IT Rules 2021

पत्रकार निकायों ने आईटी नियमों में मसौदा संशोधन और बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर रोक की निंदा की

नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और आंध्र प्रदेश वर्किंग जर्नलिस्ट फेडरेशन जैसे संगठनों की ओर से कहा गया है कि पीआईबी की भूमिका मीडिया को सरकारी समाचार प्रदान करने की बनी रहनी चाहिए. इसे मीडिया की निगरानी, सेंसर करने और सरकार के लिए असुविधाजनक किसी भी जानकारी को फ़र्ज़ी समाचार के रूप में पहचानने का काम नहीं सौंपा जा सकता है.

आईटी नियम: एडिटर्स गिल्ड ने कहा- पीआईबी को नियामक शक्तियां देना अवैध और असंवैधानिक

सरकार की अधिकृत सूचना इकाई पीआईबी को सोशल मीडिया मंचों पर फ़र्ज़ी ख़बरों की निगरानी का अधिकार दिए जाने के प्रस्ताव पर विभिन्न मीडिया संगठनों ने गहरी चिंता व्यक्त की है. इससे पहले एडिटर्स गिल्ड ने कहा था कि फ़र्ज़ी ख़बरों का निर्धारण सिर्फ़ सरकार के हाथ में नहीं सौंपा जा सकता है, इसका नतीजा प्रेस को सेंसर करने के रूप में निकलेगा.

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री ब्लॉक करने के लिए सरकार ने किन ‘आपातकालीन नियमों’ का इस्तेमाल किया है

बीते सप्ताह सूचना और प्रसारण सचिव द्वारा आईटी नियम, 2021 के नियम 16 का उपयोग करते हुए गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका रेखांकित करने वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए गए थे.

सरकार द्वारा प्रयोग किए जा रहे नए आईटी नियमों पर संसद की विधान समितियों ने चर्चा नहीं की

सरकार ने नए आईटी नियमों को फरवरी 2021 में अधिसूचित किया था. आम तौर पर ऐसे नियमों को चर्चा व बहस के लिए 15 दिनों के भीतर संसद में पेश किया जाना चाहिए. एक आरटीआई अर्ज़ी के जवाब में सामने आया है कि सरकार द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इन नियमों पर लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधान समितियों ने चर्चा नहीं की थी.

सरकार ने भ्रामक सूचनाएं फैलाने के मामले में 16 यूट्यूब चैनलों पर रोक लगाई

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित भ्रामक सूचनाएं फैलाने के मामले में एक फेसबुक अकाउंट और 16 यूट्यूब चैनलों पर रोक लगाई है. इन चैनलों में से छह पाकिस्तान से संचालित हो रहे थे. मंत्रालय ने कहा कि भारत के अनेक यूट्यूब चैनल असत्यापित खबरें और वीडियो प्रसारित कर रहे थे, जिनसे समाज के कई वर्गों में भय का माहौल बन सकता था.

सरकार ने यूट्यूब आधारित 18 भारतीय और चार पाकिस्तानी समाचार चैनलों को बंद किया

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि पिछले साल फरवरी में आईटी अधिनियम, 2021 की अधिसूचना जारी होने के बाद यूट्यूब आधारित भारतीय चैनलों के विरुद्ध इस प्रकार की कार्रवाई पहली बार की गई है. इन 22 यूट्यूब चैनलों के अलावा तीन ट्विटर एकाउंट, एक फेसबुक एकाउंट और एक समाचार वेबसाइट बंद करने का भी निर्देश दिया गया है.

नए आईटी नियमों के तहत केंद्र ने ‘पंजाब पॉलिटिक्स टीवी’ के ऐप, वेबसाइट आदि पर रोक लगाई

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक बयान में दावा किया है कि पंजाब पॉलिटिक्स टीवी प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से संबद्ध है और पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान जनव्यवस्था बिगाड़ने के लिए चैनल द्वारा ऑनलाइन मीडिया का उपयोग करने की खुफ़िया जानकारी मिली थी.

