मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. कर्नाटक के चुनावी नतीजों के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व और राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार को सत्ता खोने का डर सता रहा है. हालांकि, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के जातीय, सामाजिक और राजनीतिक समीकरण एक-दूसरे से पूर्णत: भिन्न हैं.
पिछले वर्षों में मीडिया के ज़रिये जनता के दिमाग में यह बात घुसाने की कोशिश की गई कि मोदी-शाह की जोड़ी ऐसी अजेय चुनावी मशीन है, जिसे कोई पार्टी हरा नहीं सकती, लेकिन हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की आम जनता ने साबित किया कि लोकतंत्र में एक व्यक्ति का चेहरा नहीं, बल्कि आम जनता का हित सबसे बड़ा है.
वीडियो: कर्नाटक में भाजपा के ख़िलाफ़ कांग्रेस की जीत के मुद्दे पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लक्ष्मण यादव से याक़ूत अली की बातचीत.
सिद्धारमैया दूसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए हैं. उनके और डीके शिवकुमार के अलावा आठ मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली. कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा अपने घोषणा-पत्र में किए गए 5 गारंटियों के वादे को पहली कैबिनेट मीटिंग में मंज़ूरी दे दी गई.
वीडियो: हाल ही में संपन्न हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव और ट्विटर पर झूठ परोसे जाने के संबंध में राजनीतिक विश्लेषक मनीषा प्रियम का नज़रिया.
वीडियो: कर्नाटक में भाजपा की हार के बाद क्या ये कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है? क्या हिंदुत्व की राजनीति हारती हुई नज़र आ रही है. ऐसे ही सवालों को लेकर इतिहासकार और राजनीतिक टिप्पणीकार रामचंद्र गुहा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: कर्नाटक चुनाव में भाजपा के ख़िलाफ़ कांग्रेस को मिली जीत पर वरिष्ठ पत्रकार सबा नक़वी से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: कर्नाटक चुनाव में भाजपा के ख़िलाफ़ कांग्रेस को मिली जीत पर वरिष्ठ पत्रकार सबा नक़वी, राजनीतिक विश्लेषक मनीषा प्रियम और लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सुबीर सिन्हा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
मोदी-शाह की जोड़ी राज्य स्तर पर पार्टी संगठनों पर कड़ा नियंत्रण चाहती है और सभी मुख्यमंत्रियों को अपने अधीन रखना चाहती है. हालांकि, हाल के चुनावों में कांग्रेस ने विकेंद्रीकरण को अपनाते हुए राज्य के नेताओं को आगे रखा है.
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत ने 2015 के दिल्ली और 2020 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की याद दिलाई है, जहां किसी एक दल ने मोदी-शाह के रुतबे को चुनावी मैदान में पछाड़ दिया था. लेकिन फिर भी ऐसा नहीं है कि ऐसी जीत के साथ भारत के लोकतंत्र में अचानक सब ठीक हो गया हो.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह कर्नाटक विधानसभा चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर समूचे प्रचार में अपने पद की गरिमा तक से समझौता किए रखा और मतदाताओं ने जिस तरह उनकी बातों की अनसुनी की, उसका साफ़ संदेश है कि भाजपा के ‘मोदी नाम केवलम्’ वाले सुनहरे दिन बीत गए हैं.
वीडियो: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत के साथ जीत हासिल की है. कांग्रेस को जहां 224 सीटों में 135 सीटें मिलीं हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यापक प्रचार-प्रसार के बावजूद भाजपा के खाते में सिर्फ़ 66 सीटें ही आई हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 104 सीटों को अपने नाम किया था.
वीडियो: कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस को मिली जीत के बाद दिल्ली स्थिति पार्टी मुख्यालय पर जश्न का माहौल नज़र आया. द वायर की टीम ने यहां मौजूद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से इस संबंध में बातचीत की.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटे हासिल कर पूर्ण बहुमत के साथ जीत दर्ज की है. पिछले विधानसभा चुनाव की अपेक्षा कांग्रेस 55 सीटों के फायदे में रही, वहीं भारतीय जनता पार्टी को 38 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है. जनता दल (सेकुलर) के लिए भी चुनावी नतीजे निराशाजनक रहे हैं.
कुछ न्यूज़ एंकरों को केंद्र में मंत्री बना देना चाहिए या फिर मंत्री को अब एंकर बनाने का वक़्त आ गया है.