जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राष्ट्रहित में लिए गए प्रशासनिक फैसलों की अपील पर कोई नहीं बैठ सकता. केवल न्यायालय ही इसे देख सकती है और याचिकाकर्ता इसे नहीं देख सकते.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के विरोध में प्रदर्शन कर रहीं इन महिलाओं को सीआरपीसी की धारा 107 के तहत हिरासत में लेकर श्रीनगर केंद्रीय जेल में रखा गया है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने से पहले हिरासत में लिया गया था.
जम्मू कश्मीर सरकार ने पर्यटकों को राज्य में आने की अनुमति देने के बाद प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा है कि उनकी फैक्ट-फाइंडिंग टीम 4 नवंबर के बाद ही राज्य में आ सकती है.
जम्मू कश्मीर के अख़बारों में विज्ञापन देकर प्रशासन ने कहा है कि पिछले 70 साल से अब तक जम्मू कश्मीर के लोगों को गुमराह किया गया. प्रशासन लोगों से सामान्य गतिविधियां बहाल करने की अपील की है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पांच अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से हिरासत में लिए गए तीन नेताओं यावर मीर, नूर मोहम्मद और शोएब लोन को रिहा किया.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बीजिंग में एक बैठक में भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में बदलाव के बावजूद चीन और पाकिस्तान की मित्रता अटूट और चट्टान जैसी मजबूत है.
अमेरिका में ‘सीनेट इंडिया कॉकस' के सह-अध्यक्ष और अमेरिकी सांसद मार्क वार्नर ने कश्मीर के हालात पर चिंता जताते हुए भारत सरकार से अपील की है कि वह प्रेस, सूचना एवं राजनीतिक भागीदारी की आज़ादी देकर लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन करे.
नई दिल्ली में भारतीय पुलिस सेवा के 2018 बैच के प्रोबेशनरों के साथ बातचीत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर हमेशा के लिए एक केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा और स्थिति सामान्य होने पर उसका राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा.
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीडीपी नेताओं को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती से मुलाकात की अनुमति दी थी. राज्यपाल ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पर्यटकों के लिए जारी सुरक्षा परामर्श वापस लेने का निर्देश दिया. 10 अक्टूबर से आ सकते हैं पर्यटक.
अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति ने कहा कि भारत का कश्मीर में संचार माध्यमों पर पाबंदी लगाने का कश्मीरियों के रोजमर्रा के जीवन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है. भारत के लिए इन प्रतिबंधों को उठाने और कश्मीरियों को किसी भी अन्य भारतीय नागरिक के समान अधिकार और विशेषाधिकार देने का समय है.
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में गृह मंत्रालय ने कहा है कि इस संबंध में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है. ये जानकारी जम्मू कश्मीर सरकार के पास हो सकती है, लेकिन इस आवेदन को वहां ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है क्योंकि केंद्रीय आरटीआई कानून वहां लागू नहीं है.
अमेरिकी सांसद इससे पहले जम्मू कश्मीर के हालात देखने के लिए वहां जाना चाहते थे, हालांकि भारत सरकार ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी थी.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक दिन पहले ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रतिनिधिमंडल को फारूक और उमर अब्दुल्ला से मिलने की मंजूरी दी थी.
भारत सरकार से जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत न मिलने के बावजूद अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद क्रिस वान हालेन इस हफ्ते भारत आए. उन्होंने अधिकारियों और नागरिक समाज के लोगों से मुलाकात की.