यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में कुल 1,09,535 लोगों ने अवैध रूप से बॉर्डर पार कर अमेरिका जाने की कोशिश की थी, जिसमें भारतीयों की संख्या लगभग 16% थी. इस साल यह बढ़कर 22% हो गई है।
सरकारी साइबर अपराध डेटा के अनुसार, जनवरी से अप्रैल तक भारतीयों ने 'डिजिटल गिरफ्तारी' धोखाधड़ी में 120.30 करोड़ रुपये गंवाए हैं. बताया गया है कि इस अवधि में दर्ज साइबर फ्रॉड के 46% मामले दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों- म्यांमार, लाओस और कंबोडिया के अपराधियों से जुड़े हैं.
'साइबर ग़ुलामी' नौकरी के इच्छुक लोगों को इंटरनेट के ज़रिये झूठे वादों में फंसाकर अपने ऑनलाइन धोखाधड़ी रैकेट में शामिल कराने की एक प्रक्रिया है. गृह मंत्रालय के आव्रजन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी 2022 से मई 2024 के बीच आगंतुक वीजा पर दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में गए 29,466 भारतीय वापस नहीं लौटे हैं.
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विनोद अडानी उन भारतीयों में शामिल, जिन्हें 2014-2020 के बीच साइप्रस का गोल्डन पासपोर्ट मिला: रिपोर्ट
‘साइप्रस निवेश कार्यक्रम’ के के नाम से भी जानी जाने वाली ‘गोल्डन पासपोर्ट’ योजना 2007 में शुरू की गई थी. इसके तहत आर्थिक रूप से प्रबल व्यक्तियों को साइप्रस की नागरिकता दी गई, जिससे इस देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित हुआ. अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी हिंडनबर्ग रिसर्च की जांच के बाद सुर्खियों में आए थे.
यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करते समय रिकॉर्ड 96,917 भारतीयों को पकड़ा गया. इनमें से 30,010 को कनाडा सीमा पर और 41,770 को मैक्सिको की सीमा पर पकड़ा गया.
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले अक्टूबर से सितंबर तक भारत से लगभग 42,000 लोगों ने अवैध रूप से अमेरिका की दक्षिणी सीमा पार की है. यह संख्या पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है. इस साल अकेले सितंबर में 8,076 भारतीयों को विभिन्न मार्गों से अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के दौरान गिरफ़्तार किया गया था.
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) में शामिल देशों की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के बाद 11,000 से अधिक भारतीयों ने यूनाइटेड किंगडम का पासपोर्ट हासिल किया है. ओईसीडी देशों की नागरिकता लेने वालों में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक रही. इसके बाद मैक्सिको और सीरिया के लोग थे.
एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इस साल सितंबर में विभिन्न मार्गों से देश में अवैध रूप से घुसने की कोशिश कर रहे 8,076 भारतीयों को गिरफ़्तार किया है. आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2019 से इस साल मार्च के बीच एजेंसियों द्वारा कुल 1.9 लाख भारतीयों को गिरफ़्तार किया गया है.
नागरिकों की चेतना को आत्मसमर्पण के लिए भ्रमित करने की बाध्यकारी राजनीति को ख़त्म करने की जरूरत है. जो लोग वैकल्पिक नेतृत्व की बात कर रहे हैं उनके कंधों पर ऐसे ऐतिहासिक मार्ग को चुनने और बनाने के साथ उस पर चलने की बड़ी चुनौती है.
वीडियो: बीते 9 साल में भारत का क़र्ज़ा अगर 100 लाख करोड़ बढ़ा है, तो यह गया कहां? क़र्ज़ बढ़ने का भारत के लोगों को क्या फायदा हुआ? बीते 9 साल में टैक्स कलेक्शन में 3 गुना की बढ़ोतरी हुई है? इसे किस तरह देखा जाना चाहिए?
पुण्यतिथि विशेष: पद्मभूषण से सम्मानित साहित्यकार बनारसीदास चतुर्वेदी बारह वर्षों तक सांसद भी रहे थे. हालांकि कम ही लोग जानते हैं कि उनके साहित्यिक जीवन के शुरुआती दिन भारत से फिजी ले जाए गए गिरमिटिया मज़दूरों और दुनिया भर में फैले प्रवासी भारतीयों के संघर्षों के दस्तावेज़ीकरण में गुज़रे.
अमेरिकी कस्टम्स और बॉर्डर सिक्योरिटी डेटा के अनुसार, फरवरी 2019 से मार्च 2023 के बीच अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करते हुए 1.49 लाख भारतीयों को हिरासत में लिया गया. हिरासत में लिए गए लोगों में से अधिकांश गुजरात और पंजाब के रहने वाले हैं.
केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2011 के बाद से भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की कुल संख्या 16,63,440 है. इनमें से 2,25,620 भारतीय ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले साल भारतीय नागरिकता छोड़ी है.
विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा में बताया है कि अकेले 2022 वर्ष में अक्टूबर तक 1,83,741 लोग भारतीय नागरिकता छोड़ चुके हैं.