यह विरोध बीते 18 जून को कनाडा में खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के विरोध में दुनिया के कई शहरों में आयोजित प्रदर्शनों की श्रृंखला का हिस्सा था. निज्जर आतंकवाद के मामले में भारत में वांछित था. बीते मार्च महीने में खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने उच्चायोग में लगे भारतीय ध्वज को नीचे गिरा दिया था.
बीते 19 मार्च को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में लगे तिरंगे को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हटा दिया था. इस घटना के विरोध में भारत ने अपने राजनयिक परिसर की सुरक्षा के प्रति ब्रिटेन पर ‘उदासीनता’ का आरोप लगाया था. हालांकि इस घटना के बाद खालिस्तान समर्थकों ने फिर भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया.
बीते रविवार को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में लगे तिरंगे को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हटा दिया था. इस दौरान कोई भी सुरक्षाकर्मी उन्हें रोक नहीं पाया था. भारत ने ब्रिटेन पर भारतीय राजनयिक परिसर की सुरक्षा के प्रति ‘उदासीनता’ का आरोप लगाते हुए घटना को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया है.
मेलबर्न विश्वविद्यालय के ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टिट्यूट के 13 शिक्षाविदों ने कुलपति को भेजे एक पत्र में आरोप लगाया था कि भारतीय उच्चायोग लगातार संस्थान के कामकाज और शोध में हस्तक्षेप कर रहा है. जो विचार भारत सरकार की छवि के अनुरूप नहीं होते हैं, उन्हें प्रोपेगैंडा के तहत लगातार ख़ारिज किया जा रहा है.
भारतीय उच्चायोग ने बीते 24 जून को मालदीव के विदेश मंत्रालय को एक नोट भेजा था, जिसमें वहां तैनात राजनयिक कर्मचारियों की गरिमा पर हमला करने वाले दुर्भावनापूर्ण समाचार लेखों और सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में शिकायत की गई थी.
पाकिस्तान ने 2015 में भारत को उसकी जेल में बंद इन 17 लोगों के बारे में बताया था, जिन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है, लेकिन उन्हें वापस भारत नहीं भेजा जा सकता, क्योंकि मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण उन्हें अपने पते-ठिकाने के बारे में कुछ याद नहीं है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ इनकी जानकारी साझा की गई थी, लेकिन इनमें से किसी के बारे में छह साल बाद भी कुछ पता नहीं चल सका
ब्रिटिश सांसदों ने किसान आंदोलन- शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार संबंधी चर्चा की, भारत ने नाराज़गी जताई
भारत में तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन के बीच ब्रिटिश सांसदों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार और प्रेस की आज़ादी को लेकर एक लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर वाली ‘ई-याचिका’ पर चर्चा की. भारत ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि इस ‘एकतरफा चर्चा में झूठे दावे’ किए गए.
भारत के वरिष्ठ राजनयिक जयंत खोबरागड़े को इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग का उप उच्चायुक्त नियुक्त किया जाना था. पाकिस्तान ने उनके नामांकन को यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया कि वे इस पद के लिए अत्यधिक वरिष्ठ हैं.
भारत ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी जासूसी और चरमपंथी संगठनों के साथ सांठ-गांठ जैसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. पाकिस्तान ने इन आरोपों को ख़ारिज करते हुए भारत के इस फ़ैसले की निंदा की है.
सोमवार को इस्लामाबाद में दो भारतीय उच्चायोग कर्मचरियों को कथित तौर पर गिरफ़्तार करने के बाद भारत ने पाकिस्तान के उपराजदूत को तलब किया था. बताया जा रहा है कि छोड़े जाने के बाद दोनों कर्मचारियों के शरीर पर चोटें मिली हैं, जो उनके साथ हिरासत में मारपीट होने का इशारा करती हैं.
सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त जावेद अशरफ़ का कहना है कि कोविड-19 से संक्रमित पाए गए लगभग सभी भारतीय स्थिर हैं या उनकी हालत में सुधार हो रहा है. इससे पहले ईरान में भी फंसे तक़रीबन 250 भारतीयों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी.
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब ने संसद में कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच होनी चाहिए.
भारतीय उच्चायोग ने बताया कि क्राइस्टचर्च के आतंकी हमले में हमारे 5 नागरिकों की मौत की खबर साझा कर रहे हैं, जिनके नाम- महबूब खोखर, रमीज वोरा, आसिफ ओरा, अंसी अलीबावा और ओजैर कादिर हैं.