पेगासस स्पायवेयर पर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक हालिया रिपोर्ट पर सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जिस कथित मामले का संदर्भ दिया गया है, उसकी जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति द्वारा की जा रही है. बागची ने कहा कि 2017 में प्रधानमंत्री की इज़रायल यात्रा के संबंध में कई समझौता-पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका विवरण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने 30 जनवरी को पुलवामा में हुई एक मुठभेड़ को लेकर एक प्रमुख टीवी कमेंटेटर माजिद हैदरी, ऑनलाइन पोर्टल न्यूज़क्लिक के वीडियो पत्रकार कामरान यूसुफ़ और फ्री प्रेस कश्मीर के पत्रकार विकार सैयद को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया था.
राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2021 में देश भर में कम से कम छह पत्रकारों की हत्या हुई, 108 पर हमला हुआ और 13 मीडिया संस्थानों या अख़बारों को निशाना बनाया गया.
पेगासस का मामला उजागर होने के लगभग छह महीने बाद हंगरी के खोजी पत्रकार सैबोल्च पैनयी सहित निशाना बनाए गए छह लोग सरकार के ख़िलाफ़ क़ानूनी क़दम उठा रहे हैं. यूरोपीय संघ के किसी देश में सरकार के ख़िलाफ़ पेगासस प्रभावितों द्वारा दायर यह पहला क़ानूनी मामला है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने शीर्ष अदालत द्वारा पेगासस मामले पर गठित समिति से द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा भारत सरकार द्वारा पेगासस स्पायवेयर खरीदने के दावे पर सरकार से जवाब मांगने का आग्रह किया है. गिल्ड ने यह भी कहा कि समिति की कार्यवाही को बड़े पैमाने पर जनता के लिए खुला रखा जाए, ताकि गवाहों को बुलाए जाने और उनके जवाबों के संबंध में पूरी पारदर्शिता रहे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राजनेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस ख़रीदा था. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर चुप्पी का मतलब केवल अपनी आपराधिक गतिविधि को स्वीकार करना है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत ने 2017 में इज़रायल के साथ रक्षा सौदे के तहत पेगासस ख़रीदा था.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने सालभर की पड़ताल के बाद एक रिपोर्ट में कहा कि भारत सरकार ने साल 2017 में हथियारों की ख़रीद के लिए इज़रायल के साथ हुए दो अरब डॉलर के रक्षा सौदे के तहत पेगासस खरीदा था. रिपोर्ट बताती है कि इज़रायली रक्षा मंत्रालय ने नए सौदों के तहत पोलैंड, हंगरी, भारत समेत कई देशों को पेगासस बेचा.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार के ख़िलाफ़ बोलने वाले नागरिक समाज संगठनों को मानहानि, देशद्रोह, अभद्र भाषा, अदालत की अवमानना संबंधी आरोपों और विदेशी फंडिंग पर नियमों के साथ निशाना बनाया गया है.
एनएसओ ग्रुप के अध्यक्ष का इस्तीफ़ा इज़रायल के एक न्यूज़ पोर्टल द्वारा प्रकाशित उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें दावा किया गया था कि देश की पुलिस ने भी पेगासस खरीदा था और इसे ग़ैरक़ानूनी तरीके से कुछ पूर्व सरकारी कर्मचारियों समेत कई नागरिकों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया था.
15 जनवरी को एक नाटकीय घटनाक्रम में पत्रकार और अख़बार मालिकों के एक समूह ने सशस्त्र-बलों की मौजूदगी में कश्मीर प्रेस क्लब पहुंचकर इस पर क़ब्ज़ा कर लिया था. बाद में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पत्रकारों के कई समूहों के बीच असहमति का हवाला देते हुए इसे अपने नियंत्रण में ले लिया.
रविवार सुबह पत्रकारों के एक समूह ने सशस्त्र-बलों की मौजूदगी में कश्मीर प्रेस क्लब पहुंचकर यहां क़ब्ज़ा कर लिया था. यह नाटकीय परिवर्तन नए प्रबंधन निकाय के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू होने के बाद हुआ था. अब प्रशासन ने कहा कि पत्रकारों के कई समूहों के बीच असहमति के चलते उसने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया है.
श्रीनगर स्थित कश्मीर प्रेस क्लब में रविवार सुबह पत्रकारों का एक समूह सशस्त्र-बलों की मौजूदगी में पहुंचा और यहां क़ब्ज़ा कर लिया. यह नाटकीय परिवर्तन नए प्रबंधन निकाय के चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू होने के बाद हुआ. देश के कई पत्रकार संगठनों ने इसे अवैध और अलोकतांत्रिक बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है.
ये यूट्यूब क्रिएटर्स अपने प्लेटफॉर्म पर ख़बरें प्रसारित करते हुए राजनीति पर चर्चा भी करते हैं. इनमें से कई ने पत्रकार होने का दावा किया है. हालांकि पुलिस ने इनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इनके पास समाचार प्रसारित करने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से कोई अनुमति नहीं है.
सरकार के विरोधियों पर पेगासस स्पायवेयर का इस्तेमाल किए जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में पोलैंड के सत्ताधारी कंज़र्वेटिव पार्टी ‘लॉ एंड जस्टिस’ के नेता और उप-प्रधानमंत्री जारोस्लाव कैकजिंस्की कहा कि इसका इस्तेमाल कई देशों का खुफ़िया विभाग अपराध और भ्रष्टाचार से निपटने में कर रहा है. उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि इसका इस्तेमाल उनके राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने में किया जा रहा है.
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त तकनीकी समिति ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर नागरिकों से यह भी बताने को कहा है कि उन्हें ऐसा क्यों लगता है कि उनके मोबाइल फोन में इज़रायल के एनएसओ ग्रुप द्वारा विकसित पेगासस स्पायवेयर से सेंध लगाई गई होगी. जांच के लिए उन्हें अपना फोन दिल्ली में जमा करना होगा.