मणिपुर में बहुसंख्यक मेईतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद बीते 3 मई से मोबाइल इंटरनेट पूरी तरह या आंशिक रूप से निलंबित कर दिया गया है. बीते सितंबर महीने में इंटरनेट को तीन दिनों के लिए बहाल किया गया था, लेकिन फिर से प्रतिबंध लागू कर दिया गया.
मणिपुर में 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसे 23 सितंबर को कुछ समय के लिए बहाल किया गया था, लेकिन 26 सितंबर को दो लापता युवाओं के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनज़र फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया.
मणिपुर के शांतिपूर्ण इलाकों में इंटरनेट सेवाओं की तत्काल बहाली की मांग को लेकर ऑल नगा स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने राज्य के नगा-बसाहट वाले इलाकों में 24 अक्टूबर से सरकारी कार्यालयों पर धरना शुरू किया है. छात्रों का कहना है कि जब अशांति कुछ विशिष्ट क्षेत्रों तक सीमित है तब भी मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध अनुचित है.
पांच महीने से अधिक समय से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर के गृह विभाग द्वारा जारी राज्यपाल के एक आदेश में कहा गया है कि हिंसा की तस्वीरें या वीडियो रखने वाले व्यक्ति इसे सोशल मीडिया पर फैलाने की बजाय पुलिस को दें. अगर किसी को ऐसी सामग्री प्रसारित करते पाया गया, तो उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया जाएगा.
संघर्षग्रस्त मणिपुर की सरकार ने बीते 23 सितंबर को क़रीब 143 दिन बाद इंटरनेट बहाल किए जाने की घोषणा की थी. इंटरनेट पर दोबारा प्रतिबंध की घोषणा दो मेईतेई छात्रों के शव की वायरल तस्वीरों को लेकर शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बीच की गई है. दोनों छात्र दो महीने से अधिक समय से लापता थे.
मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा के बाद बीते 3 मई को राज्य में इंटनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. पांच महीनों तक चला यह प्रतिबंध किसी भी भारतीय राज्य में लगाए गए सबसे लंबे इंटरनेट प्रतिबंधों में से एक है.
भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर बीते नौ जून को प्रदर्शन के दौरान जम्मू कश्मीर के भद्रवाह में तनाव फैल गया था. डोडा के कई अन्य हिस्सों और नज़दीकी किश्तवाड़ ज़िले में एहतियाती क़दम के तौर पर निषेधाज्ञा के तहत सख़्त पाबंदियां लागू हैं, लेकिन बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को वैध पहचान-पत्र तथा प्रवेश-पत्र दिखाकर आने-जाने दिया जा रहा है.
जम्मू कश्मीर के डोडा ज़िले के भद्रवाह में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के विरोध में आयोजित प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषण के बाद तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी. जम्मू कश्मीर में डोडा और किश्तवाड़ ज़िलों में कर्फ्यू लगा दिया गया, जबकि कश्मीर के कुछ हिस्सों में बंद जैसी स्थिति रही. रामबन ज़िले सहित शेष चिनाब घाटी में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.
कृषि क़ानूनों पर किसानों के विरोध के बीच मोदी सरकार ने बार-बार दावा किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी व्यवस्था ख़त्म नहीं होगी, पर आम बजट में इसे दिलाने वाली योजनाओं के फंड में बड़ी कटौती की गई है, जिसके चलते किसानों को उतनी एमएसपी भी नहीं मिलेगी, जितनी सरकार तय करती है.
किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद लापता लोगों का पता लगाने के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. मोर्चा ने अब तक 163 लोगों की पहचान की है, जो या तो जेल या फिर पुलिस हिरासत में हैं.