हरियाणा के विश्वविद्यालय ने फ़िलिस्तीन संघर्ष पर जेएनयू की प्रोफेसर ज़ोया हसन की वार्ता रद्द की

हरियाणा के गुरुग्राम विश्वविद्यालय द्वारा प्रोफेसर ज़ोया हसन की फ़िलिस्तीन पर वार्ता रद्द करना किसी भारतीय संस्थान में हुई ऐसी पहली घटना नहीं है. इससे पहले जेएनयू और आईआईटी बॉम्बे द्वारा ऐसे सेमिनार और व्याख्यान रद्द किए जा चुके हैं.

जेएनयू ने फिलिस्तीन, लेबनान और ईरान के राजदूतों के कार्यक्रम रद्द किए, कहा- विरोध भड़का सकते हैं

जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज़ के सेंटर फॉर वेस्ट एशियन स्टडीज़ द्वारा पश्चिम एशियाई देशों में चल रहे संघर्ष पर तीन सेमिनार होने थे, जिनमें ईरानी, फिलिस्तीनी और लेबनानी राजदूतों को अलग-अलग शामिल होना था. बताया गया है कि विरोध की आशंका के चलते इन्हें रद्द कर दिया गया.

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ड्यूटी लीव ख़त्म करने और प्रमोशन में देरी को लेकर फैकल्टी सदस्यों ने चिंता जताई

दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले लॉ कॉलेज के सेंटर-1 ने एक आदेश जारी कर दिसंबर तक फैकल्टी के लिए ड्यूटी लीव पर लगभग रोक लगा दी है. कई शिक्षाविदों और फैकल्टी एसोसिएशन ने इसे 'अकादमिक विरोधी क़दम' क़रार दिया है.

भारत के विश्वविद्यालयों में अकादमिक स्वतंत्रता पर गंभीर संकट है

देश के विश्वविद्यालय ख़ासकर केंद्रीय विश्वविद्यालय एक प्रकार से केंद्र सरकार के ‘विस्तारित कार्यालय’ में तब्दील कर दिए गए हैं. कोई भी अकादमिक विभाग बिना प्रशासन की ‘छन्नी’ से गुजरे किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं कर सकता.

कान फिल्म समारोह में पुरस्कृत पायल कपाड़िया बोलीं- लोकतंत्र के लिए आवाज़ों का आज़ाद रहना ज़रूरी

बीते दिनों कान फिल्म समारोह में अवॉर्ड जीतने वाली पायल कपाड़िया ने साल 2015 में एफटीआईआई के अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के ख़िलाफ़ चार महीने तक चले विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की थी. यह प्रदर्शन एफटीआईआई कैंपस में सबसे लंबे चले प्रदर्शनों में से एक था.

जेएनयू प्रशासन ने यौन उत्पीड़न मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे छात्रों को नोटिस जारी किया

बीते 1 अप्रैल को जेएनयू की एक छात्रा ने दो पूर्व छात्रों समेत चार लोगों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी. जेएनयूएसयू अध्यक्ष ने बताया है कि अब पीड़ित छात्रा समेत कुल 21 छात्रों को प्रदर्शन कर यूनिवर्सिटी का गेट बाधित करने का हवाला देकर नोटिस भेजा गया है.

जेएनयू छात्रा ने यौन उत्पीड़न की शिकायत पर प्रशासन की निष्क्रियता के ख़िलाफ़ धरना शुरू किया

जेएनयू की एक छात्रा ने दो पूर्व छात्रों समेत चार लोगों के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि उनकी शिकायत पर प्रशासन की निष्क्रियता के मद्देनज़र उन्होंने परिसर के मुख्य द्वार पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है.

छात्रसंघ चुनाव: संवाद के दायरे सिकुड़ने के बावजूद जेएनयू में हिंदुत्व की दाल गलना मुश्किल है

जेएनयू के नौजवानों ने छात्रसंघ चुनाव के नतीजों में दिखा दिया है कि सत्ता प्रतिष्ठान और हिंदुत्व के आक्रमण के बावजूद वह वैचारिक मज़बूती के साथ खड़ा हुआ है.

