मिज़ोरम में निर्माणाधीन रेलवे पुल गिरने से कम से कम 23 लोगों की मौत

घटना बुधवार सुबह क़रीब 11 बजे मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल से क़रीब 19 किलोमीटर दूर सैरांग में हुई. पुलिस ने 18 शवों को बरामद कर लिया है. हादसे के बाद पांच मज़दूर लापता हैं. अधिकारियों का कहना है कि उनके ​जीवित होने की संभावना कम ही है. सभी पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के रहने वाले थे.

रेलवे में लगभग 2.74 लाख पद ख़ाली, सुरक्षा श्रेणी में 1.7 लाख से अधिक पद रिक्त: आरटीआई

आरटीआई क़ानून के तहत ​दी गई जानकारी में रेलवे ने कहा है कि एक जून तक ‘लेवल-1’ या प्रवेश स्तर के कर्मचारियों सहित ‘ग्रुप-सी’ श्रेणी में 2,74,580 पद ख़ाली हैं. इसमें सुरक्षा श्रेणी में 1,77,924 रिक्तियां शामिल हैं.

कोरोमंडल एक्सप्रेस तो पटरी पर वापस आ गई, लेकिन व्यवस्थागत जोखिम बने हुए हैं

कोलकाता और चेन्नई के बीच मुख्य ट्रंक रूट पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के संचालन की बहाली राहत की असली वजह नहीं बन सकती क्योंकि भारतीय रेलवे की जोखिमपूर्ण व्यवस्थागत ख़ामियां अभी दूर नहीं हुई हैं.

रेल सुरक्षा के लिए जारी केंद्र का विशेष फंड फुट मसाजर, क्रॉकरी, विंटर जैकेट पर ख़र्च हुआ: कैग

वर्ष 2017-18 के केंद्रीय बजट में रेलवे सुरक्षा में सुधार के लिए राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष की स्थापना की गई थी, जिसमें 5 साल की अवधि के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान था. कैग रिपोर्ट बताती है कि 2017-18 से 2020-21 के बीच इसमें आवंटित धन पूरी तरह ख़र्च नहीं किया गया और बजट में भी कटौती की गई.

क्या रेलवे को लेकर मोदी सरकार के प्रचार अभियान बुनियादी सुविधाओं पर भारी पड़ रहे हैं?

सेमी-हाई स्पीड वंदेभारत एक्सप्रेस, या इसी तरह की अन्य 'ट्रॉफी' राष्ट्रीय प्रतिष्ठा की भावना को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार का एक और तरीका हो सकते हैं, लेकिन क्या इस तरह के प्रोपगेंडा को महत्वपूर्ण मुद्दों पर तरजीह दी जानी चाहिए?

ओडिशा ट्रेन हादसा: कोरोमंडल मार्ग पर ट्रेनों को टक्कर से बचाने वाला ‘कवच’ सिस्टम मौजूद नहीं था

शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ट्रेन में ‘कवच’ सिस्टम के इस्तेमाल को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भिड़ गईं. उन्होंने इस हादसे को इस सदी की सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना क़रार दिया. उन्होंने वैष्णव से पूछा कि ट्रेनों में टक्कर-रोधी प्रणाली क्यों नहीं थी, जिससे त्रासदी को टाल जा सकता था.

ओडिशा का भीषण रेल हादसा क्या रेलवे की ढांचागत ख़ामियों का नतीजा है?

वीडियो: ओडिशा के बालासोर ज़िले के बहनागा बाज़ार रेलवे स्टेशन के पास बीते 2 जून की शाम दो एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर में हुए भीषण हादसे में तकरीबन 300 लोगों की मौत हो गई है.

क्या यात्रियों की संख्या के मामले में रेलवे ‘नए शिखर’ पर पहुंच गया है?

