संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए प्रस्ताव में गाज़ा में मानवीय आधार पर संघर्ष विराम का आह्वान करते हुए अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के महत्व पर ज़ोर दिया गया था. इसमें बंधक बनाए गए सभी नागरिकों की बिना शर्त रिहाई और गाज़ा को ज़रूरी रसद सामग्री की निर्बाध आपूर्ति का आग्रह किया था. भारत प्रस्ताव पर वोटिंग में शामिल नहीं हुआ.
इज़रायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि भारत हमारे आतंकवाद विरोधी अभियानों में मज़बूती से हमारा समर्थन कर रहा है. अब समय आ गया है कि वह हमास को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित करे. उन्होंने हमास के ख़िलाफ़ आतंकवाद विरोधी अभियानों में इज़रायल को समर्थन देने के लिए भारत को धन्यवाद दिया.
दुनिया भर के 1300 से अधिक लेखकों और प्रकाशकों ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें ख्याति प्राप्त फिलीस्तीनी लेखक अदानिया शिबली समेत अन्य उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा गया है कि कई यूरोपीय देशों में फिलिस्तीनी कला, आवाज़ और कहानियों को आगे लाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है.
हमास-नियंत्रित आंतरिक मंत्रालय ने कहा है कि ग़ाज़ा स्थित ऑर्थोडॉक्स ग्रीक चर्च पर इज़रायल के हवाई हमले में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई है. जब हमला हुआ तक यहां ईसाई और मुस्लिम समुदाय के क़रीब 500 लोग शरण लिए हुए थे. इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद इन्हें विस्थापित होना पड़ा था.
बताया गया है कि अस्पताल में मरने वालों की संख्या और बढ़ने की संभावना है. अब तक के आंकड़े 1982 में लेबनान के सबरा और शतीला में इज़रायली सेना और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए नरसंहार के बाद किसी एक घटना में मारे गए फिलिस्तीनियों की सबसे बड़ी संख्या है.
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उत्तर प्रदेश के हमीरपुर ज़िले से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कथित तौर पर फिलिस्तीन का समर्थन करके ‘शत्रुता को बढ़ावा देने’ के आरोप में एक मौलवी को गिरफ़्तार किया गया है. वहीं इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष के संदर्भ में मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए बरेली के एक डॉक्टर के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
गाज़ा में इज़रायली सेना की कार्रवाई के बीच इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ये बस शुरुआत है. वे गाजा स्थित आतंकवादी समूह हमास को 'तबाह' कर देंगे.
वीडियो: इज़रायल के फ़िलिस्तीनियों से गाज़ा छोड़ने की कहने से पहले वहां भोजन, पानी और बिजली की आपूर्ति रोकी जा चुकी थी. यूएन के विनाशकारी नतीजों को लेकर चेताने के बावजूद विश्व के शक्तिशाली देश इज़रायल को युद्ध विराम के लिए क्यों नहीं कह रहे हैं? चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
वीडियो: हमास के हमले के बाद छिड़े इज़रायल-फ़िलिस्तीन युद्ध को लेकर सोशल मीडिया पर एक वर्ग भारत के मुसलमानों को निशाना बना रहा है. इस बारे में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा कि अगर इस तरह के आदेश को रद्द नहीं किया गया, तो यह पहले से ही हुई त्रासदी को बड़ी तबाही में बदल सकता है.
इज़रायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में अब तक सीमा के दोनों ओर 1,200 से अधिक लोग मारे गए हैं.
गाज़ा से होने वाले फिलीस्तीनी हमलों का इज़रायली सरकारों ने लगातार जो एकमात्र समाधान ढूंढा है, वो नाकाफ़ी है- कि अगर वो ज़मीन के रास्ते आए, तो दीवार बना देंगे; अगर रॉकेट दागे, तो इंटरसेप्टर बना लेंगे; अगर हमारे कुछ लोगों को मारा गया, तो उनके कइयों को मार डालेंगे. ऐसे ये सिलसिला लगातार चलता रहेगा.
फिलीस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के लड़ाकों द्वारा गाज़ा की सीमा से लगे इज़रायल के भीतर सैकड़ों मिसाइलें दागी गईं और सैन्य एवं नागरिक ठिकानों पर क़ब्ज़ा कर लिया गया, जिसके बाद इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई की है. इस बीच यरुशलम गए मेघालय के रहने वाले 27 भारतीय इस युद्ध की वजह से वहां फंस गए हैं.
चंडीगढ़ की मॉडल हरनाज़ संधू एमए की पढ़ाई कर रही हैं. इज़रायल में आयोजित प्रतियोगिता में पराग्वे की नादिया फेरेरा दूसरे स्थान पर रहीं, जबकि दक्षिण अफ्रीका की लालेला मसवाने तीसरे स्थान पर रहीं. इज़रायल द्वारा फ़िलीस्तीन के साथ किए जा रहे व्यवहार को लेकर इसके सहयोगी दक्षिण अफ्रीका ने अपने देश की प्रतिभागी का समर्थन नहीं किया था.