इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एनएमसी द्वारा प्रिस्क्रिप्शन में अनिवार्य रूप से जेनेरिक दवाएं लिखने के नियम को वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि देश में निर्मित 1% से भी कम जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है. सरकार और डॉक्टर रोगी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं कर सकते.
केरल के कोल्लम ज़िले के एक सरकारी अस्पताल में बीते बुधवार को एक 42 वर्षीय स्कूल शिक्षक ने 23 वर्षीय डॉक्टर की कैंची मारकर हत्या कर दी. कथित तौर पर शराब के आदी शिक्षक को चोट लगने के बाद अस्पताल ले जाया गया था.
हरियाणा सरकार एमबीबीएस में दाख़िले के वक़्त 40 लाख रुपये का बॉन्ड भरवा रही है. इसके तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ने वाले हर छात्र को कम से कम सात साल सरकारी अस्पताल में सेवा देनी होगी. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसे 40 लाख रुपये सरकार को देने होंगे. एमबीबीएस छात्र इस फैसले के विरोध में हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट में सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के हवाले से बताया गया है कि 30 मार्च 2020 से 30 सितंबर 2022 तक कोविड-19 महामारी के दौरान अपना सेवाएं देते हुए जान गंवाने वाले 428 डॉक्टरों के परिवारों को 214 करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया गया है, जबकि आईएमए के मुताबिक महामारी की पहली दो लहरों में जान गंवाने वाले डॉक्टरों की संख्या 1,596 थी.
असाध्य बीमारियों के इलाज को लेकर योग गुरु रामदेव के दावों और एलोपैथी पर टिप्पणी संबंधी मामले को सुनते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि रामदेव डॉक्टरों और उपचार पद्धतियों के लिए अपशब्द नहीं बोल सकते. बेहतर होगा कि वह इससे परहेज़ करें.
हाईकोर्ट ने कोरोनिल को लेकर दावों और एलोपैथी पर टिप्पणी संबंधी मामले को सुनते हुए रामदेव से केस पूरा होने तक तथ्यहीन बयान देने से बचने को कहा है. कोर्ट ने उनके अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को कोविड होने से संबंधी बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे बयानों से देश के अंतरराष्ट्रीय संबंध ख़राब हो सकते हैं.
गुजरात हाईकोर्ट ने अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा और अन्य पहलुओं को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाल में राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि निजी अस्पतालों में आईसीयू भूतल पर स्थित होने चाहिए और अस्पतालों के आगे के हिस्सों में लगे कांच को हटाया जाना चाहिए.
युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे इन भारतीय मेडिकल छात्रों ने दाख़िले की मांग पर राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर में भूख हड़ताल कर कहा कि एमबीबीएस अंतिम वर्ष में छात्रों को छोड़कर उनकी संख्या लगभग 12,000 है और देश में कम से कम 600 मेडिकल कॉलेज हैं, इसलिए प्रत्येक संस्थान को केवल 20 छात्रों को अपने यहां समायोजित करने की ज़रूरत है. इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है.
31 दिसंबर 2021 को 5,932 अन्य एनजीओ के साथ ऑक्सफैम इंडिया का एफसीआरए पंजीकरण समाप्त हो गया था, जिनमें से 5,789 ने पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था. बाकी बचे आवेदन विभिन्न अनियमितताओं की वजह से ख़ारिज कर दिए गए थे. ऑक्सफैम इंडिया इन्हीं में से एक था.
देश के अलग-अलग हिस्सों के दो दर्जन से अधिक डॉक्टरों ने केंद्र, राज्य सरकारों, डॉक्टर व उनके संघों के नाम एक खुला पत्र लिखकर अपील की है कि कोरोना संक्रमण के इलाज में जो लापरवाहियां पिछली लहर के दौरान बरती गई थीं, इस बार उनसे बचा जाए.
ऑक्सफैम इंडिया ने कहा है कि विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत दिए जाने वाले लाइसेंस का नवीनीकरण करने से इनकार के सरकारी फैसले से देश के 16 राज्यों में संगठन के चल रहे अहम कार्य बुरी तरह से प्रभावित होंगे. इनमें ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करना, जीवन रक्षक दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर आपूर्ति करना जैसे कार्य शामिल हैं.
आईआईटी दिल्ली, जामिया मिलिया इस्लामिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और ऑक्सफैम इंडिया सहित लगभग 6,000 संस्थानों के विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण की मियाद ख़त्म हो गई है. इन संस्थानों ने या तो अपने एफसीआरए लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया या गृह मंत्रालय ने उनके आवेदनों को ख़ारिज कर दिया है.
ऋषिकेश, पटना और भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के तीन रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अलावा कई अन्य संगठनों ने आरोप लगाया है कि रामदेव जनता को गुमराह कर रहे थे और ग़लत तरीके से यह पेश कर रहे थे कि एलोपैथी कोविड-19 से संक्रमित कई लोगों की मौत के लिए ज़िम्मेदार थी. उन्होंने कथित तौर कहा था कि एलोपैथिक डॉक्टर मरीज़ों की मौत का कारण बन रहे थे.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कोरोना संक्रमण को लेकर बरती जा रही ढिलाई के मद्देनज़र कहा है कि पर्यटकों का आगमन, तीर्थयात्राएं, धार्मिक उत्साह ज़रूरी हैं, लेकिन इसके लिए कुछ और महीने इंतज़ार किया जा सकता है. आईएमए ने सभी राज्यों से लोगों की भीड़भाड़ को रोकने की अपील की है.
रामदेव द्वारा एलोपैथी को स्टुपिड और दिवालिया साइंस बताने को लेकर विभिन्न राज्यों में उनके ख़िलाफ़ शिकायतें दर्ज की गई हैं. रामदेव ने कुछ प्राथमिकियों को एक साथ मिलाकर दिल्ली स्थानांतरित करने के साथ अंतरिम राहत के तौर पर आपराधिक शिकायतों की जांच पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.