फैक्ट चेक: रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा है कि वित्त वर्ष 2021-22 (10 जनवरी 2022 तक) में 2 अरब 64 करोड़ 99 लाख लोगों की तुलना में रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 (10 जनवरी 2023 तक) में 5 अरब 32 करोड़ 16 लाख 90 हज़ार लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचा चुका है. मंत्रालय ने इसे यात्रियों की संख्या का ‘नया शिखर’ कहा है.

भारतीय रेलवे में 3.12 लाख से अधिक पद रिक्त: सरकारी डेटा

राज्यसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा दिए गए एक जवाब के अनुसार, भारतीय रेलवे में 1 दिसंबर, 2022 तक 18 क्षेत्रों में 3.12 लाख नॉन-गजेटेड पद खाली थे. अधिकतम 38,754 पद उत्तरी क्षेत्र में रिक्त हैं. इन नॉन गजेटेड पदों में इंजीनियर, टेक्नीशियन, क्लर्क, स्टेशन मास्टर, टिकट कलेक्टर आदि नौकरियां शामिल हैं.

कर्नाटक: टीपू एक्सप्रेस का नाम बदलकर वोडेयार एक्सप्रेस किए जाने की आलोचना

मैसूर और बेंगलुरु के बीच चलने वाली टीपू एक्सप्रेस का नाम बदलने की मांग मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर की थी. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि ट्रेन का नाम बदलकर भाजपा ने नफ़रत की राजनीति की है.

नुकसान का हवाला देते हुए केंद्र ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे रियायत देने से इनकार किया

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि कोविड महामारी का रेलवे की आर्थिक स्थिति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों समेत कई श्रेणियों के किराये में छूट का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है. एक आरटीआई से बीते मई महीने में पता चला था कि मार्च 2020 से दो वर्षों में वरिष्ठ नागरिकों को टिकट में मिलने वाली रियायत न देने से रेलवे ने 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया था.

2022 में अब तक रेलवे ने रद्द की नौ हज़ार ट्रेन, 1900 से अधिक कोयला ढुलाई के चलते

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में रेलवे ने कहा कि इस साल अब तक उसने मरम्मत या निर्माण कार्य के लिए 6,995 ट्रेन सेवाओं को रद्द किया, जबकि मार्च से मई के बीच बिजली की कमी के कारण यात्री सेवाओं के ऊपर कोयले के परिवहन को तरजीह देनी पड़ी, जिसके कारण इस अवधि में 1,934 सेवाओं को रद्द किया गया.

रेलवे ने छह साल में ग्रुप ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी के 72,000 ‘ग़ैरज़रूरी’ पदों को ख़त्म किया

अधिकारियों ने कहा कि इन पदों को ख़त्म करने का फैसला करना पड़ा, क्योंकि अब रेलवे का संचालन भारतीय रेलवे आधुनिक और डिजिटल हो गया है. नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ने के कारण ये पद अब बेमानी हो गए हैं. वर्तमान में इन पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को रेलवे के विभिन्न विभागों में समायोजित किए जाने की संभावना है.

वरिष्ठ नागरिकों के लिए किराए में छूट को बहाल नहीं करेगा रेलवे

देश में कोविड-19 महामारी शुरू होने के पहले वरिष्ठ नागरिकों को यह छूट दी जाती थी लेकिन यात्री किराए के ज़रिये कमाई बढ़ाने के लिए मार्च 2020 से यह छूट बंद कर दी गई थी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि राजस्व में गिरावट में के चलते यात्रियों को ट्रेन किराए में रियायत देना संभव नहीं है.

रेलवे ने भर्ती परीक्षाओं में कथित अनियमितता पर प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों की मांगें मानी

बीते जनवरी महीने में जूनियर क्लर्क, ट्रेन सहायक, गार्ड, टाइम कीपर से लेकर स्टेशन मास्टर तक विभिन्न श्रेणियों में 35,281 ख़ाली पदों के लिए ग़ैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) के लिए भर्ती प्रक्रिया के विरोध में बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में व्यापक प्रदर्शन हुए थे. भारतीय रेलवे ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए अब केवल एक परीक्षा कराने पर सहमति दी है.