़ाने के बाद एड्स संक्रमित होने के कारण 1.5 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवज़ा देने का निर्देश दिया था. उनकी चिकित्सा स्थिति के कारण उन्हें सेवा से हटा दिया गया था. उन्हें व्यक्तिगत कलंक का भी सामना करना पड़ा, जिसके कारण उनका तलाक़ हो गया था.

भारतीय सेना का धर्मनिरपेक्ष और अराजनीतिक होना ही इसकी ताकत है: शीर्ष सैन्य अधिकारी

पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने एक समारोह में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि अराजनीतिक और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों पर टिके रहना और इस तथ्य को पहचानना ज़रूरी है कि इन मोर्चों पर कोई भी समझौता या इनके पालन में कमी सेना के लिए हानिकारक होगी.

जम्मू कश्मीर: महबूबा को सेना की हिरासत में मारे गए नागरिकों के परिजनों से मिलने से रोका गया

जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में बीते 21 दिसंबर को आतंकी हमले में 4 जवानों की मौत के बाद सेना ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया था. बाद में इनमें से 3 लोगों के शव मिले थे. पीडीपी नेताओं ने कहा कि मुफ्ती को पार्टी के अन्य सहयोगियों को पुलिस ने पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए टोपा पीर गांव की ओर जाने की अनुमति नहीं दी.

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