अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (एआईडीडब्ल्यूए) द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित एक प्रदर्शन में 26 राज्यों से आईं महिलाओं ने आशा कार्यकर्ताओं के कम वेतन, बढ़ती महंगाई, मणिपुर में महिलाओं के ख़िलाफ़ बर्बर हिंसा, पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में वृद्धि का मुद्दा उठाते हुए केंद्र की मोदी सरकार की तीखी आलोचना की.
2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था बेतहाशा महंगाई और आय असमानता का सामना कर रही है. बढ़ती महंगाई अकेले बाज़ार ताक़तों के चलते नहीं है, बल्कि यह उस सरकारी रवैये का नतीजा है जहां एक वर्ग को दूसरे पर प्राथमिकता दी जाती है.
क्रिसिल की एक रिपोर्ट बताती है कि जुलाई माह में शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमतें क्रमश: 34 फीसदी और 13 फीसदी बढ़ीं. शाकाहारी थाली की कीमत में 34 फीसदी की बढ़ोतरी में से 25 फीसदी बढ़ोतरी का कारण पूरी तरह से टमाटर के दाम रहे.
कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने समान नागरिक संहिता पर छिड़ी बहस के संबंध में कहा है कि संसद या स्थायी समिति में इस पर कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है और इसे सिर्फ़ भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा ‘राजनीतिक टूल’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
वीडियो: टमाटर के भाव 140 रुपये तक चले गए हैं, वहीं रसोई गैस के दाम 1100 रुपये के ऊपर पहुंच गया है. साल 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से महंगाई पर लगाम लगाने का वादा किया था. इस वादे को लेकर द वायर की टीम ने दिल्ली की जनता से राय जानी.
भारतीय रिज़र्व बैंक की तरफ से दो हज़ार रुपये मूल्यवर्ग के नोट को वापस लेने के निर्णय को सही ठहराने के लिए जो भी तर्क दिए गए हैं, उनमें से कोई भी मान्य नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में 2004 से 2014 के दशक को 'लॉस्ट डेकेड' कहा था. यह पद अर्थव्यवस्थाओं में प्रति व्यक्ति आय में न के बराबर बढ़ोतरी को लेकर चलन में रहा है. हालांकि प्रधानमंत्री ने भारत में जिस दशक के लिए इसे इस्तेमाल किया, उससे जुड़े आंकड़े इस अर्थ के विपरीत तस्वीर दिखाते हैं.
सरकार ने इस साल एक जून से चीनी के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी, जो 31 अक्टूबर को ही ख़त्म होने वाली थी. हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बताया कि इसे अब अक्टूबर 2023 तक बढ़ा दिया गया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से रुपये की मज़बूती को लेकर अपनाए जाने वाले उपायों के बारे में पूछा गया था, जिस पर उन्होंने कहा कि डॉलर लगातार मज़बूत हो रहा है. इसलिए तय है कि मज़बूत होते डॉलर के सामने बाकी सभी मुद्राएं कमज़ोर प्रदर्शन करेंगी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने विश्व आर्थिक परिदृश्य को लेकर जारी अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि इस साल भारत की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत ही रहने की संभावना दिख रही है. यह जुलाई में व्यक्त पिछले अनुमान से 0.6 प्रतिशत कम है. वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर कहा गया है कि सबसे बुरा दौर आना अभी बाकी है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा देश भर से एकत्र खुदरा और थोक क़ीमतों के आंकड़े दिखाते हैं कि गेहूं के खुदरा दामों में भी 14 फीसदी की वृद्धि हुई है. वहीं, देश में प्राकृतिक गैस के दाम में 40 फीसदी की रिकॉर्ड वृद्धि के बाद पाइपलाइन गैस और सीएनजी के दाम बढ़ने की संभावना है, जो बीते एक साल में 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुके हैं.
भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि देश हर रोज़ ईंधन के दामों में भारी वृद्धि देख रहा है. भारत में जनता से अधिकाधिक पैसे लेकर चंद उद्योगपतियों को दिए जा रहे हैं. सच्चाई यही है कि भाजपा द्वारा फैलाई जा रही हिंसा और नफ़रत इन बातों से ध्यान भटकाने के लिए है.
डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है.
गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नादिर गोदरेज ने कहा, ‘मुझे लगता है कि देश को बांटना बंद कर इसे एकजुट करने की कोशिश करनी चाहिए. मुझे भरोसा है कि सरकार भी आर्थिक वृद्धि के लिए इसे ज़रूरी मानती है, हमें इस पर ध्यान देना चाहिए.’
भारतीय मध्यवर्ग अक्सर ग़रीबों को दी जाने वाली मुफ़्त सुविधाओं/कल्याणकारी योजनाओं की आलोचना करता है, लेकिन मुफ़्त सुविधा या फ्रीबी और कल्याणकारी योजनाओं के बीच अंतर तब जटिल हो जाता है जब राजनीतिक दल अपने-अपने हित के हिसाब से व्याख्याएं पेश करते हैं.