मद्रास हाईकोर्ट ने नए आईटी नियमों के तहत दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई

मीडिया कंपनियों के एक 13-सदस्यीय समूह डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन की याचिका पर कोर्ट का ये आदेश आया है. इससे पहले सितंबर महीने में हाईकोर्ट ने आईटी नियम, 2021 के एक प्रमुख प्रावधान के पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को विनियमित करने के लिए केंद्र द्वारा एक निगरानी तंत्र स्थापित करने का प्रावधान किया गया है.

नए आईटी नियम: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ख़िलाफ़ कितने यूज़र शिकायत दायर कर रहे हैं?

फेसबुक-ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों की अनुपालन रिपोर्ट से पता चलता है कि फ़िलहाल काफ़ी कम यूज़र नए आईटी नियमों के तहत शिकायतें दायर करा रहे हैं. ज़्यादातर कंपनियों को हर महीने एक हज़ार से कम शिकायतें मिल रही हैं.

बॉम्बे हाईकोर्ट के बाद मद्रास उच्च न्यायालय ने नए आईटी नियमों के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई

डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स एसोसिएशन, पत्रकार मुकुंद पद्मनाभन और संगीतकार टीएम कृष्णा की नए आईटी नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर अदालत ने नियम 9 के उपबंध (1) एवं (3) पर रोक लगाई है. ये उप-खंड आचार संहिता के पालन को निर्धारित करते हैं. 

केंद्र ने हाईकोर्ट में किया नए आईटी नियमों का बचाव, कहा- प्रेस की आज़ादी का दुरुपयोग रोकेंगे

सूचना व प्रसारण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से दायर हलफ़नामे में कहा गया कि मीडिया में ग़लत जानकारी के प्रचार के कारण क़ानून व व्यवस्था बिगड़ने के कई मामले सामने आ चुके हैं. नए नियम डिजिटल मीडिया में फ़र्ज़ी ख़बरों से नागरिकों की रक्षा का काम करेंगे.

कोर्ट ने आईटी नियमों के दो प्रावधानों पर लगाई रोक, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति का होना महत्वपूर्ण है. राज्य में सुशासन के लिए देश में जनसेवा में जुटे लोगों की स्वस्थ्य आलोचना/समीक्षा होनी चाहिए, ताकि ढांचागत विकास हो सके, लेकिन नए नियमों के लागू होने के बाद किसी को भी ऐसे किसी व्यक्ति की आलोचना करने से पहले दोबार सोचना पढ़ेगा, फिर चाहे किसी लेखक/संपादक/प्रकाशक के पास इसके लिए उचित कारण ही क्यों न हो.

आईटी नियमों पर विभिन्न हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

संविधान के अनुच्छेद 139ए के तहत केंद्र सरकार ने सात जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की थी, जिसमें आईटी नियमों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने के लिए कहा गया था. अदालत ऐसा करने से मना कर दिया है. 

नए आईटी नियमों का पालन नहीं करने पर एनबीए सदस्यों के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई न हो: अदालत

केरल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर न्यूज़ बॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) की याचिका पर उससे जवाब मांगा है. इस याचिका में दलील दी गई है कि नए आईटी नियम सरकारी अधिकारियों को मीडिया की अभिव्यक्ति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ‘अनुचित रूप से प्रतिबंधित करने’ की ‘अत्यधिक शक्ति’ प्रदान करते हैं.

दो विभागों ने सरकार से कहा था कि आईटी नियम डिजिटल कंटेंट विनियमन की अनुमति नहीं देते: रिपोर्ट

एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय और इंटेलिजेंस ब्यूरो ने आधिकारिक दस्तावेज़ों में कहा है कि भारत में कोई विशिष्ट कानून नहीं है, जो केंद्र सरकार को ऑनलाइन सामग्री को विनियमित करने का अधिकार देता है. फ़िर भी सरकार नियमों के साथ छेड़छाड़ करने का विकल्प चुनते हुए नए आईटी क़ानून लेकर आई.