मनमोहन सिंह असाधारण व्यक्ति हैं पर यूपीए के दौर में भारत ‘ठहर’ गया था: नारायण मूर्ति

आईआईएम अहमदाबाद में हुए एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों से बातचीत करते हुए इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने कहा कि मनमोहन सिंह एक असाधारण व्यक्ति हैं लेकिन यूपीए सरकार के दौर में भारत में आर्थिक गतिविधियां 'ठहर' गईं थीं और निर्णय नहीं लिए जा रहे थे.

बेरोज़गारी दर अगस्त में बढ़कर एक साल के उच्च स्तर 8.3 प्रतिशत पर: सीएमआईई

आर्थिक शोध संस्थान सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में रोज़गार पिछले महीने की तुलना में 20 लाख घटकर 39.46 करोड़ रह गया. इस दौरान शहरी बेरोज़गारी दर बढ़कर 9.6 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोज़गारी दर बढ़कर 7.7 प्रतिशत हो गई.

भारतीयों को ‘तानाशाही ग़ुरूर’ के चलते एकता को कमज़ोर नहीं होने देना चाहिए: मनमोहन सिंह

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लिखे एक आलेख में कहा कि विभाजनकारी राजनीति तात्कालिक फ़ायदा भले पहुंचाए लेकिन यह देश की प्रगति में बाधा खड़ी करती है.

2023 में जब भारत सबसे ज़्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा तब क्या यहां रोज़गार ख़त्म हो जाएगा?

वीडियो: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 तक भारत की जनसंख्या चीन से अधिक हो जाएगी. इसके बाद भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा. इसका रोजगार पर कितना असर पड़ेगा, इसकी पड़ताल करती यह रिपोर्ट.

बेरोज़गारी दर जून में बढ़कर 7.80 प्रतिशत पर: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी

आर्थिक शोध संस्थान सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में रोज़गार में कमी से ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोज़गारी दर बढ़कर 8.03 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो मई में 7.30 प्रतिशत थी. शहरी क्षेत्रों में स्थिति कुछ बेहतर रही और बेरोज़गारी दर 7.3 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि मई में यह 7.12 प्रतिशत थी.

जीएसटी के पांच साल: इस जटिल कर व्यवस्था को और आसान बनाने की ज़रूरत है

पिछले पांच वर्षों में जीएसटी क़ानून निश्चित रूप से बदलाव हुए हैं और समय-समय पर संशोधनों के ज़रिये करदाताओं के सामने आने वाले कई मुद्दे स्पष्ट हुए हैं. लेकिन अब भी कई ऐसे मसले बाक़ी हैं जो जीएसटी व्यवस्था के अमल को प्रभावित करते हैं.

खाद्य वस्तुओं के महंगा होने से थोक मुद्रास्फीति मई में बढ़कर 15.88 प्रतिशत के उच्च स्तर पर

थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 14वें महीने दो अंक में यानी 10 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है और तीन महीनों से लगातार बढ़ रही है. अप्रैल 2021 में यह 10.74 फ़ीसदी थी.

मोदी सरकार के व्यापार प्रतिबंधों के पीछे आर्थिक तर्क की जगह राजनीतिक नुकसान का डर है

अप्रैल में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'निर्यात केंद्रित अर्थव्यवस्था' के निर्माण के सपने की बात की थी, लेकिन एक महीने के भीतर ही केंद्र सरकार ने गेहूं, कपास, चीनी और स्टील पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिए हैं.

विश्व बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाया, आरबीआई ने रेपो दर 0.5% बढ़ाई

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद बताया कि बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रेपो रेट को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया गया है. केंद्रीय बैंक के इस क़दम से ऋण महंगा होगा और क़र्ज़ की मासिक किस्त यानी ईएमआई बढ़ेगी.

थोक मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर

थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में 14.55 प्रतिशत और पिछले साल अप्रैल में 10.74 फीसदी थी. अप्रैल 2021 से यह लगातार 13वें महीने दहाई के अंक में बनी हुई है. पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों में बताया गया था कि खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है.

रुपया सर्वकालिक निचले स्तर पर, कांग्रेस ने कहा- केंद्र ने अर्थव्यवस्था पर बुलडोज़र चलाया

सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 60 पैसे टूटकर रिकॉर्ड निचले स्तर 77.50 पर बंद हुआ. इसे लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री देश की आर्थिक और सामाजिक वास्तविकताओं को छिपाकर नहीं रख सकते. अब उन्हें अर्थव्यवस्था के प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए न कि मीडिया की सुर्ख़ियों के प्रबंधन पर. 

रिज़र्व बैंक ने रेपो दर 0.4 प्रतिशत बढ़ाई, आवास और वाहन से जुड़ी ईएमआई बढ़ेगी

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ईंधन और खाद्य वस्तुओं के दाम में तेज़ी तथा कोविड-19 महामारी से जुड़ी आपूर्ति संबंधी बाधाओं के कारण मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने आरबीआई के 6 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है. लगभग दो वर्षों में रिज़र्व बैंक की प्रमुख उधार दरों में यह पहला बदलाव है. आरबीआई ने पिछली बार 22 मई, 2020 को अपनी नीतिगत रेपो दर को संशोधित किया था.

मार्च की तुलना में अप्रैल में भारत की बेरोज़गारी दर बढ़कर 7.83 प्रतिशत हुई: सीएमआईई

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ओर से जारी आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल में शहरी बेरोज़गारी दर बढ़कर 9.22 प्रतिशत हो गई, जो पिछले महीने 8.28 प्रतिशत थी, जबकि ग्रामीण बेरोज़गारी दर 7.29 प्रतिशत से घटकर 7.18 प्रतिशत हो गई.

मार्च महीने में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर कम होकर 4.3 प्रतिशत पर

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आठ बुनियादी उद्योगों- कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली की वृद्धि दर मार्च 2022 में 4.3 प्रतिशत रही. इसके एक महीने पहले फरवरी में इन उद्योगों की वृद्धि दर छह प्रतिशत रही थी.

पेट्रोल-डीज़ल महंगा होने से भारत में बढ़ी महंगाई: आईएमएफ

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एशिया और प्रशांत विभाग की कार्यवाहक निदेशक ने कहा है कि अनुमानों के मुताबिक़ 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, जो कि 0.8 प्रतिशत अंक कम है.

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