कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि प्रज्वल रेवन्ना ने जघन्य कृत्यों की ख़बर सामने आने के तुरंत बाद अपने राजनयिक पासपोर्ट का उपयोग कर 'आपराधिक कार्यवाही से बचने' के लिए 'अपने राजनयिक विशेषाधिकारों का दुरुपयोग' किया है.
बेंगलुरु की एक अदालत ने जनता दल (सेकुलर) सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े यौन शोषण मामले में चल रही कार्यवाही के बारे में मीडिया को पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बारे में ग़लत जानकारी प्रसारित करने से रोकने के लिए एक आदेश जारी किया है.
कर्नाटक के हासन से सांसद और लोकसभा चुनाव में भाजपा और जेडीएस गठबंधन के मौजूदा उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ढेरों महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप है. हासन की एक महिला ने ताजा शिकायत में आरोप लगाया है कि रेवन्ना ने उन्हें ‘यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया’ था.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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जनता दल (सेकुलर) नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना हासन के मौजूदा सांसद हैं. जेडीएस इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में है. बताया जा रहा है कि रेवन्ना देश छोड़कर चले गए हैं और इस समय फ्रांस में हैं.
मई 2023 में विधानसभा चुनाव में हार के बाद जनता दल (सेकुलर) भाजपा के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव में उतर रही है और कर्नाटक में तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी का कहना है कि उनके सामने तीनों सीटों पर जीत हासिल करने की चुनौती है. कर्नाटक के 14 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होना है.
बीते 22 सितंबर को जद (एस) नेता कुमारस्वामी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन की घोषणा की थी. तब से केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र की पार्टी इकाइयों ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर नाराज़गी व्यक्त की है और कुछ नेताओं ने तो पद भी छोड़ दिया है.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को समर्थन देने का ऐलान किया है. हालांकि, पार्टी की केरल इकाई के प्रदेश अध्यक्ष ने गठबंधन में जाने से इनकार करते हुए कहा कि वे राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन एलडीएफ में ही रहेंगे. केरल में पार्टी के दो विधायक हैं, जिनमें से एक मंत्री हैं.
कर्नाटक विधानसभा चुनावों के 1978 से अब तक के पिछले 45 वर्षों के आंकड़े दिखाते हैं कि महिलाओं की भागीदारी में मामूली वृद्धि हुई है और कुछ जीती भी हैं, लेकिन वृद्धि दर बहुत धीमी है. इस बार के चुनावों में 10 महिलाओं ने जीत दर्ज की है. इनमें से तीन भाजपा से, चार कांग्रेस से, दो जेडी (एस) से और एक निर्दलीय प्रत्याशी हैं.
कर्नाटक में 1989 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से जीतने वाले वीरशैव-लिंगायत समुदाय के विधायकों की संख्या 45 थी. इस बार यह संख्या 34 रही. आम तौर पर भाजपा की तरफ़ झुकाव रखने वाले इस समुदाय के कांग्रेस में रुचि दिखाने का कारण उसके नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने से निपटने में भाजपा की उदासीनता को माना जा रहा है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सफलता पर मीडिया को संबोधित करते हुए पार्टी नेता राहुल गांधी ने कहा कि हमने नफ़रत, ग़लत शब्दों से ये लड़ाई नहीं लड़ी. हमने मोहब्बत से दिल खोलकर ये लड़ाई लड़ी और कर्नाटक की जनता ने हमें दिखाया कि इस देश को मोहब्बत अच्छी लगती है.
कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर 10 मई को मतदान संपन्न हुआ था, जिसमें 73.19 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. शुरुआती रुझान कांग्रेस को 116 सीटों पर आगे दिखा रहे हैं, वहीं भाजपा 78 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.
कर्नाटक की चामराजनगर सीट से भाजपा उम्मीदवार वी. सोमन्ना द्वारा जद (एस) प्रत्याशी मल्लिकार्जुन स्वामी को नामांकन वापस लेने के कथित प्रयासों का खुलासा सोशल मीडिया पर प्रसारित एक ऑडियो क्लिप में हुआ. इसके बदले में सोमन्ना ने ‘धन और सरकारी वाहन’ की पेशकश की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आईआईटी-धारवाड़ के नए स्थायी परिसर का उद्घाटन किया गया था. एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सामने आया है कि इस समारोह के लिए लोगों को कार्यक्रम स्थल तक लाने-ले जाने के लिए केएसआरटीसी की बसों पर 2.83 करोड़ रुपये और लंच के लिए 86 लाख रुपये ख़र्च किए गए. आयोजन की ब्रांडिंग पर अलग से 61 लाख रुपये ख़र्च हुए.