‘जेएनयू प्रशासन चाहता है कि उसके ग़लत फैसलों का विरोध न हो, वे जैसे चाहें यूनिवर्सिटी चलाएं’

बीते महीने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने नए नियमों में कैंपस के किसी भी शैक्षणिक या प्रशासनिक भवन के पास धरना देने, विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर 20,000 रुपये के जुर्माने, कैंपस से निष्कासन की बात कही थी. 23 दिसंबर को इसके विरोध में छात्रों ने परिसर में मशाल मार्च निकाला.

जेएनयू: विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर 20,000 रुपये का जुर्माना, कैंपस से निष्कासन भी हो सकता है

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने अपने कैंपस के किसी भी शैक्षणिक या प्रशासनिक भवन के पास धरना देने, भूख-हड़ताल करने या किसी अन्य प्रकार के विरोध पर रोक लगाने के लिए नए नियम जारी किए हैं. इसके अलावा फ्रेशर्स की स्वागत पार्टियों, विदाई या डीजे कार्यक्रम जैसे आयोजन करने पर भी दंड का प्रावधान किया गया है.

जेएनयू: कुलपति आवास के बाहर प्रदर्शन करने पर 16 छात्रों को पूछताछ का नोटिस

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के चार प्रतिनिधियों और 12 छात्रावास अध्यक्षों को कुलपति के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के मामले में जांच में शामिल होने के लिए नोटिस मिला है. जेएनयूएसयू अध्यक्ष ने कहा कि कम से कम पांच छात्रावासों में कई दिनों तक पानी की आपूर्ति बंद होने के कारण प्रदर्शन किया गया था.

पिछले एक साल में जेएनयू की छवि ‘राष्ट्र विरोधी’ से ‘राष्ट्रवादी’ में बदली है: कुलपति

जेएनयू के कुलपति के रूप में एक साल का कार्यकाल पूरा कर चुकीं शांतिश्री डी. पंडित ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय की छवि ‘राष्ट्र विरोधी’ के तौर पर बना दी गई, लेकिन अब जेएनयू अकादमिक नवोन्मेष और अनुसंधान उत्कृष्टता के रूप में लौट आया है.

झूठी बुनियाद पर इतिहास लिखने में माहिर है जेएनयू: कुलपति

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री धुलिपुडी पंडित ने जेएनयू के इतिहासकारों का ज़िक्र करते हुए कहा कि हम झूठी बुनियाद पर इतिहास नहीं लिख सकते, जो हम पिछले 75 साल से करते आ रहे हैं और मेरा विश्वविद्यालय इसमें बहुत अच्छा रहा है, लेकिन अब इसमें बदलाव दिखने लगा है.

दिल्ली: शोध जमा करने की समयसीमा बढ़ाने को लेकर जेएनयू छात्रों ने यूजीसी के बाहर प्रदर्शन किया

जेएनयू के अंतिम वर्ष के पीएचडी और एमफिल छात्रों को इस महीने के अंत तक शोध प्रबंध जमा करवाने को कहा गया है. छात्रों का कहना है कि कोविड महामारी के चलते बर्बाद हुए समय के एवज में पर्याप्त समय न मिलने के चलते वे इस समयसीमा में थीसिस नहीं दे सकेंगे और उन्हें समय विस्तार दिया जाना चाहिए.

जेएनयू: प्रदर्शनों को लेकर विद्यार्थियों पर 15 हज़ार रुपये तक का जुर्माना लगाए जाने का आरोप

आरोप है कि छात्रों पर लगाया गया 10,000 से 15,000 रुपये तक का जुर्माना साल 2018 में हुए एक प्रदर्शन को लेकर है, जब अटेंडेंस अनिवार्य करने के ख़िलाफ़ विद्यार्थी सेमिनार कक्ष में जमा हो गए थे. जेएनयू के चीफ प्रॉक्टर रजनीश कुमार मिश्रा ने कहा कि जुर्माना लगाना कोई नई बात नहीं है. उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए कार्रवाई की जाती है.

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