असम के दिमा हसाओ ज़िले के मुख्यालय हाफलोंग से 55 किमी दूर स्थित डिबालोंग स्टेशन पर गुरुवार दोपहर को मुंबई जाने वाली अगरतला-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए. घटना में किसी के घायल होने या हताहत होने की ख़बर नहीं है.
भारतीय रेलवे द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, बीते पांच सालों में देश में दो सौ बड़ी रेल दुर्घटनाओं में 351 लोगों की मौत हुई हैं.
शनिवार सुबह जबलपुर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म से क़रीब पचास मीटर पहले इंदौर-जबलपुर एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतर गए. इस दुर्घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ. बताया गया है कि घटना की जांच के लिए समिति गठित की गई है.
फरवरी में उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक मदरसे को गिराए जाने के ख़िलाफ़ मुसलमानों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 60 लोग घायल हुए थे. प्रदर्शन में कथित संलिप्तता के लिए 84 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.
उत्तर प्रदेश के बिजनौर के पास चक्रजमल इलाके में रविवार सुबह धनबाद जाने वाली गंगा सतलज एक्सप्रेस ट्रेन के कम से कम 10 डिब्बे अलग हो गए. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, दो स्लीपर कोच के बीच कपलिंग टूटने के चलते ऐसा हुआ.
वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन (19168) के साथ यह दुर्घटना कानपुर और भीमसेन स्टेशन के बीच हुई. अधिकारियों का कहना है कि इंजन किसी बाहरी वस्तु से टकराया और पटरी से उतर गया. घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है.
12 अगस्त की शाम मध्य प्रदेश के इटारसी स्टेशन पर रानी कमलापति-सहरसा स्पेशल पैसेंजर ट्रेन के दो डिब्बे पटरी से उतर गए. इस घटना में किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है. इससे पहले रविवार को ही यूपी के सोनभद्र के शक्तिनगर में एक मालगाड़ी के दो डिब्बे और इंजन पटरी से उतरे थे.
उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की ज़मीन पर बसे लगभग 50,000 लोगों को बेदख़ल करने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर 5 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. रेलवे ने सर्वोच्च न्यायालय से अपने उक्त आदेश में संशोधन करने की मांग की है.
शनिवार (20 जुलाई) और रविवार (21 जुलाई) को तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में मालगाड़ियों के पटरी से उतरने की घटनाएं हुईं, जिनके कारण रेल यातायात बाधित रहा.
चंडीगढ़ से असम जाने वाली चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे उत्तर प्रदेश के गोंडा शहर से 30 किलोमीटर दूर झिलाही और मोतीगंज रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गए. ट्रेन के लोको पायलट ने दावा किया है कि उन्हें ट्रेन के पटरी से उतरने के ठीक पहले एक विस्फोट की आवाज सुनाई दी थी.
रेलवे की सुरक्षा श्रेणी में 1.52 लाख पद ख़ाली, दो सालों में सुरक्षा संबंधी ख़र्च 2.5 गुना बढ़ा: रिपोर्ट
रेलवे के सुरक्षा श्रेणी के पद सीधे तौर पर रेलगाड़ियों के संचालन से जुड़े होते हैं. एक आरटीआई आवेदन के जवाब में रेल मंत्रालय ने बताया है कि सुरक्षा श्रेणी के करीब 10 लाख स्वीकृत पदों में से इस साल मार्च तक 1.5 लाख से अधिक पद रिक्त थे.
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि 'हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज़ की यात्रा' का सपना दिखाकर नरेंद्र मोदी ‘ग़रीबों की सवारी’ रेलवे को भी उनसे दूर करते जा रहे हैं. प्रचार के लिए चुनी गई ट्रेन के लिए आम आदमी की ट्रेनों को जहां-तहां खड़ा कर दिया जाता है, ग़रीब और मध्यमवर्ग रेलवे की प्राथमिकता से बाहर कर दिए गए हैं.
सूचना के अधिकार से मांगी गई जानकारी में खुलासा हुआ है कि रेलवे स्टेशनों पर लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो वाले प्रत्येक स्थायी सेल्फी बूथ की लागत 6.25 लाख रुपये है, जबकि प्रत्येक अस्थायी सेल्फी बूथ की लागत 1.25 लाख रुपये है. मध्य रेलवे द्वारा यह सूचना दी गई थी, जिसके बाद बिना नोटिस दिए इसके एक अधिकारी का तबादला कर दिया गया.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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